मानव अधिकार आयोग ने तीन मामलों में मांगा संज्ञान

Khabar Nation

भोपाल
तीन मामलों में संज्ञान

मप्र मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष श्री मनोहर ममतानी ने विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित प्रथम दृष्टया मानव अधिकार उल्लंघन के ‘तीन मामलों में संज्ञान’ लेकर संबंधितों से जवाब मांगा है।

पुलिस कस्टडी में महिला की हालत बिगड़ी, अस्पताल में मौत
रीवा जिले के सिविल लाईन थाना में बीते सोमवार को पुलिस कस्टडी में चोरी के मामले में एक महिला से पूछताछ चल रही थी। पूछताछ के दौरान महिला की तबीयत बिगड़ गई। तत्काल सिविल लाईन थाना पुलिस द्वारा महिला को संजय गांधी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान महिला की मौत हो गई। महिला घरेलू कामकाज करती थी। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने एसपी, रीवा से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही का तथ्यात्मक प्रतिवेदन एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट, रीवा द्वारा धारा 176(1ए) दण्ड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत जांच की जा रही हो तो जिला एवं सत्र न्यायाधीश, रीवा से दो माह मे प्रतिवेदन मांगा है।  

पुलिस हिरासत में हालत बिगड़ी, दलित को सड़क पर छोड़ भागी पुलिस

मुरैना जिले के सिविल लाईन थाना में बीते मंगलवार को आबकारी एक्ट के मामले में गिरफ्तार 60 वर्षीय दलित मलखान सिंह सौलंकी की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार सिविल लाईन थाना पुलिस जौरा रोड़ स्थित मुंगावली गांव में रामविलास सोलंकी को गिरफ्तार करने पहंुची थी। वह नही मिला तो उसके पिता मलखान सिंह एवं भतीजे अजय सोलंकी को हिरासत में ले लिया। आरोप है कि पुलिस मलखान सिंह की मारपीट की। मलखान की हालात बिगड़ी तो पुलिस ने उसे सड़क पर ही छोड़ दिया। अजय ने अपने पिता को बुलाया तो वे मलखान को जिला अस्पताल ले गये, जहां मलखान सिंह की मौत हो गई। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने एसपी, मुरैना से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

छात्रा ने शिक्षक पर लगाया प्रताड़ना का आरोप

सतना जिले के चित्रकूट में महात्मा गंाधी विश्वविद्यालय की
 एक छात्रा द्वारा खेल संकाय के डीन पर प्रताड़ना का आरोप लगाने का मामला सामने आया है। कुछ दिन पहले काॅलेज कैपंस मे इस मुद्दे पर हंगामा हुआ था जिसका वीडियो वायरल भी हुआ था। पहले भी डीन पर प्रताड़ना के आरोप लगे थे, लेकिन उन पर कोई कार्यवाही नही की गई थी। छात्रा ने डीन पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं एसपी, सतना से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह मंे जवाब मांगा है। 

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