मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग की अनुशंसाऐं

Khabar Nation 

आयोग की अनुशंसा पर मृतक कर्मी के वारिसों को मिला पांच लाख रूपये का भुगतान

मप्र मानव अधिकार आयोग द्वारा अनुशंसा करने पर मृतक कर्मी के वैध वारिसों को आर्थिक सहायता राशि पांच लाख रूपये एवं कर्मचारी भविष्य निधि के तहत् न्यूनतम पेंशन राशि एक हजार रूपये प्रदान किये जायेगे और कामकार क्षतिपूर्ति के तहत 12 लाख रूपये की राशि प्रदान किये जाना है। मामला राजगढ़ जिले का है। आयोग के प्रकरण क्र. 3417/राजगढ़/2023 के अनुसार दिनांक 17.05.2023 को राजगढ़ जिले के औद्योगिक क्षेत्र पीलूखेड़ी स्थित फेक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारी की मृत्यु हो गई थी। जोकि एक दैनिक समाचार पत्र में खबर प्रकाशित हुई थी। आयोग द्वारा खबर पर संज्ञान लिया गया था। आयोग ने मामले की निरंतर सुनवाई की। कलेक्टर, राजगढ़ से प्रतिवेदन मांगा था। कलेक्टर, राजगढ़ ने प्रतिवेदन दिया कि मृतक कर्मी के परिजनों को आर्थिक सहायता राशि रूपये 5 लाख एवं कर्मचारी भविष्य निधि के तहत् न्यूनतम पेंशन 1 हजार रूपये प्रदान किये जाना है, और कामगार क्षतिपूर्ति के तहत भी 12 लाख रूपये की राशि भी प्रदान किये जाना है।

आयोग की अनुशंसा पर मृतक के वारिसों को मिला चार लाख रूपयें का भुगतान

मप्र मानव अधिकार आयोग द्वारा अनुशंसा करने पर मृतक किसान के वैध वारिसों को चार लाख रूपये मुआवजा राशि का भुगतान हो गया है। मामला मंदसौर जिले का है। आयोग के प्रकरण क्र. 3833/मंदसौर/2023 के अनुसार मंदसौर जिले के ग्राम कित्तुखेड़ी में दिनांक 01.06.2023 को घातक विघुत दुर्घटना में किसान श्री रामसिंह पिता बापूसिंह निवासी कित्तुखेड़ी की मृत्यु हो गई थी। जोकि एक दैनिक समाचार पत्र में खबर प्रकाशित हुई थी। आयोग द्वारा खबर पर संज्ञान लिया गया था। आयोग ने मामला दर्ज कर अधीक्षक यंत्री, पश्चिम क्षेत्र विघुत वितरण क.लि. मंदसौर से जवाब-तलब किया। अधीक्षक यंत्री, पश्चिम क्षेत्र विघुत वितरण क.लि. मंदसौर से प्रतिवेदन प्राप्त हुआ जिसके अनुसार मृतक किसान के वारिसों को चार लाख रूपये की आर्थिक सहायता राशि कलेक्टर, मंदसौर के द्वारा दी जा चुकी है।

 आयोग की अनुशंसा पर मृतकों के वारिसों को मिला चार-चार लाख रूपयों का भुगतान


मप्र मानव अधिकार आयोग द्वारा अनुशंसा करने पर मृतक युवकों के वैध वारिसों को चार-चार लाख रूपये मुआवजा राशि का भुगतान हो गया है। मामला देवास जिले का है। आयोग के प्रकरण क्र. 6345/देवास/2023 के अनुसार दिनांक 17.08.2023, देवास जिले के भैरवकुंड में डूबने से तीन दोस्तों की मृत्यु हो गई थी। जोकि एक दैनिक समाचार पत्र में खबर प्रकाशित हुई थी। आयोग द्वारा खबर पर संज्ञान लिया गया था। आयोग ने मामला दर्ज कर लिया और कलेक्टर, देवास से जवाब-तलब किया। आयोग ने मामले की निरंतर सुनवाई की। कलेक्टर, देवास से प्रतिवेदन प्राप्त हुआ जिसके अनुसार मृतक जफर, आसीन व सुखिया के वैध वारिसों को चार-चार लाख रूपये की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत हो गई है।

आयोग के हस्तक्षेप से बंद पड़े इंटेकवेल, फिल्टर प्लांट और पेयजल टंकी पुनः चालू हुई
मप्र मानव अधिकार आयोग द्वारा हस्तक्षेप करने पर जल यंत्रालय स्थित फिल्टर प्लांट चालू कर दिया गया है एवं साथ ही नवीन इंटेकवेल से शहर में पेयजल सप्लाय भी प्रारंभ कर दी गई है। मामला शाजापुर जिले का है। आयोग के प्रकरण क्रं. 3162/शाजापुर/2023 के अनुसार आयोग द्वारा खबर पर संज्ञान लिया गया और कलेक्टर, शाजापुर से जांच कराकर प्रतिवेदन मांगा था। आयोग ने मामले की निरंतर जांच की। कलेक्टर, शाजापुर के प्रतिवेदन अनुसार जल यंत्रालय स्थित फिल्टर प्लांट शीघ्र ही चालू कर दिया गया एवं साथ ही नवीन इंटेकवेल से शहर में पेयजल सप्लाय भी प्रारंभ कर दी गयी है।


आयोग के हस्तक्षेप पर विधवा महिला की पेंशन पुनः शुरू की गई

मप्र मानव अधिकार आयोग द्वारा हस्तक्षेप करने पर एक विधवा महिला की विधवा पेंशन पुनः बहाल कर दि गई। मामला रायसेन जिले का है। आयोग के प्रकरण क्रं 3492/रायसेन/2023 के अनुसार रायसेन जिले के ग्राम पंचायत बड़गवां में एक बेसहारा विधवा को विधवा पेंशन पोर्टल पर मृत घोषित कर उसकी मासिक पेंशन बंद कर दि गई थी। जोकि एक दैनिक समाचार पत्र में खबर प्रकाशित हुई थी। आयोग द्वारा खबर पर संज्ञान लिया गया था। आयोग ने मामला दर्ज कर लिया और कलेक्टर, रायसेन से जवाब-तलब किया। आयोग ने मामले की निरंतर सुनवाई की। कलेक्टर, रायसेन से प्रतिवेदन प्राप्त हुआ जिसके अनुसार विधवा महिला श्रीमती शांतिबाई को मृत घोषित किये जाने के मामलें में ग्राम रोजगार सहायक एवं प्रभारी की संविदा सेवा तत्काल् प्रभाव से समाप्त कर दी गयी एवं श्रीमती शांतिबाई को मासिक विधवा पेंशन पुनः बहाल कर दी गयी है एवं प्रतिमाह महिला के बैंक खाते में पोर्टल के माध्यम से भुगतान की जा रही है।

आयोग की अनुशंसा करने पर पीड़ित छात्र को मिला न्याय

मप्र मानव अधिकार आयोग द्वारा अनुशंसा करने पर छात्रावास में रैगिंग और मारपीट करने के मामले में उत्तरदायी छात्रों पर कार्यवाही करते हुये पीड़ित छात्र को मिला न्याय। मामला भोपला जिले का है। आयोग के प्रकरण क्रं 1326/भोपाल/2023 के अनुसार इंदौर में पदस्थ वरिष्ठ आईपीएस के बेटे की नेशनल लाॅ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी (एनएलआइयू), भोपाल में  उनके बेटे के साथ छात्रावास में रैगिंग और मारपीट की शिकायत की थी। जोकि एक दैनिक समाचार पत्र में खबर प्रकाशित हुई थी। आयोग द्वारा खबर पर संज्ञान लिया गया था। आयोग ने मामला दर्ज कर पुलिस कमिश्नर, भोपाल एवं रजिस्टार, एनएलआईयू भोपाल से जवाब-तलब किया। आयोग ने मामले की निरंतर सुनवाई की। आयोग को कुल सचिव राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय, भोपाल से प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार घटना के संबंध में एन टी रैगिंग कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार उत्तरदायी छात्रों को तत्काल प्रभाव से छात्रावास से निष्काषित किया गया है एवं छात्रावास परिसर में सीसीटीव्ही केमरे लगे हैं तथा सुरक्षा कर्मी तैनात किये गये हैं।

आयोग के हस्पक्षेप पर अशासकीय विश्वविद्यालयों की मान्यता समाप्त की गई


मप्र मानव अधिकार आयोग द्वारा हस्तक्षेप करने पर दो अशासकीय महाविद्यालय की मान्यता समाप्त की गयी है। मामला सिंगरौली जिले का है। आयोग के प्रकरण क्रं. 3935/भोपाल/2023 के अनुसार तीन ऐसे डिग्री काॅलेज थें, जिनकी मान्यता ग्रामीण अंचल की हैं लेकिन वह तीनों काॅलेज शहर में संचालन हो रहे थे। जोकि एक दैनिक समाचार पत्र में खबर प्रकाशित हुई थी। आयोग द्वारा खबर पर संज्ञान लिया गया था। आयोग ने मामला दर्ज कर प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा विभाग मत्रंालय, भोपाल से जवाब-तलब किया। आयोग ने मामले की निरंतर सुनवाई की। आयोग को अवर सचिव उच्च शिक्षा विभाग से प्रतिवेदन प्राप्त जिसके अनुसार हाईटेक इंस्टीटयूट आॅफ टेक्निकल एजुकेशन बरगवां एवं आशा डिग्री काॅलेज बैढ़न दोनों अशासकीय महाविद्यालय की मान्यता समाप्त की गई है और आई.जी.गु्रप डिग्री काॅलेज नौगई पड़ेनिया को चेतावनी जारी की गई है।

आयोग के प्रयासों से आवेदिका को मिली विकलांग पेंशन की स्वीकृति

मप्र मानव अधिकार आयोग द्वारा हस्तक्षेप करने पर एक आवेदिका को उसकी विकलांग पेंशन की स्वीकृति मिल चुकी है। मामला सीहोर जिले का है। आयोग के प्रकरण क्रं 7550/सीहोर/2022 के अनुसार दिनांक 09.11.2022 को आवेदिका कमला बाई के द्वारा पुष्पा पिता श्री जोरावर के दिमागी हालत से विकलांग होने पर पेंशन बनवाये जाने एवं आर्थिक सहायता दिलाये जाने के लिये आयोग में शिकायत की थी। आयोग ने शिकायत दर्ज कर कलेक्टर शाजापुर से जववा-तलब किया। आयोग ने निरंतर सुनवाई की। कलेक्टर शाजापुर के प्रतिवेदन अनुसार आवेदिका कमला बाई के द्वारा पुष्पा पिता श्री जोरावर की दिनांक 26.06.2023 से विकलांग पेंशन प्रारम्भ हो गई है। आवेदिका ने पेंशन प्रारम्भ होने पर आयोग को पत्र के द्वारा धन्यवाद भी प्रेषित किया है।

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