कुएं का दूषित पानी पीने से तीस से अधिक बीमार

भोपाल, मंगलवार 22 अगस्त 2023

‘11 मामलों में संज्ञान’’

मप्र मानव अधिकार आयोग के मान. अध्यक्ष श्री मनोहर ममतानी एवं माननीय सदस्य श्री राजीव कुमार टंडन ने ‘11 मामलों में संज्ञानलेकर संबंधितों से जवाब मांगा है।

खबर नेशन/ Khabar Nation

गढ्ढे में डूबने से मासूम की मौत

भोपाल शहर में कोलार थानाक्षेत्र के कजलीखेड़ा में बीते गुरूवार को प्रदीप अहिरवार की डेढ़ वर्षीय मासूम वेदिका की घर के बाहर सड़क पर बने गढ्ढे में मुंह के बल गिर जाने के कारण गढ्ढे के पानी में डूबने से मौत हो गई। जब माता पिता की नजर मासूम पर पड़ी, तो वह उसे तत्काल अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डाक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। कोलार पुलिस ने मर्ग कामय कर हादसे की जांच शुरू कर दी है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर मृत बालिका के वैध वारिसों को शासन की योजना/नियमानुसार देय मुआवजा राशि प्रदाय के संबंध में की गई कार्यवाही के बारे में एक माह में जवाब मांगा है।

मासूम का कुएं में मिला शव, दो दिन से थी लापता

भोपाल शहर के बैरसिया थानाक्षेत्र के कढैया शाह गांव में बीते गुरूवार को लापता हुई एक मासूम का शव एक कुएं में मिलने का मामला प्रकाश में आया है। खबर के अनुसार मासूम रत्ना कुशवाह रोजाना की तरह ही बीते गुरूवार को घर से खेलने का बोलकर निकली थी। शाम तक घर वापस न आने पर परिजनों ने घर के नजदीक मासूम की तलाश की, परंतु उसका कहीं पता नहीं चला, तो परिजनों ने थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। बीते शनिवार को बच्ची का शव कुएं में पड़े होने की खबर मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कुएं से बाहर निकाला और शव को पीएम के लिये भेजा। पुलिस हादसे की जांच में जुटी है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर मृत बालिका के वैध वारिसों को शासन की योजना/नियमानुसार देय मुआवजा राशि प्रदाय के संबंध में की गई कार्यवाही के बारे में एक माह में जवाब मांगा है।

रेलवे स्टेशन पर आॅटो प्रीपेड बूथ रात को बंद, यात्रियों से दोगुना किराया वसूलकर अभद्रता भी करते हैं आॅटो चालक

भोपाल के मुख्य रेल्वे स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा दोनों भगवान भरोसे है। ताजा मामला आॅटो प्रीपेड बूथ का सामने आया है। यह बूथ रात को बंद रहता है। इसके आसपास कई आॅटो खड़े रहते हैं। शहर मंे आने वाले और विभिन्न रहवासी क्षेत्रों की ओर जाने वाले यात्रियों से आॅटो चालक मनमाना किराया वसूलते हैं। किराये की बात पर ये आॅटो चालक बहस और अभद्रता भी करते हैं। यहां यात्रियों के साथ किसी भी प्रकार की अनहोनी होने की आशंका बनी रहती है। यदि उपरोक्त आॅटो प्रीपेड बूथ खुला रहेगा, तो आॅटो चालक तय किराया सूची के आधार पर ही यात्रियों से किराया ले सकेंगे। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने पुलिस उपायुक्त, भोपाल (शहर) से प्रकरण की जांच कराकर एक माह में जवाब मांगा है।

गढ्ढे की शिकायत सीएम हेल्पलाईन में फोर्स क्लोज, वह गढ्ढा निकला 11 फीट लंबा और 4 फीट चैड़ा

भोपाल शहर के बागसेवनिया इलाके के अमराई से नाग मंदिर के बीच मुख्य सड़क पर बने गढ्ढों से परेशान होकर करीबन 22 रहवासियों ने सीएम हेल्पलाईन पर शिकायत दर्ज कराई थाी, लेकिन नगर निगम के अधिकारियों शिकायत को यह कहकर फोर्स क्लोज कर रहे हैं कि यहां नई सड़क बनाने की मांग है। सड़क पर बने उन गढ्ढों में से एक गढ्ढा ऐसा भी है जो 11 फीट लंबा, 4 फीट चैडा और 2 इंच गहरा है। यह गढ्ढा राहगीरों के लिये गंभीर दुर्घटना का करण बन सकता है।  मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं कमिश्नर, नगर निगम, भोपाल से प्रकरण की जांच गई कार्यवाही के संबंध में 15 दिन में जवाब मांगा है।

दुकानदारों ने सड़के किनारे गाडे़ एंगल, बेबस नगर निगम

भोपाल शहर के रायसेन रोड़ पर आईटीआई तिराहे से जेके रोड़ तक सड़क के किनारे फलों की दुकान लगाने वाले दुकानदारों ने अपनी दुकान को ढंकने वाली तिरपाल को बांधने के लिये लोहे के एंगल गाड़ रखे हैं, जिससे राहगीरों के साथ गंभीर दुर्घना घटित होने के संभावना बनी रहती है। भेल इलाके के कर्मवीर नगर निवासी एक राहगीर ने एक दैनिक समाचार पत्र के संवाददाता को बताया कि वह एक दिन रात करीब आठ बजे घर जा रहे थे, तभी उनकी मोटरसायकल अचानक इन एंगलों की चपेट में आ गई और वे गंभीर रूप से घायल हो गये। इस तरह से लोहे के एंगल गाड़कर तंबू लगाना गलत है। यह जानलेवा साबित हो सकता है। इधर नगर निगम द्वारा इस अतिक्रमण को हटाने के दो-तीन घंटे बाद ही दुकाने फिर से लग जाती हैं। इस प्रकार नगर निगम भी बेबस नजर आता है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं कमिश्नर, नगर निगम, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर जनसुरक्षा के संबंध में राजमार्ग पर स्थित जोखिमपूर्ण स्थिति के निवारण हेतु की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

मुरैना के एक काॅलेज में सात विषयों के लिये हैं सिर्फ एक शिक्षक

मुरैना जिले के रिठौराकलां काॅलेज में सात विषयों को पढ़ाने के लिये सिर्फ एक शिक्षक पदस्थ है, वह भी अंग्रेजी विषय के। इस काॅलेज को तलाशने में खासी परेशानी होती है। क्योंकि कुल छह कमरों वाले इस काॅलेज की बिल्डिंग में दो कमरों में क्लास और एक कमरे में आॅफिस है, बाकी तीन कमरों में भूसा और कंडे भरे हैं। क्लास में रखी कुर्सियों पर मकड़ी के जाले और धूल की परत जमा है। काॅलेज में पदस्थ एकमात्र असिस्टेंट प्रोफेसर विवेकानंद झा कहते हैं कि यहां उनके अलावा और किसी की नियुक्ति नहीं है। इसीलिये क्लर्क से लेकर चैकीदार तक के सभी काम उन्हें ही करने पड़ते हैं। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने प्रमुख सचिव, मप्र शासन, उच्च शिक्षा विभाग, मंत्रालय, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर शिक्षा के मौलिक एवं मानव अधिकारों के उपयोग स्थल को आवश्यक व्यवस्थाओं के साथ संचालित करने के संबंध में की गई कार्यवाही के बारे में एक माह में जवाब मांगा है।

मेडिकल काॅलेज में रैगिंग, चार छात्र हाॅस्टल से निष्कासित

जबलपुर शहर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल काॅलेज के हाॅस्टल-2 में रैगिंग का मामला सामने आया है। एमबीबीएस 2022 बैच के एक छात्र से चार सीनियर छात्रों ने रैगिंग कर बुरी तरह से मारपीट की। पीड़ित छात्र ने वाॅर्डन से इस घटना की शिकायत की। इस घटना की पुष्टि होने पर चारों छात्रों को हाॅस्टल से निष्कासित कर दिया गया है। मामले की आगे की कार्यवाही काॅलेज की एंटी रैंगिंग कमेटी करेगी। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने डीन, मेडिकल काॅलेज, जबलपुर एवं संचालक, चिकित्सा शिक्षा, भोपाल, मध्यप्रदेश से प्रकरण की जांच कराकर एंटी रैगिंग की क्या गाईडलाइन जारी की गई है ? के संबंध की गई कार्यवाही के बारे में एक माह में जवाब मांगा है।

मध्यान्ह भोजन में मिली मरी हुई छिपकली, नोटिस जारी

सीधी जिले में जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर बीते शुक्रवार को सीएसी एवं प्राचार्य, खड्डी द्वारा शासकीय हाईस्कूल, मौरा का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान जांचकर्ता अधिकारियों की नजर जब बच्चों के मध्यान्ह भोजन पर पड़ी, तो उनके होश उड़ गये, दाल में मरी हुई छिपकली पड़ी हुई थी। इस पर जांच दल ने तत्काल मध्यान्ह भोजन का वितरण रूकवा दिया गया। इस मामले में स्व सहायता समूह के संचालक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, सीधी से प्रकरण की जांच कराकर शासकीय स्कूल में मध्यान्ह भोजन वितरण में पायी गयी त्रुटि के संबंध में कार्यावाही कर बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

गावं से लेकर शहर तक बिक रही अवैध शराब

सीधी जिले में गांव से लेकर शहर तक अवैध शराब की बिक्री का मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक जिला मुख्यालय से 10 किमी दूर कुचवाही मुख्य मार्ग से करीब 300 मीटर दूर संचालित शासकीय मदिरा की दुकान के बगल में तीन कमरों में खुलेआम अहाता चल रहा है। हर दिन यहां पुलिस का आना-जाना लगा रहता है। इसके बावजूद भी पुलिस अपने हाथ पीछे खींचने में लगी रहती है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, सीधी से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

जहरीले धुएं से निजात मिलने में अभी समय

सीहोर जिले के ब्रह्मपुरी, देवनगर एवं इंद्रानगर काॅलेानी में निवासरत् हजारों नागरिक ट्रंेचिंग गाऊण्ड से उठने वाले धुएं से परेशान हैं। क्योंकि सालों से इस जगह पर कचरे का ढेर लगा हुआ है, जिसका निपटान होना अभी बाकी है। लोगों को इस धुएं के कारण दमा, अस्थमा, सांस फूलना आदि बीमारियों ने जकड़ रखा है। मुख्य नगर पालिका अधिकारी, सीहोर कहते हैं कि यहंां ट्रांसफार्मर लगाने के लिये पांच लाख रूपये विद्युत कंपनी को दे दिये गये है। जल्द ही यहां प्लांट शुरू हो जायेगा, तब नागरिकों को इस बड़ी परेशानी से निजात मिल जायेगी। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने क्षेत्रीय प्रबंधक/संचालक, क्षेत्रीय कार्यालय, मप्र प्रदूषण निंयत्रण बोर्ड, पर्यावरण परिसर, अरेरा काॅलोनी, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में 15 दिन में जवाब मांगा है।

कुएं का दूषित पानी पीने से तीस से अधिक बीमार

सिवनी जिले की छपारा तहसील के ग्राम खुर्सीपार में कुएं का दूषित पानी पीने से तीस से अधिक ग्रामीण बीमार हो गये। डायरिया से पीड़ित इन सभी लोगों का छपारा के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में ईलाज चल रहा है। मालूम हो कि कुएं के पास एक गढ्ढा है, उसके दूषित पानी भरा है। यह दूषित पानी रिसकर कुएं में जा रहा है, दूषित पानी पीने से ग्रामीणों में बीमारी फैल रहीहै। बीएमओ छपारा का कहना है कि उनकी टीम मरीजों का लगातार ईलाज कर रही है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, सिवनी से प्रकरण की जांच कराकर दूषित पानी की समस्या के निवारण के संबंध में की गई कार्यवाही के बारे में 15 दिन में जवाब मांगा है।

आयोग द्वारा संज्ञान लेने पर मृतक की धर्मपत्नी को मिले पांच लाख रूपये

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा 20 अक्टूबर 2020 को एक दैनिक समाचार पत्र में मंडला जिला निवासी एक युवक की पुलिस हिरासत में मौत हो जाने संबंधी प्रकाशित खबर पर संज्ञान लिया था। आयोग ने डीजीपी, मध्यप्रदेश एवं एसपी, मंडला से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में जवाब मांगा था। आयोग द्वारा मामले पर संज्ञान लेने पर पुलिस मुख्यालय, भोपाल, मप्र ने आयोग को प्रतिवेदन दिया है कि प्रकरण की जांच कराने के उपरांत पुलिस हिरासत में मृतक श्याम सिंह विश्वकर्मा की धर्मपत्नी श्रीमती मेमवती विश्वकर्मा को पांच लाख रूपये क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान कर दिया गया है। चूंकि मृतक की धर्मपत्नी को मुआवजा राशि मिल चुकी है, अतः आयोग में अब यह प्रकरण समाप्त कर दिया गया है।

आयोग द्वारा अनुशंसा करने पर स्कूली बच्चों से जूठे बर्तन न धुलवाने संबंधी निर्देश जारी

निर्देश का उल्लंघन करने पर स्व सहायता समूह काली सूची में दर्जकर दंड कार्यवाही के पात्र होंगे
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा जबलपुर जिले से प्रकाशित एक दैनिक समाचार पत्र के दो फरवरी 2017 के अंक में प्रकाशित समाचार ‘‘स्कूलों में बच्चों से धुलवा रहे जूठे बर्तन’’ शीर्षक खबर पर संज्ञान लिया गया था। मामले में आयोग ने कलेक्टर, जबलपुर सहित स्कूल शिक्षा विभाग से जवाब-तलब किया था। आयोग द्वारा मामले की निरंतर सुनवाई की गई और राज्य शासन से अनुशंसा की थी कि स्कूली बच्चों से जूठे बर्तन नहीं धुलवाये जायें। इस पर प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, मप्र शासन के अधीन गठित संस्था) या कहें पीएम पोषण योजना के राज्य समन्वयक ने आयोग को प्रतिवेदन दिया है कि उनकी संस्था द्वारा निर्देश जारी किये गय हैं कि ‘‘प्रदेश के सभी शासकीय विद्यालयों में, जहां पीएम पोषण अंतर्गत मध्यान्ह भोजन की सुविधा दी जा रही है, वहां मध्यान्ह भोजन के उपरांत जूठे बर्तनों की साफ-सफाई विद्यार्थियों से नहीं कराई जाये और इसके लिये अलग से मध्यान्ह भोजन प्रदाता संस्था (स्व सहायता समूह) पर ही स्पष्ट जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाये। इस निर्देश का उल्लंघन करने की स्थिति में मध्यान्ह भोजन तैयार करने में संलग्न क्रियान्वयन एजेंसियों का अनुबंध रद्द करते हुये उन्हें काली सूची (ब्लेक लिस्टेड) में दर्ज करते हुये दण्डात्मक कार्यवाही की जाये।’’ चूंकि आयोग की अनुशंसा के अनुरूप सर्वसंबंधितों को निर्देश जारी कर दिये गये हैं, अतः आयोग में अब यह प्रकरण समाप्त कर दिया गया है।

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