बेटे ने बैंक खाते से 32 लाख निकाले, पैसे मांगे तो मां को पीटा

भोपाल,  सितम्बर 2023

‘‘दस मामलों में संज्ञान’’

मप्र मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष श्री मनोहर ममतानी एवं माननीय सदस्य श्री राजीव कुमार टंडन ने दस मामलों में संज्ञानलेकर संबंधितों से जवाब मांगा है।

खबर नेशन/ Khabar Nation

जेपी में कहीं खुले पडे़ हैं बिजली के डिब्बे, तो कहीं सीलन, शाॅर्ट सर्किट का खतरा

जेपी अस्पताल, भोपाल में जगह-जगह अव्यवस्थायें फैली हैं। कहीं एमसीबी बाॅक्स खुले पड़े हैं, तो कहीं दीवारों पर सीलन है। इसके चलते यहां हमेशा शाॅर्ट सर्किट का खतरा बना रहता है। यह हाल तब हैं जब अधिकारियों ने सतपुड़ा भवन में लगी आग का कारण शाॅर्ट सर्किट को बताया था। ऐसे में अस्पताल में इस तरह की स्थिति मरीजों की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है। सिविल सर्जन का कहना है कि अस्पताल मंे लगातार व्यवस्थाओं का विस्तार किया जा रहा है। ऐसे में जो बिजली के बाॅक्स व सीलन की समस्या है उसे भी दूर किया जायेगा। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने आयुक्त, स्वास्थ्य सेवाएं, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में 15 दिन में जवाब मांगा है।

बेटे ने बैंक खाते से 32 लाख निकाले, पैसे मांगे तो मां को पीटा

भोपाल की अरेरा काॅलोनी में एक कलयुगी बेटे द्वारा अपनी मां के बैंक खाते से 32 लाख रूपये धोखे से निकाल लेने का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार पीडिता रामकुमारी को अपने बड़े बेटे चेतन पर शक हुआ, तो छोटे बेटे से बैक खाते का स्टेटमेंट निकलवाया। जब खाते में कुल दो हजार रूपये शेष होने का पता चला, तो बेटे से पैसे वापस मांगे। बड़े बेटे चेतन से मां ने जब पैसों  का हिसाब मांगा, तो उसने मां की पिटाई कर दी। पीडिता जब थाने पहुंची, तो उसे वहां भी उसे कोई राहत नहीं मिली। पुलिस ने आधी अधूरी रिपोर्ट लिखकर कहा कि यह पैसे गबन का आपका पारिवारिक मामला है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने पुलिस कमिश्नर, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

ओपीडी के पर्चे पर मिलता है टोकन नंबर, घंटों लाईन में लगते हैं मरीज

जेपी अस्पताल, भोपाल में आने वाले मरीजों की सुविधा के लिये पांच साल पहले टोकन सिस्टम चालू किया गया था, लेकिन बाद में गड़बड़ होने लगी। डाक्टर्स के कक्ष के बाहर टोकन नंबर प्रदर्शित करने वाली डिस्प्ले पर केवल रेड लाईन ही नजर आती है। देखरेख नहीं होने से यह व्यवस्था अब बंद नजर होती आ रही है। बड़ी संख्या में मरीजों की भीड़ लाईन मंे लगकर ईलाज कराने को मजबूर है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने सीएमएचओ, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर ओपीडी के टोकन नंबरों का चिकित्सकों के कक्षों के बाहर डिस्प्लेबोर्ड पर कार्यशील अवस्था में होने का सत्यापन कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में 10 दिन में जवाब मांगा है।

अस्पताल तक मरीजों का पहुंचना तक मुश्किल, कीचड़ में एम्बुलेंस भी फंस रही

भोपाल शहर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, कोलार तक पहुंचने के लिये मरीज एवं परिजन रोजाना अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। कोलार रोड़ से अस्पताल की दूरी महज 200 मीटर है। यहां एंट्री करते ही सड़क के दोनों ओर गहरे गढ्ढे किये गये हैं। वहीं रोड़ के बीच में भी गढ्ढा है, जिसमे बारिश का पानी भरा रहता है। इस गहरे गढ्ढे के कारण वाहन चालकों का संतुलन बिगड़ जाता है और वे हादसे का शिकार हो जाते हैं। यहां पैदल तक निकलने का रास्ता नहीं है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, कोलार तक मरीजों की पहुंच में हो रही कठिनाई और स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम, भोपाल द्वारा अबतक कोई कार्यवाही नहीं किये जा सकने से मरीजों को प्राप्त स्वास्थ्य सुविधा के अधिकार के उपयोग हेतु शासन स्तर पर की गई उचित कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

जर्जर और अंधेरे वाली सड़क से गुजरते वक्त घबराते हैं रहवासी

भोपाल शहर के कोलार क्षेत्र के वार्ड-81 में मुख्य मार्ग से गौरव नगर तक पहुंचने वाली सड़क जर्जर और अंधेरे से भरी पड़ी है। यहां पर शाम के वक्त असामाजिक तत्वों का डेरा रहता है। वे यहां बैठकर शराब पीते हैं लेकिन पुलिस-प्रशासन की गश्त की कोई व्यवस्था नहीं है। हाल ही में यहां एक महिला पर जानलेवा हमला कर उससे लूट का प्रयास भी किया जा चुका है। यहंा पर शाम के वक्त महिलाओं और लड़कियों को निकलने में डर लगता है। रहवासियों को भी इस रोड़ से बाहर निकलने में कई बार सोचना पड़ता है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने पुलिस कमिश्नर एवं नगर निगम कमिश्नर, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर महिला सुरक्षा के लिये के संबंध में की गई कार्यवाही के बारे में 15 दिन में जवाब मांगा है।

छत गिरने से तीन लोग मलबे में दबे, दो की मौत

विदिशा जिले की ग्राम पंचायत भाटनी के आदमपुर गांव में बीते शुक्रवार को प्राथमिक स्कूल के जर्जर भवन को गिराते समय छत अचानक गिर गई और इसके नीचे तीन लोग दब गये। जिनमें से दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि एक मजदूर को गंभीर घायल अवस्था में जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका उपचार चल रहा है। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकांश स्कूलों के भवनों की स्थिति काफी खराब है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, विदिशा से प्रकरण की जांच कराकर दोनों मृतकों वैध वारिसों को शासन की योजना/नियमानुसार देया मुआवजा राशि तथा घायल के ईलाज की समुचित व्यवस्था एवं घटना के संबंध में उत्तरदायी व्यक्तियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

स्कूलों के पास मिल रही नशे की सामग्री, कई जगह स्कूल भी शामिल

जबलपुर शहर के स्कूलों के आसपास गुटखा-तंबाखू की बिक्री किये जाने की समस्या आम बात हो चुकी है। लगभग 80 फीसदी स्कूल इस समस्या की जद में हैं। सरकारी स्कूलों के साथ ही प्रायवेट स्कूलों में भी ये समस्या आम है। हकीकत की स्थिति में तो ये है कि गुटखा-तंबाखू तो दूर कई स्कूलों के आसपास तो शराब तक बेची और पिलाई भी जा रही है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं एसपी, जबलपुर से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में 15 दिन में जवाब मांगा है।

छात्राएं अधपकी रोटियां लेकर पहुंची थाने

रायसेन जिले के बरेली स्थित शासकीय अनुसूचित सीनियर उत्कृष्ट कन्या छात्रावास में रहने वालीं कक्षा 9वीं एवं 10वीं की छात्राएं कच्ची रोटियां लेकर बरेली थाने जा पहुंचीं। छात्राओं का कहना है कि उन्हें खाने मंे कच्ची रोटियां दी जाती हैं। शिकायत करने पर छात्रावास की अधीक्षिका दुव्र्यवहार करती हैं और हाॅस्टल से निकालने की धमकी देती हैं। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, रायसेन से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

दूषित पानी पीने से तीन दिन में उल्टी दस्त से दो की मौत, 6 बच्चे भर्ती

सतना जिले के रामपुर ब्लाॅक के टिकुरिया गांव मंे बीते दो दिन में उल्टी-दस्त और बुखार से दो लोगों की मौत हो गई। जबकि छह पीडितों को जिला अस्पताल रैफर किया गया है। प्रशासन ने पानी दूषित होने की आशंका पर हैंडपंप के पानी के उपयोग पर रोक लगा दी है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, सतना से प्रकरण की जांच कराकर टिकुरिया गांव के हैंडपंप के पानी का परीक्षण कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में जवाब मांगा है।

सुबह लगती है आंगनबाड़ी, रात में बांधीं जाती हैं बकरियां

बैतूल जिले के आमला ब्लाॅक की ग्राम पंचायत ससाबड़ के मोरनढ़ाना गांव में किराये के जिस कमरे में दिन में आंगनबाड़ी के 30 छात्र बैठते हैं, वहीं रात के समय उसी कमरे में बकरियां बांध दी जाती हैं। बकरियों के बांधने के बाद कमरे का कच्चा फ्लोर गीला हो जाता है। बच्चांे को बैठाने के लिये पाॅलीथिन एवं तिरपाल के टुकड़े बिछाये जाते हंै। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, बैतूल से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में एक माह में जवाब मांगा है।

सबसे बड़ा सर्वे :

मध्यप्रदेश का सबसे भ्रष्ट मंत्री कौन?

जवाब देगी जनता 

मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव नवंबर 2023 में संभावित हैं। विपक्षी दल कांग्रेस मध्यप्रदेश सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगा रहा है। खबर नेशन यह नहीं कहता कि सभी मंत्री भ्रष्ट हैं।

जनता जनार्दन भी कई मंत्रियों के भ्रष्टाचार का शिकार हुई है। आखिर क्या है वस्तु स्थिति?

कौन है मध्यप्रदेश का भ्रष्ट मंत्री

जनता फैसला करेगी।

हम सर्वे प्रक्रिया आपके समक्ष चालू कर रहे है । दी गई लिंक पर अपना मत देकर सर्वे प्रक्रिया में भाग ले  । आग्रह है आप खबर नेशन डॉट कॉम द्वारा करवाए जाने वाले सर्वे में अपना मत प्रकट करें। आपके निर्णय को प्रकाशित किया जाएगा लेकिन आपका नाम गोपनीय रखा जाएगा।

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धन्यवाद

गौरव चतुर्वेदी

खबर नेशन

9009155999

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