मृतक बंदी की मां को मिले पांच लाख रूपये

भोपाल, शुक्रवार, 15 सितम्बर 2023

आयोग की अनुशंसा पर

खबर नेशन/ Khabar Nation

मप्र मानव अधिकार आयोग द्वारा लाॅकअप में चोरी के शक में बंद बंदी द्वारा फांसी लगा लेने से हुई मृत्यु के संबंध में राज्य शासन को अनुशंसा करने पर मृतक बंदी की मां को पांच लाख रूपये मुआवजा राशि का भुगतान हो गया है। मामला सतना जिले का है। आयोग के प्रकरण क्र. 3541/सतना/2021 एवं प्रकरण क्र. 4561/रीवा/2021 के अनुसार रेलवे सुरक्षा बल, पोस्ट सतना के लाॅकअप में चोरी के शक में बन्द संदेही आदित्य पासी द्वारा फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली थी। आयोग ने मामला दर्ज कर लिया और मामले की निरंतर सुनवाई की। आयोग ने राज्य शासन को अंनुशंसा की थी कि मृतक बंदी के वैध वारिसों को पांच लाख रूपये मुआवजा राशि दे दें। इस संबंध में महानिरीक्षक, रेल सुरक्षा बल, पश्चिम मध्य रेलवे, जबलपुर द्वारा आयोग को प्रतिवेदन देकर अवगत कराया कि मृतक बंदी आदित्य पासी की मां श्रीमती मुन्नी पासी को पांच लाख रूपये मुआवजा राशि का भुगतान कर दिया गया है।

आयोग के हस्तक्षेप से आवेदक को मिले दो लाख रूपये

मप्र मानव अधिकार आयोग द्वारा हस्तक्षेप करने पर आवेदक को दो लाख रूपये अनुग्रह राशि का भुगतान हो गया है। मामला छिंदवाड़ा जिले का है। आयोग के प्रकरण क्र. 3889/छिंदवाड़ा/2022 के अनुसार आवेदक शेक लाल बोसम ने अपने पुत्र जुगल बोसम की मृत्यु के बाद अंत्यष्टि सहायता राशि 5 हजार रूपये दिये जाने एवं शेष अनुग्रह राशि 2 लाख रूपये के भुगतान की स्वीकृति मिलने के बाद भी अनुग्रह राशि खाते में जमा नहीं करने की शिकायत की थी। आयोग ने मामला दर्ज कर कलेक्टर, छिंदवाड़ा से इस संबंध में प्रतिवेदन मांगा था। कलेक्टर छिंदवाड़ा ने अपना प्रतिवेदन आयोग को दिया है कि आवेदक को अनुग्रह राशि का भुगतान उनके खाते में 20 जनवरी 2023 को कर दिया गया है। अंततः आयोग के हस्तक्षेप पर आवेदक को अनुग्रह राशि दो लाख रूपये का भुगतान मिल चुका है।

मृत बंदी के वैध वारिसों को पांच लाख रूपये दो माह में दें

आयोग ने की अनुशंसा

मप्र मानव अधिकार आयोग ने जेल मंे बंद एक दण्डित बंदी की ईलाज के दौरान मौत हो जाने के मामले में राज्य शासन कोे अनुशंसा की है कि मृतक के वैध वारिसों को दो लाख रूपये क्षतिपूर्ति राशि दो माह में भुगतान कर दें। मामला रीवा जिले का है। केन्द्रीय जेल, रीवा में दण्डित बंदी लाला प्रसाद यादव की संजय गांधी जिला चिकित्सालय, रीवा मंे उपचार के दौरान 20 फरवरी 2020 को मौत हो गई। मृतक बंदी की मृत्यु की सूचना केन्द्रीय जेल अधीक्षक से प्राप्त होने पर आयोग ने 22 फरवरी 2022 को प्रकरण क्र. 1404/रीवा/2020 दर्ज कर लिया। आयोग ने अपनी जांच में पाया कि मृतक के जीवन सुरक्षा व उनके मानव अधिकारों के संरक्षण के मामले में जेल प्रबंधन द्वारा घोर लापरवाही की गई। अतः जेल प्रबंधन द्वारा अपने कत्र्तव्य दायित्वों के प्रति की गई घोर उपेक्षा एवं लापरवाही को रेखांकित करते हुये अपनी अनुशंसा में आयोग ने राज्य शासन से कहा है कि मृतक विचाराधीन बंदी के वैध वारिसों को पांच लाख रूपये क्षतिपूर्ति राशि दो माह में दे दी जाये। आयोग ने अपने अनुशंसा में यह भी कहा है कि जेल में दाखिल किये जाने के बाद बंदियों के प्रारंभिक चिकित्सकीय  परीक्षण एवं आवश्यक जांचों के उपरान्त एक माह के अन्तराल में या छः माह या एक वर्ष जैसी युक्तियुक्त अवधि में कराई जायें। जिससे की किसी भी बंदी की ऐसी आवश्यक जांच, स्वास्थ परीक्षण और स्वास्थ्य सुविधा के अभाव में मृत्यु ना हो पाये।

सबसे बड़ा सर्वे :

मध्यप्रदेश का सबसे भ्रष्ट मंत्री कौन?

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मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव नवंबर 2023 में संभावित हैं। विपक्षी दल कांग्रेस मध्यप्रदेश सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगा रहा है। खबर नेशन यह नहीं कहता कि सभी मंत्री भ्रष्ट हैं।

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कौन है मध्यप्रदेश का भ्रष्ट मंत्री

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धन्यवाद

गौरव चतुर्वेदी

खबर नेशन

9009155999

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