आयोग के हस्तक्षेप पर किसान को मिला बीमा राशि का भुगतान
भोपाल, सोमवार, 28 अगस्त 2023
खबर नेशन/ Khabar Nation
आयोग के हस्तक्षेप पर किसान को मिला बीमा राशि का भुगतान
मप्र मानव अधिकार आयोग के हस्तक्षेप पर एक किसान को किसान बीमा राशि (केवीसी) का भुगतान हो गया है। मामला विदिशा जिले का है। आयोग के प्रकरण क्रमांक 8163/विदिशा/2020 के अनुसार विदिशा जिले की सिरोंज तहसील के करई खेड़ी गावं निवासी किसान श्री इंदर सिंह लोधी ने आयोग में आवेदन लगाया था कि एचडीएफसी बैंक एवं एफको बैंक उसके पुत्र राजकुमार लोधी की मृत्यु उपरांत किसान बीमा राशि (केवीसी) का भुगतान कराकर उसको न्याय दिलाया जाने के संबंध में शिकायत की थी। आवेदन मिलते ही आयोग ने मामला दर्ज कर लिया और कलेक्टर, विदिशा से जवाब-तलब किया। आयोग ने मामले की निरंतर सुनवाई की। अंततः कलेक्टर, विदिशा ने प्रतिवेदन दिया है कि प्रकरण की जांच करायी गई एवं आवेदक को उसके पुत्र की केवीसी बीमा राशि का भुगतान कर उसकी समस्या का अंतिम निराकरण किया जा चुका है। आवेदक ने उनकी समस्या का निराकरण हो जाने पर आयोग को धन्यवाद ज्ञापित किया है। आवेदक की समस्या का अंतिम निराकरण हो जाने से आयोग में यह मामला अब समाप्त कर दिया गया है।
आयोग के हस्तक्षेप पर सेवानिवृत्त कर्मचारी मिला गे्रच्युटी एवं अवकाश नगदीकरण राशि का भुगतान
मप्र मानव अधिकार आयोग के हस्तक्षेप पर एक सेवानिवृत्त कर्मचारी को ग्रेच्युटी एवं अवकाश नगदीकरण राशि का भुगतान हो गया है। मामला राजगढ़ जिले का है। आयोग के प्रकरण क्रमांक 1407/राजगढ़/2023 के अनुसार भोपाल स्थित मध्यप्रदेश तिलहन संघ से सेवानिवृत्त टाईपिस्ट श्री रईस उद्दीन, निवासी राजगढ़ ने आयोग में आवेदन लगाया था कि मध्यप्रदेश तिलहन संघ, अरेरा हिल्स, भोपाल द्वारा उनकी सेवानिवृत्ति पश्चात् ग्रेच्युटी एवं अवकाश नगदीकरण की राशि का भुगतान दिलाये जाने के संबंध में शिकायत की थी। आवेदन मिलते ही आयोग ने मामला दर्ज कर लिया और परिसमापक, मध्यप्रदेश तिलहन संघ, भोपाल से जवाब-तलब किया। आयोग ने मामले की निरंतर सुनवाई की। अंततः परिसमापक, मध्यप्रदेश तिलहन संघ, भोपाल ने प्रतिवेदन दिया है कि प्रकरण की जांच करायी गई एवं आवेदक को ग्रेच्युटी एवं अवकाश नगदीकरण की राशि का भुगतान कर उसकी समस्या का अंतिम निराकरण किया जा चुका है। आवेदक ने उनकी समस्या का निराकरण हो जाने पर आयोग को धन्यवाद ज्ञापित किया है। आवेदक की समस्या का अंतिम निराकरण हो जाने से आयोग में यह मामला अब समाप्त कर दिया गया है।
पुलिस कस्टडी में बंदी की मौत
मृतक के वैध वारिसों को पांच लाख रूपये दो माह में दे दें
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने पुलिस कस्टडी में एक बंदी द्वारा हाथ में लगी हथकड़ी की जंजीर से फांसी का फंदा लगाकर अपनी जान दे देने के मामले में राज्य शासन कोे अनुशंसा की है कि मृतक के वैध वारिसों को पांच लाख रूपये क्षतिपूर्ति राशि अगले दो माह में भुगतान कर दी जाये। मामला नरसिंहपुर जिले का है। पलोहा थाना, जिला नरसिंहपुर में पुलिस कस्टडी में रहे आरोपी युवक वीरेन्द्र उर्फ वीरू द्वारा 15-16 जून 2021 की दरमियानी रात थाना पलोहा की हवालात में हाथ में लगी हथकड़ी की जंजीर से फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली गई। नरसिंहपुर जिले के एक दैनिक समाचार पत्र में इस संबंध में प्रकाशित समाचार पर संज्ञान लेने पर आयोग ने 17 जून 2021 को प्रकरण क्र. 3695़6514/ नरसिंहपुर/2021 दर्ज कर लिया। आयोग ने अपनी जांच में पाया कि पुलिस कस्टडी में रहे आरोपी युवक वीरेन्द्र लोधी उर्फ वीरू की जीवन सुरक्षा व उनके मानव अधिकारों के संरक्षण के मामले में भी पुलिस द्वारा घोर लापरवाही की गई, इससे आरोपी को आत्महत्या कर सकने का अवसर मिल सका। अतः पुलिस (गृह) विभाग द्वारा अपने कत्र्तव्य दायित्वों के प्रति की गई घोर उपेक्षा एवं लापरवाही को रेखांकित करते हुये अपनी अनुशंसा में आयोग ने राज्य शासन से कहा है कि आरोपी मृत युवक के वैध वारिसों को पांच लाख रूपये क्षतिपूर्ति राशि दो माह में दे दी जाये। साथ ही यह भी कहा है कि आयोग की समस्त अनुशंसा बिंदुओं का समय-सीमा में पालन कर प्रतिवेदन दें।
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