दिग्विजय का बुरा दौर

खबर नेशन/ Khabar Nation

मध्यप्रदेश से राज्य सभा के सदस्य और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का समय इस वक्त बहुत अच्छा नहीं चल रहा है। इस तरह से कहने के पीछ बहुत सारे कारण नजर आ रहे है। सब से पहले अब वो कांग्रेेस में महासचिव नहीं हैं और उन को पार्टी की कार्य समिति में भी जगह नहीं मिली है। इस वक्त उन के पास केवल एक ही पद और वो है मध्यप्रदेश कांग्रेस की समन्वय समिति के अघ्यक्ष का। इस समिति के अध्यक्ष के रहते हुये वे आने वाले विधान सभा चुनाव के पहले पूरे प्रदेश का दौरा कर रहे हैं और हर जगह कांग्रेस के लोगाें से मिल रहे है। इस बात में किसी को भी शक नहीं होना चाहिए कि दिग्विजय का राजनैतिक जीवन बहुत लंबा रहा है। उन के इस जीवन की शुरूआत 1977 में हुई थी जब वो गुना जिले के  राघौगढ से विधान सभा चुनाव जीत गये थे।इस के बाद वो 1980 में मंत्री बने और मध्यप्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनने के बाद 1993 में मुख्यमंत्री बने और फिर इस पद पर 10 साल के लिये रहे।वैसे तो दिग्विजय राजनीति में है और यह किसी भी तरह से आसान खेल नहीं होता है।यह एक ऐसा खेल है जिस में किसी भी चीज की कमी हो जाये पर दुश्मनों की कमी कभी नहीं होती है और कई बार तो दुश्मन अपनी पार्टी के अंदर ही मिल जाते हैं। इस का मतलब यह है कि यह भी जरूरी है कि दिग्विजय के भी कुछ तो दुश्मन कांग्रेस के अंदर ही होंगे और ये लोग जो उन की हालत अभी है उस से खुश भी हो रहे होंगे। वैसे अभी भी दिग्विजय  के बारे में बहुत सारी खबरें छप रही हैं। यह तो सब को पता है कि अक्सर यह खबरें उन की तारीफ करने के लिये या उन के पक्ष में नहीं होती हैं।

उन के एक सर्मथक का कहना है कि इस तरह की खबरों का दिग्विजय पर कोई असर नहीं होता है ।इस सर्मथक के अनुसार इन खबरों में जरा भी सच्चाई नहीं है और इस कारण से उन को कुछ भी महत्व देने की जरूरत नहीं है। पर जो लोग दिग्विजय को जानते हैं उन का यह मानना है कि यह एक ऐसा समय है जो कि जल्द ही खतम हो सकता है।अब देखना यह है कि आगे चल कर दिग्विजय के साथ क्या होता है।

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