आदिवासियों पर अत्याचार करने वाले सरेआम घूम रहे हैं और बेगुनाह आदिवासी जेल में

मप्र कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष श्री के.के. मिश्रा और मप्र आदिवासी
कांग्रेस के अध्यक्ष श्री रामू टेकाम की संयुक्त पत्रकार वार्ता

भोपाल,  जुलाई 2023

खबर नेशन/ Khabar Nation

मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आदिवासियों पर अत्याचार के रोज नए तरीके खोज निकालती है। आदिवासी परिवार को 10 फीट गहरे गड्ढे में गाड़ने और मुंह पर पेशाब करने की अमानवीयता के बाद अब शिवराज सरकार की पुलिस बेगुनाह आदिवासियों को जेल भेजने का काम कर रही है। मध्य प्रदेश आदिवासी कांग्रेस के अध्यक्ष रामू टेकाम ने मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार पर आदिवासी विरोधी होने का आरोप लगाया है।
टेकाम ने खुलासा करते हुए कहा कि बैतूल जिले की शाहपुर जनपद पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार का एक अनूठा मामला सामने आया है जिसमें भ्रष्टाचारी खुले घूम रहें हैं और बेगुनाह आदिवासियों को जेल डाल दिया है।
शाहपुर जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम पावर झंडा में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आदिवासियों के खातों में कुछ राशि डाली गई। ग्राम पंचायत और जनपद पंचायत के अधिकारियों ने आकर आदिवासियों को बताया कि यह राशि गलत तरीके से आपके खाते में आ गई है। अतः इसे निकाल कर दे दीजिए। भोले-भाले आदिवासियों ने पंचायत के अधिकारियों की बात मान खातों से पैसा निकाल कर दे दिया। इस पूरे मामले में जब घोटाला उजागर हुआ और जनपद पंचायत में अपने स्तर पर जांच की तो जनपद समन्वयक अधिकारी महेश शुक्ला, कंप्यूटर ऑपरेटर तिलक मालवीय, तत्कालीन सरपंच ईश्वर कुमरे, रोजगार सहायक सुरेश धुर्वे और पांडू काकोड़िया के नाम से एफआईआर भी दर्ज हुई। इनमें से किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई। उल्टे शिवराज सिंह चौहान की पुलिस ने भोले-भाले आदिवासियों को जेल में डाला दिया। आदिवासी विजय कुमरे का एफआईआर में नाम तक नहीं है फिर भी उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। विजय कुमरे की पत्नी और बच्ची मेरे साथ इस प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद है। विजय पिछले सात महीने से जेल में बंद है, जबकि इस बेटी का जन्म भी नहीं हुआ था।
श्री टेकाम ने मध्य प्रदेश सरकार से सवाल किया है कि जब आदिवासियों के खातों में पैसा सरकार की ओर से डाला गया और जब जांच में इस बात की पुष्टि हो गई कि भ्रष्टाचार करने वाले जनपद पंचायत के अधिकारी हैं तो फिर आदिवासियों की ही गिरफ्तारी क्यों?
श्री टेकाम ने कहा कि आदिवासी अत्याचार के मामले में मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचारी किस तरह बेखौफ है। इसका उदाहरण तत्कालीन आदिवासी सरपंच को तत्कालीन ब्लॉक समन्वयक महेश शुक्ला ने जान से मारने की धमकी तक दी है। ऐसे आदिवासी विरोधी सोच के व्यक्ति को भाजपा की सरकार में कौन संरक्षण दे रहा है?
 टेकाम ने कहा कि जनपद पंचायत शाहपुर के पांच सदस्यीय जांच दल ने अपनी रिपोर्ट में पंचायत विभाग के कर्मचारियों की संलिप्तता की पुष्टि की है तो वह अभी तक बाहर खुले में क्यों घूम रहे हैं और बेगुनाह आदिवासी भाई बहनों को प्रताड़ित क्यों किया जा रहा है? आदिवासी तत्कालीन सरपंच ईश्वरदास कमरे ग्राम रोजगार सहायक श्री सुरेश धुर्वे सफाई कर्मी पंडू काकोडिया और ब्लॉक समन्वयक प्रधानमंत्री आवास योजना के ब्लॉक समन्वयक महेश शुक्ला को इस घोटाले में संलिप्त माना गया है।

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गौरव चतुर्वेदी

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