जिला शिक्षा अधिकारी, भोपाल श्री केपीएस तोमर को शो-काॅज नोटिस

जिला शिक्षा अधिकारी, भोपाल श्री केपीएस तोमर को शो-काॅज नोटिस
एवं पांच हजार रूपये का जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी


श्री तोमर को 21 दिसम्बर, 2023 को आयोग में व्यक्तिशः आकर स्पष्टीकरण देने के आदेश

Khabar Nation

भोपाल

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा वर्ष 2022 के एक मामले में अबतक जवाब न देने के कारण भोपाल जिले के जिला शिक्षा अधिकारी श्री केपीएस तोमर को 21 दिसम्बर 2023 को अनिवार्यतः आयोग में व्यक्तिशः आकर अपना स्पष्टीकरण व प्रतिवेदन देने के आदेश दिये गये हैं। आयोग द्वारा श्री तोमर को कारण बताओ नोटिस एवं पांच हजार रूपये का नामजद जमानती गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया है। नोटिस एवं वारंट की तामीली अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, (नगरीय) भोपाल, जिला भोपाल करायेंगे।
आयोग के प्र.क्र. 7434/भोपाल/2022 में कई पदीय एवं नामजद स्मरण पत्र देने के बावजूद भी प्रतिवेदन न देने के कारण डीईओ श्री केपीएस तोमर को 21 दिसम्बर 2023 को आयोग में स्वयं उपस्थित होने के लिए कहा गया है। आयोग के उक्त प्रकरण के अनुसार नानक काॅम्पलेक्स, गोविन्दपुरा, भोपाल निवासी आवेदक श्री अरविन्द कुमार नामदेव, सेवानिवृत्त प्रधान अध्यापक ने स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा उनकी सेवानिवृत्ति के सात वर्ष पश्चात् भी तृतीय समयमान वेतनमान/क्रमोन्निति वेतनमान समय पर नहीं देने के कारण उनको देय पेंशन में हो रहे आर्थिक नुकसान का भुगतान दिलाने की गुजारिश आयोग से की थी। शिकायत मिलते ही आयोग ने मामला दर्जकर जिला शिक्षा अधिकारी, भोपाल से जवाब मांगा था। डीईओ को कई पत्र एवं स्मरण पत्र भी भेजे गये थे, फिर भी उनकी ओर से कोई भी जवाब नहीं मिला। इस पर आयोग ने उन्हें आठ नवम्बर 2023 को आयोग कार्यालय में व्यक्तिशः आकर जवाब देने को कहा था। आयोग का यह आदेश पत्र उनके कार्यालय में डिलेवर भी हो गया, तब भी श्री तोमर आयोग के समक्ष पेश नहीं हुये। अंततः मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा अब व्यवहार प्रक्रिया संहिता की धारा 32 ग के अन्तर्गत जिला शिक्षा अधिकारी, भोपाल श्री केपीएस तोमर को आयोग में उपस्थित न होने के कारण शो-काॅज नोटिस एवं 21 दिसम्बर 2023 को श्री तोमर की आयोग में व्यक्तिशः उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए उनके विरूद्ध पांच हजार रूपये का नामजद जमानती गिरफ्तारी वारण्ट भी जारी किया गया है। वारंट की तामीली अतिरिक्त पुलिस आयुक्त,(नगरीय) भोपाल, जिला भोपाल के जरिये कराई जाएगी।

आयोग के हस्तक्षेप पर सड़क से हटाया गया अवैध अतिक्रमण

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा हस्तक्षेप करने पर एनएच-12 पर अवैध अतिक्रमण (ठेले एवं लोहे के एंगल) हटा दिया गया है। मामला भोपाल जिले का है। आयोग के प्रकरण क्रमांक 6437/भोपाल/2023 के अनुसार एक दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित खबर शीर्षक ’’एनएच-12 पर 500 मीटर में गडे हैं लोहे के 50 एंगल, इनके सहारे तनी हैं फलों की दुकानें’’ पर आयोग ने स्वतः संज्ञान लेकर आयुक्त, नगर निगम, भोपाल से प्रतिवेदन मांगा था। आयुक्त, नगर निगम, भोपाल ने आयोग को प्रतिवेदन देकर अवगत कराया कि एनएच-12 पर लगे अवैध ठेलेे एवं लोहे के एंगल को हटा दिया गया है। अतः आयोग में अब यह मामला समाप्त कर दिया गया है।

आयोग के हस्तक्षेप पर दोषी छात्रों पर हुई कार्यवाही

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा हस्तक्षेप करने पर आरजीपीवी के हाॅस्टल में जूनियर छात्रों के साथ मारपीट करने एवं उनके कपड़े फाड़ने के मामले में सीनियर छात्रों को दण्डित कर हाॅस्टल से निष्कासित कर दिया गया है। मामला भोपाल जिले का है।  आयोग के प्ररकण क्रमांक 7354/भोपाल/2023 के अनुसार एक दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित खबर शीर्षक ’’आरजीपीवी के हाॅस्टल में रात तीन बजे सीनियर छात्रों ने की जूनियर छात्रों से मारपीट, कपड़े फाड़े’’ पर आयोग द्वारा स्वतः संज्ञान लेकर रजिस्ट्रार, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी), भोपाल से जवाब मांगा था। इस पर संचालक, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी), भोपाल द्वारा प्रतिवेदन देते हुए आयोग को अवगत कराया कि एंटी रैगिंग कमेटी की अनुशंसा करने पर जांच में दोषी पाये गये सीनियर छात्रों पर हाॅस्टल से निष्कासन एवं आर्थिक दण्ड अधिरोपित किये जाने की कार्यवाही की गई है। अतः आयोग में अब यह मामला समाप्त कर दिया गया है। 

Share:


Related Articles


Leave a Comment