सात मामलों में संज्ञान

Khabar Nation

भोपाल

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष श्री मनोहर ममतानी ने विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित प्रथम दृष्टया मानव अधिकार उल्लंघन के ‘’सात मामलों में’’ स्वतः संज्ञान लेकर संबंधितों से जवाब मांगा है।


कर्मचारी ने किया दुष्कर्म का प्रयास

भोपाल जिले के हमीदिया अस्पताल में
 नौकरी करने वाली एक युवती के साथ अस्पताल के ही लिफ्ट आॅपरेटर ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर दुष्कर्म करने का प्रयास किया। घटना बीते बुधवार रात की है, जब युवक के बुलाने पर युवती पार्क में मिलने गई तो आरोपी युवक और तीन अन्य दोस्तों के साथ मिलकर दुष्कर्म करने का प्रयास किया। युवती ने शोर मचाया तो आरोपीगण वहां से भाग निकले। मामले मे संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने पुलिस कमिश्नर एवं अधीक्षक, हमीदिया अस्पताल से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन 15 दिन में मांगा है।          

ट्रांसफाॅर्मर में आग लगने से घरों में फैला कंरट, बच्चे की मौत

दमोह जिले के नोहटा की बीडी काॅलोनी में 
कंरट लगने से एक किशोर की मौत का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार बीते गुरूवार को जब प्रवीण पिता ओमकार अहिरवार (13 वर्षीय) अपने घर की छत पर मैच खेल रहा था, तभी उसे बिजली की डोरी से करंट लग गया और वह नीचे जमीन पर गिर गया, जहां मौके पर ही उसकी मौत हो गई। मामले मे संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कार्यपालन यंत्री म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण क.लि., दमोह से प्रकरण की जांच कराकर मृतक के वैध उत्तराधिकारियों को शासन की योजना/नियमानुसार देय आर्थिक मुआवजा राशि के सम्बन्ध में की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन एक माह में मांगा है।


पानी से भरे गढ्ढे में तीन बच्चों की डूबने से मौत
सागर जिले के बीना विकासखंड के देहरी गांव में
 पानी से भरे गढ्ढे में नहाने गये तीन बच्चों की डूबने से मौत का मामला सामने आया है। परिजन का कहना है कि एकादशी होने के कारण तीनों बच्चे दीपक पिता रजेश आदिवासी उम्र 7 वर्ष, संजय पिता राजेश आदिवासी उम्र 6 वर्ष व मानवी पिता महेंन्द्र आदिवासी उम्र 7 वर्ष स्कूल के पीछे वाले गढ्ढे में नहाने गये थे, जहां उनकी डूबने से मौत हो गई। मामले मे संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, सागर से प्रकरण की जांच कराकर मृतक बचचों  के वैध उत्तराधिकारियों को शासन की योजना/नियमानुसार देय आर्थिक मुआवजा राशि के सम्बन्ध में की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन एक माह में मांगा है।

जर्जर स्कूल के कारण बच्चे सामुदायिक भवन में बैठने को मजबूर


दमोह जिले के तेंदूखेड़ा विकासखंड अतंर्गत शासकीय प्राथमिक शाला गंज तेजगढ़ में स्कूल भवन जर्जर होने के कारण कक्षाएं सामुदायिक भवन में लगाई जा रही है। शाला ना होने के कारण स्कूली बच्चें भवन में बैठने को मजबूर है। प्रधानध्यापक एवं शिक्षक का कहना है कि स्कूल भवन काफी पुराना और क्षतिग्रस्त है जिससे किसी हादसे की आशंका बनी रहती है। मामले मे संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारी, दमोह से मामले की जांच कराकर बच्चों की शिक्षा के  सम्बन्ध में उचित व्यवस्था कराकर उनके शिक्षा के मौलिक/मानव अधिकारों के संरक्षण को सुनिश्चित कर की गई कार्यवाही के संबंध में प्रतिवेदन एक माह में मांगा है।


अतिरिक्त कक्ष ना होने के कारण छात्राएं परेशान

रायसेन जिले शासकीय कन्या हाई सेकंडरी में अध्यनतरत छात्राओं को पढ़ाई से ज्यादा बैठने के लिये तरसना पड़ रहा है। भूमिपूजन के दो साल बाद भी अभी तक अतिरिक्त कक्ष नहीं बनाये गये है। जिसके कारण एक कक्ष में 50 छात्राएं की जगह 100 छात्राएं बैठ रही है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारी, रायसेन से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्ताह में मांगा है।  

थाने में नहीं हुई दलित की सुनवाई

मुरैना जिले के नूराबाद थानाक्षेत्र में चार आरोपियों द्वारा एक दलित को जाति सूचक अभ्रद शब्द, मारपीट करी एवं सरिया मारकर घायल करने का मामले सामने आया है। मामले की शिकायत करने थाना पुलिस पहुंचे पीड़िता की रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई। बीते गुरूवार को पीड़िता ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देकर उचित कार्यवाही की मांग की है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने पुलिस अधीक्षक, मुरैना से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में तथा घटना की रिपोर्ट मे हुए विलम्ब के सम्बन्ध में भी स्पष्ट प्रतिवेदन तीन सप्ताह में मांगा है।  

दलदल से निकलकर छात्र-छात्राएं पहंुच रही स्कूल


रायसेन जिले के अलीवाड़ा गांव में सड़क पर गंदगी और दलदल होने के कारण छात्र-छात्राओं को स्कूल आने-जाने में भारी मुसिबतों का सामना करना पड़ रहा है। जिससे आये दिन उनके कपड़े खराब हो रहे है। यही नहीं उन्हें यहां पर अनहोनी होने का डर सता रहता है। नालियां चैक होने के कारण सड़को पर दलदल बह रहा है। लोगों को आवागमन में भी परेशानी हो रही है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, रायसेन से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्ताह में मांगा है। 

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