अटल,सुषमा, शिवराज का क्षेत्र उधोग विहीन

क्या क्षेत्र को कभी मिल पाएगी, उद्योगों की सौगात ?

देश के कई बड़े नेता भी नहीं दिला पाए, युवाओं को रोजगार, बेरोजगार युवा हो रहे, परेशान.......

गंजबासौदा से ओमप्रकाश/आयुष चौरसिया/खबर नेशन/Khabar Nation

गंजबासौदा। जिस संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कर चुके हैं। यह क्षेत्र का दुर्भाग्य समझे या इन वरिष्ठ नेताओं ने यहां के क्षेत्रवासियों की उम्मीद मैं खरे न उतरने के कारण        इस क्षेत्र में
एक उद्योग तक नहीं लग सका। जिसके चलते क्षेत्र के पढ़े लिखे युवा मजदूरी करने को मजबूर हैं। उल्लेखनीय है कि गंजबासौदा देश की धड़कन दिल्ली, मुंबई मेन रेल्वे लाइन पर स्थित है, और यह कृषि प्रधान क्षेत्र होने के साथ ही, पत्थर की एक बड़ी मंडी के रूप में, देश विदेश में विख्यात है। और कृषि प्रधान क्षेत्र होने के कारण यहां ए क्लास की कृषि उपज मण्डी भी स्थित है। जो प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए का राजस्व सरकार के खजाने में जमा करती है। लेकिन इसके बाद भी क्षेत्र के युवाओं के लिये, एक अदद उद्योग का अभाव बना हुआ है। जहां वह रोजगार से लगकर अपने परिवारों का भरण पोषण कर सकें। यहां बरसों से नेताओं के ढेर सारे आश्वासन और हजारों लुभावने वादे करने बाले, सांसद और विधायक चुनकर जाते हैं। वह भी चुनाव जीतने के बाद, कई तो लौटकर नहीं आए और किसी ने इस्तीफा दे दिया। परंतु यहां के बेरोजगार युवाओं की सुनने वालो की कमियां अखरती रही, इस पर किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया। यही कारण है यहां का विकास नहीं हो सका, इसलिए ही क्षेत्र के शिक्षित युवा बेरोजगार रोजगार के लिये दर दर भटक रहे हैं। पूर्व में जब अटल बिहारी वाजपेयी को मतदाता ने बड़ी उम्मीद से चुना था। तो वह भी इस संसदीय क्षेत्र से इस्तीफा देकर चले गये थे। उसके बाद वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस क्षेत्र से सांसद चुने गये। जिनसे इस क्षेत्र के नागरिकों को रोजगार की एक बड़ी आशा लगी थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ। इसके बाद क्षेत्र की जनता ने पूर्व विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज को सांसद के रूप में विश्वास करके सांसद बनाया। जिसका परिणाम, क्षेत्र की जनता भली भांति जानती है, उन्होंने अपने संसदीय कार्यकाल में क्षेत्र से दूरी बनाई रखी। यहां की जनता और युवाओं के विश्वास पर खरे नहीं उतरे, आखिर यहां के युवा क्या करें, समझ से बाहर है ?

 उद्योगों की पूरी संभावनाएं अपने अंचल में समेटे हैं क्षेत्र 

क्षेत्र में एक तरफ जहां ए क्लास की कृषि उपज मंडी है तो वहीं दूसरी तरफ पत्थर का बड़ा कारोबार भी है। यही नहीं दिल्ली- मुंबई रेलवे लाइन पर स्थित होने के कारण और एनएच 86 के समीप होने के साथ ही स्टेट हाईवे 19 से लगा होने के कारण तथा बेतवा नदी के किनारे पर स्थित होने के कारण, शहर में उद्योग लगाये जाने की भरपूर संभावनाएं हैं। सरकार यदि चाहे तो कृषि से संबंधित, स्थान से संबंधित , कई बड़े उद्योग शहर में लगा सकती है। लेकिन क्षेत्र के जनप्रतिनिधि इस ओर से आंखे बंद किये हुए बैठे हैं। सिर्फ चुनावों में भाषणों के माध्यम से सुंदर सुनहरे सपने दिखाये जाने के अलावा, जमीनी हकीकत यहा पर कुछ भी नहीं है। जब प्रदेश में भाजपा का मुख्यमंत्री हो , राजा पार्क का सांसद हो, और भाजपा का विधायक हो, नपा अध्यक्ष से लेकर, जनपद अध्यक्ष तक भाजपा के हों, यदि तब भी क्षेत्र के युवाओं को रोजगार के लिए, एक उद्योग की सौगात भी न मिल पाये, तो वह क्षेत्र का दुर्भाग्य माना जायेगा।

 पूर्व में था एशिया का सबसे बड़ा आईल ( तेल ) मिल ।

पूर्व में नगर में स्टेडर्ड फ्लोर मिल के नाम से एशिया का सबसे बड़ा मिल संचालित होता था, जिसमें एक शिफ्ट में हजारों श्रमिक काम करते थे, जिससे उनके परिवारों का भरण पोषण होता था। लेकिन एक आगजनी की घटना के चलते, यह मिल बंद हो गया। जिसके बाद न तो प्राइवेट और न ही शासकीय तौर पर कोई दूसरा उद्योग स्थापित हो सका। जिस समय स्टेडर्ड फ्लोर मिल संचालित होता था, उस समय एशिया भर में शहर का नाम तो जाना ही जाता था। साथ में हजारों लोग को रोजगार मे लगे रहते थे।

 

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