पत्रकारिता विश्वविद्यालय की स्वायत्तता से खिलवाड़ कर रही है कांग्रेस: प्रभात झा

राजनीति Feb 03, 2019

खबरनेशन/Khabarnation 

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य प्रभात झा ने कहा कि मध्यप्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार द्वारा माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल की स्वायत्तता को समाप्त करने का षडयंत्र रचा जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीति से प्रेरित होकर एक सप्ताह के भीतर विश्वविद्यालय के कुलपति, कुलाधिसचिव, कुलसचिव और निदेशक (स्टडी सेंटर) को त्याग-पत्र देने के लिए बाध्य कर दिया गया और अब राजनीति से प्रेरित होकर ही 2003 के बाद की गई सभी नियुक्तियों की जांच के लिए तीन सदस्यी समिति का गठन किया गया है। 

गौरतलब है कि तीन सदस्यी जांच समिति में जनसंपर्क विभाग के अपर मुख्य सचिव के साथ-साथ कांग्रेस के दो नेता संदीप दीक्षित एवं भूपेन्द्र गुप्ता शामिल हैं। ऐसे में सहज ही सवाल उठता है कि इन दो कांग्रेसी नेताओं के रहते निष्पक्ष जांच की कल्पना कैसे की जा सकती है? सवाल यह भी उठता है कि 2003 के बाद की गई सभी नियुक्तियों के लिए ही क्यों जांच की जा रही है?

झा ने कहा कि अगर जांच होनी ही है तो सन् 1991 के बाद विश्वविद्यालय में हुई सभी नियुक्तियों की जांच की जानी चाहिए। केवल सन् 2003 के बाद की नियुक्तियों की कांग्रेस के नेताओं द्वारा जांच करना सवाल के घेरे में आता है। वस्तुतः यह सब राजनीति से प्रेरित होकर और बदले की भावना से किया जा रहा है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। कांग्रेस ने ऐसा करके विश्वविद्यालय की स्वायत्तता पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के संचालन के लिए महापरिषद का गठन किया गया है। महापरिषद की बैठक किए बिना विश्वविद्यालय के संदर्भ में गत एक महीने में किए गए सभी निर्णय अवैध हैं। हमारी मांग है कि इन्हें तत्काल निरस्त किया जाए और विश्वविद्यालय की महापरिषद की बैठक बुलाकर लोकतांत्रिक तरीके से विश्वविद्यालय के संदर्भ में सभी निर्णय किए जाएं। 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य प्रभात झा ने कहा कि 2003 के बाद विश्वविद्यालय ने सफलता की अभूतपूर्व ऊंचाईयों को प्राप्त किया है। सन् 2003 में विश्वविद्यालय में नियमित रूप से पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या 300 थी, जो आज बढ़कर 1500 हो गई है। इन्हीं वर्षों में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने पत्रकारिता के इस एशिया प्रसिद्ध विश्वविद्यालय को 12(बी) के अंतर्गत मान्यता प्रदान की है। इस विश्वविद्यालय के सैकड़ों विद्यार्थियों ने आज पत्रिकारिता जगत में राष्ट्रीय ख्याति अर्जित की है। इन्हीं वर्षों में विश्वविद्यालय में दर्जनों महत्वपूर्ण शोध कार्य हुए और पत्रकारिता के इतिहास लेखन की दृष्टि से उल्लेखनीय कार्य हुए, जिसे पत्रकारिता जगत ने सम्मानपूर्वक सराहा। उन्होंने बताया कि राष्ट्र और समाज के उन्नयन एवं पत्रकारिता के विद्यार्थियों के निमित्त विश्वविद्यालय द्वारा पत्रकारिता विषयक दर्जनों पुस्तकों का प्रकाशन हुआ है, जो ऐतिहासिक कार्य है। 

झा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के कार्यकाल में सदैव ही इस विश्वविद्यालय में शिक्षाविद् और पत्रकारिता जगत के लब्धप्रतिष्ठ विद्वानों की जगह नौकरशाहों को कुलपति के पद से सुशोभित किया है, जो उनकी नियत और नीति को परिलक्षित करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि सन् 1991 के बाद यर्थात् विश्वविद्यालय की स्थापना काल से ही जब-जब मध्यप्रदेश कांग्रेस की सरकार रही है, तब-तब आईएएस अधिकारी को ही विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया है। 

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