मानव अधिकार आयोग ने मांगा संज्ञान

Khabar Nation 

भोपाल

‘‘पाॅच मामलों में संज्ञान’’

मप्र मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष श्री मनोहर ममतानी ने विगत दिवस विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित प्रथम दृष्टया मानव अधिकार उल्लघन के ‘पाॅच मामलों में संज्ञान’ लेकर संबंधितों से जवाब मांगा हैः-
अजीनोमोटो का धड़ल्ले से हो रहा इस्तेमाल

राजधानी भोपाल के कई फास्ट फूड दुकानों में
 ज्यादातर चाइनीज खानों में स्वाद बढ़ाने के लिये अजीनोमोटो का धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है, यह पदार्थ शहरवासियों की सेहत के लिये हानिकारक है। कई देशों में इस पदार्थ को प्रतिबंधत कर दिया गया है लेकिन हमारे देश में इसका उपयोग बढ़ता जा रहा है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी, भोपाल से जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

मरीज से जूनियर डाॅक्टर ने की मारपीट

इंदौर शहर के एमवाय अस्पताल में बीते शनिवार को
 हड्डी रोग विभाग के जूनियर डाॅक्टर ने ड्रेसिंग टेबल पर घायल मरीज के साथ मारपीट की और अपशब्द भी कहे। मरीज द्वारा एचआईवी पाजिटिव की जानकारी छुपाने से नाराज जुनियर डाॅक्टर ने इस घटना को अंजाम दिया। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने अधीक्षक, एमवाय अस्पताल इन्दौर से जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है।

मेडिकल वेस्ट बेचकर लाखों रूपये कमा रहे सफाईकर्मी

ग्वालियर जिले के अस्पतालों से 
निकलने वाले मेडिकल वेस्ट जैसे ड्रिप की बोतल सिरिंज, ड्रिप सेट, ग्लव्स इत्यादि को अस्पताल सफाईकर्मी द्वारा हर साल लाखों रूपये में बेचकर कारोबार किया जा रहा है। अस्पताल का नियम है कि मेडिकल वेस्ट को इंसीनरेटर के माध्यम से भस्म किया जाना है लेकिन इसके बावजूद 70 प्रतिशत से ज्यादा मेडिकल वेस्ट भस्म नहीं किया जा रहा है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने संचालक स्वास्थ्य सेवाएं (म.प्र.) संचालनालय, भोपाल से जांच कराकर ग्वालियर के अस्पतालों के संबंध मे जांच की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन एक माह में मांगा है।

पशु और ग्रामीण एक की जगह से पी रहे पानी

अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ विकासखंड के बीजापुरी नंबर 1 के संगम टोला में 
ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं के लिये तरस रहे है। गांव मे हैडपंप और सड़क दोनो ही नहीं है। मजदूर ग्रामीणों को झिरिया का पानी पीना पड़ता है। ग्रामीणों के साथ-साथ मवेशी भी पानी पीते है जिसके कारण ग्रामीण और उनके बच्चे बीमारियों की चपेट में आ जाते है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, अनूपपुर से जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

तेज रफ्तार स्कूल बसों से बच्चों को खतरा

धार जिले के बदनावार क्षेत्र में 
स्कूल बसों की तेज रफ्तार के कारण बसों मे सवार बच्चों के साथ बड़ी दुर्घटना होने की संभावना है। रोजाना स्कूली बसें 80 किलोमीटर से अधिक की रफ्तार से गुजर रही है। जिम्मेदारों का इन सब पर कोई ध्यान नहीं है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, धार से जांच कराकर स्कूल बसों में स्पीड गवर्नर लगे होने एवं उनके सुरक्षित संचालन के सम्बन्ध में की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्ताह में मांगा है। 

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