चीन की दीवार को टक्कर देने वाली दीवार ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया रायसेन में

परमार काल की दीवार को ट्रैक किया मध्यप्रदेश के ट्रैकरों ने

खबर नेशन/ Khabar Nation 

 

8 ट्रैकर ने संरक्षण के अभाव में अस्तित्व खो रही The Gerat wall of India चीन की दीवार को टक्कर देने वाली दीवार का ट्रैक किया। ये दीवार मोगा जलाशय रायसेन के पास है।पूरा जंगलात का इलाका है। न्यूज अनुसार 90 किलोमीटर लंबी यह दीवार 15 से 18 फीट ऊंची और 10 से 24 फीट तक चौड़ी है। बताया जाता है कि इसे परमार काल में तैयार किया गया था। दीवार को द ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया (The Great Wall Of India) के नाम से जाना जाता है। लेकिन भारत की ये पहचान संरक्षण के अभाव में अब अपना अस्तित्व खोती दिखाई दे रही है।

परमार वंश के राजाओं ने 10वीं 11वीं शताब्दी में कलचुरी शासकों के हमले से बचने के लिए इंटरलॉकिंग सिस्टम से तैयार की गई यह दीवार बनवाई थी। केंद्र और राज्य सरकार से अब तक कई प्रतिनिधिमंडल इसे देखने पहुंच चुके हैं और इसके महत्व को लेकर बड़ी-बड़ी बातें कर चुके हैं। इन सबके बावजूद भी इस दीवार के संरक्षण और पर्यटन विस्तार के लिए कोई ठोस पहल नहीं की गई है। दिन पर दिन दीवार क्षतिग्रस्त होती जा रही है

 90 किलोमीटर बताया गया है 8 ट्रेकर विकास मीना, ओमप्रकाश अग्रवाल, चंदर संतानी, रविन्द्र,सौरभ एवं अन्य साथियों ने इस दीवार का 16किलोमीटर भाग ट्रैक किया ।  ट्रैकर ने  27.01.2024 को इसका लगभग 16 किलोमीटर ट्रैक किया।  अगर सरकार इस दीवार पर ध्यान  दे तो मध्य प्रदेश के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि हो सकती है।

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