IAS अफसर का VRS के बाद गृह नगर में ऐसा स्वागत कि घर पहुंचने में डेढ़ घंटे की जगह 8 घंटे लगे

जब धंधा बदल रहा है तो बिहेवियर क्यों ना बदले ? 

गौरव चतुर्वेदी / खबर नेशन/ Khabar Nation

भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक अफसर के स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति (VRS) लेने के बाद गृह नगर में ऐसा स्वागत हुआ कि उन्हें अपने घर तक पहुंचने में 8 घंटे लग गए।यहां यह बताना उचित होगा कि यह रास्ता मात्र डेढ़ घंटे का था। इस दौरान तीन जगह तुलादान हुआ। जिसमें मजदूरों द्वारा भी तुलादान किया गया । बात अब उक्त सेवानिवृत आईएएस अफसर कि भविष्य की रूपरेखा को लेकर राजनीति में हाथ आजमाने की हो रही है। अच्छे और बुरे अनुभव को लेकर दिए गए जवाब को छुपाए जाने पर उनका जवाब है कि जब "धंधा बदल रहा है, तो बिहेवियर क्यों ना बदले"?

हाल ही में मध्य प्रदेश के शहडोल संभाग आयुक्त के पद पर पदस्थ  राजीव शर्मा ने स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति लेकर शासकीय सेवा को अलविदा कह दिया ।भारतीय प्रशासनिक सेवा में अनुभव एवं भविष्य की रूपरेखा को लेकर उनसे चर्चा के अंश ।

अभी तक का अनुभव- राजीव शर्मा ने कहा कि जिस लक्ष्य को लेकर शासकीय सेवा में गया था वह पूर्णतः संतुष्टि वाला रहा। गांव के सरपंच से लेकर प्रधानमंत्री तक और कोटवार से लेकर राष्ट्रपति तक मिलने का अवसर प्राप्त हुआ । सार्थक काम भी दिल खोलकर कर पाया। उन्होंने कहा कि इस बात का गर्व है कि "शासकीय सेवा में जिस तरह सर उठा कर गया था, इस तरह सर उठा कर "  शासकीय सेवा पूर्ण की। जनप्रतिनिधियों, मीडिया आम आदमी, सहयोगी और वरिष्ठ जनों के प्रति कृतज्ञता के साथ आभार व्यक्त करता हूं । 
जब उनसे अच्छे या बुरे  अनुभव के बारे में बात की तो राजीव शर्मा ने कहा कि सबसे अच्छा अनुभव कश्मीर के अनंतनाग में लोकसभा चुनाव के पर्यवेक्षक बतौर रहा । चुनाव आयोग ने जो दायित्व सौंपा था उस भरोसे पर खरा उतरा । तत्कालीन केंद्र सरकार और राज्य सरकार  वहां चुनाव करवाने की स्थिति में नहीं थे लेकिन विपरीत परिस्थितियों में अनंतनाग की जनता ने अतुलनीय सहयोग दिया और चुनाव संपन्न करवा पाया । जब उनसे शासकीय सेवा में किसी बुरे अनुभव या टीस के बारे में बात की तो उन्होंने इसका जवाब राजनेता वाले अंदाज में टाल दिया । जब उनसे यह कहा गया कि आप अभी से राजनीतिज्ञ वाला व्यवहार कर रहे हैं तो राजीव शर्मा ने कहा कि "जब धंधा बदल रहा हो ,तो बिहेवियर भी बदलना पड़ता है"। 

राजनीतिक दल के साथ जुड़ने की संभावना 

राजीव शर्मा ने कहा कि अभी तो "थोड़ी सी बेवफाई" फिल्म के एक गाने की दो लाइन ज्यादा मौजूद बैठ रही हैं "तुम्हें यह जिद थी कि हम बुलाते ,हमें यह उम्मीद कि वो पुकारे "  ।

सेवानिवृत्ति का फैसला

जब उनसे यह पूछा गया कि सेवानिवृत्ति का फैसला अभी अचानक लिया है या पहले से इस पर विचार चल रहा था ? राजीव शर्मा ने कहा की कोरोना काल के पहले सेवानिवृत्ति लेने का मन था लेकिन इसी बीच कोविड संक्रमण आ गया। ऐसे चुनौती भरे समय में अगर सेवा निवृत्ति का फैसला लेता तो यह पलायनवाद माना जाता। इसलिए अब जाकर लिया।

सेवानिवृत्ति पर परिवार का रूख

 राजीव शर्मा ने कहा सेवानिवृत्ति के फैसले से परिवार के बुजुर्ग असहमत थे । इसलिए फैसला 2 महीने लेट हो गया। जब मैंने परिवार के बुजुर्गों का आदेश शिरोधार्य किया तो उन्होंने मुझे मेरी इच्छा पूर्ण करने का आदेश दे दिया। इसके बाद मैंने स्वैक्षिक सेवा निवृत्ति का आवेदन कर दिया । मेरे इस निर्णय पर पूरा परिवार मेरे साथ है।

अफसर के साथ काम का अनुभव

ऐसे बहुत सारे अधिकारी रहे जिनके साथ काम करना अच्छा लगा। पर वरिष्ठ अधिकारी विवेक अग्रवाल और प्रमोद अग्रवाल के साथ काम कर ज्यादा आनंद आया । दोनों की कार्यशैली विपरीत थी मगर दोनों का अंदाज बहुत अच्छा था।

सबसे बड़ा सर्वे :

मध्यप्रदेश का सबसे भ्रष्ट मंत्री कौन?

जवाब देगी जनता 

मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव नवंबर 2023 में संभावित हैं। विपक्षी दल कांग्रेस मध्यप्रदेश सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगा रहा है। खबर नेशन यह नहीं कहता कि सभी मंत्री भ्रष्ट हैं।

जनता जनार्दन भी कई मंत्रियों के भ्रष्टाचार का शिकार हुई है। आखिर क्या है वस्तु स्थिति?

कौन है मध्यप्रदेश का भ्रष्ट मंत्री? 

जनता फैसला करेगी।

हम सर्वे प्रक्रिया आपके समक्ष चालू कर रहे है । दी गई लिंक पर अपना मत देकर सर्वे प्रक्रिया में भाग ले  । आग्रह है आप खबर नेशन डॉट कॉम द्वारा करवाए जाने वाले सर्वे में अपना मत प्रकट करें। आपके निर्णय को प्रकाशित किया जाएगा लेकिन आपका नाम गोपनीय रखा जाएगा।

https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSf-khKny25Yx7o5ZlIAGWxfNC_QdWCsmI4FnYPSf2CwiHqFXA/viewform?usp=sf_link

धन्यवाद

गौरव चतुर्वेदी

खबर नेशन

9009155999

Share:


Related Articles


Leave a Comment