दुराचार पीड़ित नाबालिग मां बनी

भोपाल, गुरूवार 20 जुलाई 2023

’’आयोग आपके द्वार’’

खबर नेशन/ Khabar Nation

मप्र मानव अधिकार आयोग 10 अगस्त को बु रहानपुर एवं 11 अगस्त को खंडवा में जनसुनवाई करेगा

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा ’’आयोग आपके द्वार कार्यक्रम’’ के तहत मानव अधिकार के उल्लंघन से संबंधित मामलों की जिलास्तर पर सीधी जनसुनवाई की जाती है। इसी श्रृंखला में आयोग द्वारा आगामी 10 अगस्त 2023 (गुरूवार) को जिला मुख्यालय बुरहानपुर एवं 11 अगस्त 2023 (शुक्रवार) को कलेक्टर कार्यालय खंडवा के सभागृह में मप्र मानव अधिकार आयोग में पहले से लम्बित मामलों एवं नये प्राप्त आवेदनों की जनसुनवाई की जायेगी। इस जनसुनवाई में मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष श्री मनोहर ममतानी एवं माननीय सदस्य श्री राजीव कुमार टंडन सहित आयोग में बुरहानपुर एवं खंडवा जिले के मानवाधिकार हनन मामलों के प्रस्तुतकर्ता अधिकारी सहित आयोग के अन्य अधिकारी, कर्मचारी एवं जिलाधिकारी भी मौजूद रहेंगे।

‘‘बारह मामलों में संज्ञान’’

मप्र मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष श्री मनोहर ममतानी ने बारह मामलों में संज्ञानलेकर संबंधितों से जवाब मांगा है।

जेपी अस्पताल में पार्किंग कर्मचारियों ने युवक को पीटा
भोपाल शहर के जेपी अस्पताल के परिसर मंे पार्किंग कर्मचारियों ने मिलर एक युवक की जमकर पिटाई कर दी। सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें पार्किंग कर्मचारी युवक के कपड़े फाड़ते नजर आ रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि घटना की सूचना मिलने पर जेपी अस्पताल पहुंची पुलिस से शिकायत करने को कोई भी तैयार नहीं हुआ। पार्किंग कर्मचारियों का आतंक इतना है कि कोई भी इनकी शिकायत करने के लिये सामने नहीं आता है। जेपी अस्पताल के सिविल सर्जन का कहना है इस तरह की हरकत गलत है। मामले की जांचकर कार्यवाही जरूर करेंगे। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने सीएमएचओ, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में एक माह में जवाब मांगा है।

जेल बंदी की अस्पताल में मौत

जिला जेल खंडवा में सजा काट रहे एक बंदी की ईलाज के दौरान जिला अस्पताल खंडवा में मौत हो गई। यह बंदी अवैध शराब बेचने के आरोप में दंडित होकर सजा काट रहा था। बीते 11 जुलाई को उसकी तबीयत बिगड़ी, तो जेल प्रबंधन ने उसे जिला अस्पताल खंडवा में भर्ती कराया। जहां ईलाज के दौरान 18 जुलाई को उसकी मौत हो गई। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने जिला जेल अधीक्षक, खंडवा से तय प्रारूप में एक माह में प्रतिवेदन मांगा है।

सांप के काटने के दो मामले, एक में बुजुर्ग महिला एवं दूसरे में किशोरी की मौत

बैतूल जिले में सांप के काटने से मौत होने के दो मामले सामने आये हैं। पहला मामला घोड़ाडोंगरी थानाक्षेत्र के बाजारढ़ाना गांव का है, जहां गांव में एक बुजुर्ग महिला को सांप ने काट लिया। परिजन उसे घोडाडोंगरी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां हालत गंभीर होने पर उसे जिला अस्पताल रैफर कर दिया गया। जिला अस्पताल जाने के दौरान बुजुर्ग महिला ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। पुलिस ने बुजुर्ग महिला का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया। वहीं दूसरा मामला रानीपुर तहसील के तीताखेड़ा गांव का है, जहां रात के समय घर में सो रही 17 वर्षीया एक किशोरी आशा अखड़े को सांप ने काट लिया। परिजन उसे घोडाडोंगरी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां किशोरी ने ईलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इस घटना की सूचना पुलिस की दी गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, बैतूल से प्रकरण की जांच कराकर मृतिकाओं के वैध वारिसों को शासन की योजना/नियमानुसार देय मुआवजा राशि प्रदाय करने केे संबंध मंे एक माह में जवाब मांगा है।

जिला जज के ड्राइवर को भी समय पर नहीं मिला ईलाज, मौत

जिला अस्पताल, सीहोर में लापरवाही के मामले थम नहीं रहे हैं। हाल ही मैं जिला जज के ड्राइवर को हार्टअटैक आने पर परिजन उसे जिला अस्पताल लाये थे, लेकिन यहां उसकी ईलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया है कि मरीज को समय पर ईलाज नहीं मिला, जिसके चलते उसने दम तोड़ दिया। परिजनों ने बताया कि ड्यूटी पर तैनात जूनियर डाक्टर्स ने मरीज को आईसीयू मंे भर्ती करने की बजाय इमरजेंसी रूम मंे हीं ईलाज किया। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने सीएमएचओ, सीहोर से प्रकरण की जांच कराकर मृतक के अस्पताल में पहुंचने से मृत्यु तक की अवधि के उपलब्ध ईलाज के दस्तावेजों की प्रतियों सहित तीन सप्ताह में स्पष्ट प्रतिवेदन मांगा है।

नाबालिग बालिका व युवक के शव पेड़ से लटके मिले

हरदा जिले के हंडिया थानाक्षेत्र के जामुन-खो गांव जंगल में बीते मंगलवार को एक ही पेड़ से दो शव लटके पाये गये। इनमें एक युवक के साथ एक नाबालिग बालिका भी शामिल है। मौत का कारण फिलहाल अज्ञात है। वहीं परिजन भी इस बारे में कुछ नहीं बोल रहे हैं। पुलिस के अनुसार युवक दिनेश एवं नाबालिग बालिका के शव पेड़ से लटके मिले हैं। बताया जा रहा है कि दोनों मृतक मजदूरी करते थे और दोनों के गांव में उनके घर आसपास थे। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने एसपी, हरदा से प्रकरण की जांच कराकर एक माह में जवाब मांगा है।

दुराचार पीड़ित नाबालिग मां बनी

खंडवा जिले के नर्मदानगर पुलिस थानाक्षेत्र निवासी एक 15 वर्षीया नाबालिग लड़की के साथ उसके किसी दूर के रिश्तेदार ने दुराचार किया था। आरोपी ने पीड़िता ने धमकी दी थी कि यदि इस दुराचार के बारे में उसने किसी को बताया, तो वह उसके भाई को मार डालेगा। इस धमकी की वजह से पीड़िता चुप रही। उसके साथ हुये दुराचार के कारण पीड़िता गर्भवती हो गई और उसने बीते सोमवार को खंडवा के एक अस्पताल में बालिका कन्या को जन्म दिया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पाॅक्सो एक्ट में मामला दर्ज कर लिया है और आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। अब नाबालिग मां खुद के और अपनी बेटी के भविष्य को लेकर चिंतित है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, खंडवा से प्रकरण की जांच कराकर तीन सप्ताह में इन बिंदुओं पर जवाब मांगा है:- 01. क्या दुराचार पीड़ित नाबालिग से जन्मीं कन्या को लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ दिया गया है ? 02. पीडित नाबालिग से जन्मीं कन्या की देखभाल एवं संरक्षण के लिये क्या कार्यवाही की गई है ? 03. क्या पीडित नाबालिग को मप्र अपराध पीड़ित प्रतिकर योजना 2015 के अंतर्गत प्रतिकर/अंतरिम प्रतिकर राशि प्रदाय की कोई कार्यवाही संभावित है ?

जरा संभलकर चले... सड़कों पर सीवर के खुले मैनहोल और गढ्ढे आपके घर नहीं अस्पताल पहुंचा सकते हैं

ग्वालियर शहर में काॅलोनी व मोहल्ले ही नहीं बल्कि राजपायगा मार्ग, तानसेन मार्ग, चार शहर का नाका से मलगढ़ा चैराहा मार्ग, अचलेश्वर मंदिर रोड़, रोशनी घर मार्ग एवं झांसी रोड जैसे मुख्य मार्गाें की सड़कों पर खुले गढ्ढे, खतरनाम सीवर चैंबर और रात में पसरा अंधेरा आपको मुश्किल में डाल सकता है। यहां रात ही नहीं, दिन के उजाले में भी जरा से चूक से वाहन चालकर घायल हो सकते हैं। सड़कों पर पानी की लाईन के लीकेज सुधारने के लिये खोदे गये गढ्ढे भी वाहन चालकों को चोटिल कर सकते हैं। हालांकि नगर निगम कमिश्नर ने बीते दिनों में सीवर चैंबरों को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देश दिये थे कि किसी भी हालत में चैंबर खुले नहीं रहें। इसके बाद भी हालात नहीं बदले। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं कमिश्नर, नगर निगम, ग्वालियर से प्रकरण की जांच कराकर शहर में खुले सीवर, मैनहोल तथा खोदे गये गढ्ढों को बंद कराकर आवागमन सुरक्षित कर की गई कार्यवाही के संबंध तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

जेएएच: पांच दिन से चक्कर काट रहे मरीज, पैथोलाॅजी वाले नहीं ले रहे सैंपल

ग्वालियर शहर के जयारोग्य चिकित्सालय में बीते कुछ दिनों से थायराइड की जांच नहीं हो रही है। इसके कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मरीजों का कहना है कि वह सैंपल देने के लिये नियमित रूप से आ रहे हैं, लेकिन पैथोलाॅजी वालों द्वारा रोज यह कह दिया जाता है कि मशीन ठीक नहीं हुई है। इसके कुछ दिनों बाद बीते सोमवार को मशीन चालू हो गई, लेकिन थायराइड की जांच अब भी नहीं हो पा रही है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने अधीक्षक, जेएएच, ग्वालियर से प्रकरण की जांच कराकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

हाईस्कूल मंें नहीं है गणित के शिक्षक, ग्रामीणों ने किया हंगामा

बैतूल जिले के मुलताई नगर में स्थित शासकीय हाईस्कूल एनस मं बीते 10 साल से गणित के शिक्षक की नियुक्ति न होने से नियुक्ति की मांग कर रहे ग्रामीणों का र्धर्य बीते बुधवार को टूट गया और उन्होंने जमकर हंगामाकर विरोध प्रदर्शन किया। घटना की जानकारी के बाद जौलखेडत्रा संकुल के प्रभारी स्कूल पहुंचे और ग्रामीणों ने उनसे चर्चा कर एक लिखित शिकायती आवेदन बीईओ को दिया और गणित के शिक्षक की मांग की। मांग पूरी न होने पर चेतावनी दी है कि सभी अभिभावक अपने बच्चों की टीसी स्कूल से निकलवा लेंगे। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारी, बैतूल से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में 15 दिन में जवाब मांगा है।

यह कैसा ‘‘स्कूल चलें अभियान’’ कीचड व गंदगी के बीच स्कूल में जाने को मजबूर नौनिहाल

गुना जिले के रूठिआई थानाक्षेत्र के कर्माखेड़ी गांव मंें स्कूल के मासूम बच्चे कीचड़ और गंदगी से बीच से निकलकर स्कूल जाने को मजबूर हैं। जिलेभर में ऐसे सैकडों स्कूल हैं जिनका पहुंच रास्ता कीचड़ से सना पड़ा है। जिसमें स्कूल के बच्चे आये दिन कीचड़ में फिसलकर चोटिल हो रहे हैं। साथ ही कीचड़ में गिरने से स्कूल की छात्रों की यूनिफाॅर्म एवं काॅपी-किताबे भी कीचड़ में सन जाती हैं। ग्रामीणों ने कलेक्टर से स्कूल के रास्ते को पक्का बनवाने की मांग की है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, गुना से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में एक माह में जवाब मांगा है।

कर्तव्य में लापरवाही, छात्रावास में सो रहे छात्र पर गिरा पंखा

सीहोर जिले के बुधनी नगर में अनुसूचित जाति सीनियर बालक उत्कृष्ट छात्रावास में बीते सोमवार रात में सीएम राइज स्कूल मंे पढ़ने वाले छात्र आयुष कुमार के उपर पंखा गिर गया। पंखा गिरने से छात्र को पेट में अंदरूनी चोटें आई हैं। छात्रावास अधीक्षक ने मामले को दबाने के लिये आनन-फानन में पंखा लगवा दिया। वहीं इस मामले में अधीक्षक ने इस घटना को गंभीरता से भी नहीं लिया है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, सीहोर से प्रकरण की जांच कराकर छात्रावास में सुरक्षा एवं आहत छात्र आषुष कुमार के समुचित ईलाज की व्यवस्था सुनिश्चित कर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

किडनी चोरी का आरोप, चिता से शव उठा ले गई पुलिस

अनूपपुर शहर मंे बीते बुधवार को एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। एक निजी अस्पताल पर परिजनों ने मृतक की किडनी चोरी करने का आरोप लगाया, तो पुलिस श्मशान से शव उठा ले गई। अब शव का दोबार पोस्टमार्टम होगा। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, अनूपपुर से प्रकरण की जांच कराकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है

मप्र मानव अधिकार आयोग के हस्तक्षेप पर सेवानिवृत्त प्रधान अध्यापक को मिला क्रमोन्नति का लाभ

मप्र मानव अधिकार आयोग के हस्तक्षेप पर एक सेवानिवृत्त प्रधान अध्यापक को उनके सेवाकाल की दूसरी व तीसरी क्रमोन्नति का लाभ मिल गया है और पीड़ित सेवानिवृत्त प्रधान अध्यापक अब पूरी तरह संतुष्ट हैं। उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में आयोग का आभार जताया है। मामला सीहोर जिले का है। आयोग के प्रकरण क्रमांक 5825/सीहोर/2021 के अनुसार शासकीय कन्या माध्यमिक शाला बिलकीसगंज से 31 मई 2021 को सेवानिवृत्त प्रधान अध्यापक (आवेदक) श्री शिव कुमार केसरी ने आयोग में आवेदन लगाया था कि उन्हें उनके सेवाकाल के दूसरी एवं तीसरी क्रमोन्नति का लाभ नहीं मिला। उन्होंने पत्राचार भी किया, पर जिला शिक्षाधिकारी, सीहोर ने उनके मामले में कोई कार्यवाही नहीं की। उन्होंने आयोग से हस्तक्षेप कर उन्हें उनका वाजिब हक/न्याय दिलाने का अनुरोध किया था। आवेदन मिलते ही आयोग ने मामला दर्ज कर लिया और जिला शिक्षाधिकारी से जवाब तलब किया। आयोग ने मामले की निरंतर सुनवाई की। अंततः जिला शिक्षाधिकारी, सीहोर ने प्रतिवेदन दिया है कि, आवेदक श्री केसरी को उनके सेवाकाल की दूसरी और तीसरी क्रमोन्नति का लाभ देने के आदेश दे दिये गये हैं। आवेदक को उसका लाभ भी मिल रहा है। आवेदक ने आवेदन देकर स्वयं इस बात की पुष्टि कर संतुष्टि भी व्यक्त की है। चूंकि आवेदक को उसका देय लाभ मिल चुका है, अतः आयोग में यह मामला अब समाप्त कर दिया गया है।

मप्र मानव अधिकार आयोग के हस्तक्षेप पर माशिमं ने 582 विद्यार्थियों को परीक्षा में शामिल होने के लिये पात्र माना

मप्र मानव अधिकार आयोग द्वारा हस्तक्षेप करने पर 582 विद्यार्थियों पुनः परीक्षा देने के लिये पात्र मान लिया गया। माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) ने 582 विद्यार्थियों को पात्र मानकर परीक्षा ली और इन्हें कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। मामला भोपाल जिले का है। आयोग के प्र.क्र. 7917/भोपाल/2022 के अनुसार एमपी एजुकेशन बोर्ड (माशिमं) के अधीन स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों के लिये 2000 रूपये लेट फीस के साथ परीक्षा फाॅर्म जमा करने का 20 नवम्बर 2022 को अंतिम दिन था। भोपाल के आनंद नगर स्थित एक सरकारी स्कूल के 582 विद्यार्थियों की फीस अंतिम दिन भी जमा नहीं हो सकी। ऐसे में स्कूल षिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूल प्राचार्य एसके उपाध्याय की तलाष करते हुये बावड़िया कला स्थित उनके घर पहुंचे, तो वहां ताला लगा मिला। इससे बच्चों को अपने भविष्य की चिंता सताने लगी थी। मामले में संज्ञान लेकर आयोग ने संचालक, स्कूल शिक्षा संचालनालय, मप्र शासन भोपाल से जवाब मांगा था। साथ ही यह भी पूछा था कि प्रभावित विद्यार्थियों के परीक्षा में शामिल हो सकने के लिये शासन द्वारा की जा रही कार्यवाही एवं संभावना सहित कियोस्क संचालक के विरूद्ध कार्यवाही, कियोस्क स्थापना की शर्तें, राज्य शासन की किस संस्था/ विभाग द्वारा कियोस्क संचालन की अनुमति दी जाती है ?, यह सभी जानकारियां भी प्रतिवेदन में अवश्य दें।
आयोग के निर्देश पर संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय, मप्र शासन, भोपाल ने प्रतिवेदन दिया है कि सभी प्रभावित 582 विद्यार्थियों के हित में माशिमं द्वारा पुनः परीक्षा शुल्क जमा करने हेतु समय दिया गया और सभी प्रभावित विद्यार्थियों को दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में सम्मिलित होने के लिये पात्र घोषित किया गया। माशिमं की इस कार्यवाही से सभी पात्र विद्यार्थियों को किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा।  चूंकि प्रभावित विद्यार्थियों की समस्या का समाधान हो चुका है, अतः आयोग में यह मामला अब समाप्त कर दिया गया है।

होमगार्ड सैनिक को उसकी देय संचित निधि और अन्य सेवानिवृति लाभों का भुगतान दो माह में कर दें

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने एक सेवानिवृत होमगार्ड को उसकी देय संचित निधि एवं अन्य सेवानिवृति लाभों का भुगतान अगले दो माह में कर देने की अनुशंसा राज्य शासन को की है। मामला भोपाल जिले का है। सेवानिवृत होमगार्ड सैनिक श्री नरबहादुर थापा ने 28 मार्च 2023 को आयोग में आवेदन लगाया था कि वह शासन द्वारा दी गई व्यवस्था के अनुसार सभी प्रकार के सेवानिवृति लाभों के लिये पात्र है, परंतु उसके नियोजक विभाग द्वारा उसे उसकी ग्रेच्युटी एवं अन्य लाभों का भुगतान करने से साफ इंकार कर दिया गया है। उसे न्याय दिलाया जाये। आवेदन मिलते ही आयोग ने मामला दर्ज कर लिया। आयोग ने प्रकरण की सतत् सुनवाई करने के उपरांत राज्य शासन से अनुशंसा की है कि आवेदक/शिकायतकर्ता श्री नरबहादुर थापा, होमगार्ड सैनिक क्र. 223 वर्ष 1987 से उसकी सेवानिवृति तारीख 28 मई 2020 तक की सेवा अवधि में से अनुपस्थिति की अवधि (करीब साढ़े पांच वर्ष) घटाकर शेष अवधि करीब 27 वर्ष के संबंध में उसकी सेवानिवृति तारीख को देय दैनिक वेतन के आधार पर नियमानुसार गणना कर उसे देय संचित निधि और अन्य सेवानिवृति लाभों (यदि कोई हों तो) का भुगातन अगले दो माह की अवधि में कर दिया जाये।

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