30-35 लोगों ने घर घेरकर दलित युवक को जलाया, एफआईआर सिर्फ 5 पर क्यों? : आर्य

 

 

दलित युवक को जिंदा जलाने वाले आरोपियों को बचाना चाहते हैं कांग्रेस और उसके नेता

 

 खबर नेशन / Khabar Nation 

 

                भोपाल। हम लोग प्रदेश अध्यक्ष श्री राकेश सिंह जी के निर्देश पर कल सागर गए थे। वहां दलित युवक धनप्रसाद के पड़ोसियों से मिलकर घटना की जानकारी ली। युवक के पिता और उसके पड़ोसियों का कहना है कि घटना के समय अल्पसंख्यक समुदाय के 30-35 लोगों ने उसके घर को घेर रखा था और पांच लोगों ने घर के अंदर घुसकर उसे जिंदा जलाया। फिर एफआईआर में सिर्फ पांच लोगों के ही नाम क्यों शामिल किए हैं? स्पष्ट है कि कांग्रेस इस घटना में शामिल लोगों को बचाना चाहती है और कांग्रेस नेताओं के दबाव में ही पुलिस ने सिर्फ पांच लोगों पर एफआईआर की है। भारतीय जनता पार्टी यह मांग करती है कि पीड़ित युवक के साथ न्याय किया जाए तथा घटना में शामिल सभी लोगों के खिलाफ एफआईआर की जाए। जब तक ऐसा नहीं होता, भारतीय जनता पार्टी चैन से नहीं बैठेगी। यह बात पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ नेता श्री लालसिंह आर्य ने मंगलवार को मीडिया से चर्चा के दौरान कही।

 

पुलिस कार्रवाई करती, तो नहीं होती घटना

 

                पूर्व मंत्री श्री लालसिंह आर्य ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष श्री राकेश सिंह के निर्देश पर उनके साथ अनुसूचित जनजाति मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष श्री सूरज कैरो, पूर्व विधायक श्री कैलाश जाटव एवं अन्य नेता सोमवार को सागर गए थे। वहां पीड़ित युवक के परिजनों और पड़ोसियों ने बताया कि एक साल पहले भी धनप्रसाद का इन्हीं लोगों से विवाद हुआ था। उस समय उस पर दबाव डालकर जबरन समझौता करा दिया गया था। अभी आठ दिन पहले इन्हीं लोगों ने धनप्रसाद के भाई की पत्नी के साथ मारपीट की थी। इसकी रिपोर्ट भी पुलिस थाने में की गई थी, लेकिन पुलिस ने किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। अगर उसी समय पुलिस आरोपियों के खिलाफ तत्परता से कार्रवाई करती, तो यह दुखद घटना ना होती।

 

सच्चाई ना बता दें, इसलिए परिजनों पर दबाव डाल रही सरकार

 

                श्री आर्य ने कहा कि सोमवार को जब हम सागर पहुंचे तो पता चला कि पीड़ित युवक धनप्रसाद की मां घर पर है और खाना बना रही है। लेकिन 15 मिनट बाद जब हम लोग घर पहुंचे, तो वहां ताला डला था। पड़ोसियों से पता चला कि कुछ लोग आए थे और धनप्रसाद की मां को जल्दी में कहीं लेकर गए हैं। श्री आर्य ने कहा कि कांग्रेस नेताओं, सरकार में बैठे लोगों और प्रशासन के अधिकारियों को यह डर है कि कहीं पीड़ित युवक के परिजन प्रशासन की असंवेदनशीलता, पुलिस की लापरवाही, आरोपियों को कांग्रेस नेताओं के संरक्षण आदि की बात किसी को बता ना दें। इसीलिये कांग्रेस के नेता उन्हें किसी से मिलने नहीं दे रहे हैं। परिजनों पर चुप रहने या जो कांग्रेस के लोगों, सरकार, प्रशासन तथा आरोपियों के लिये सुविधाजनक हो, वही बातें कहने के लिये दबाव डाल रहे हैं।

 

सफदरजंग भेजना तो दूर, आईसीयू भी नहीं दिया

 

                श्री आर्य ने कहा कि सागर की घटना से कांग्रेस का दलित विरोधी चेहरा पूरी तरह उजागर हो गया है। 14 तारीख को हुई घटना के बाद से कल तक कांग्रेस का कोई नेता, मंत्री या विधायक पीड़ित युवक या उसके परिजनों से मिलने नहीं गया। पीड़ित युवक अत्यंत गरीब परिवार से है, इसके बावजूद सरकार की ओर से कोई सहायता नहीं दी गई। प्रशासन ने उसके परिजनों को एक लाख की मदद देने की बात कही है, लेकिन इतनी जघन्य घटना के बावजूद सिर्फ 1 लाख की मदद देना हास्यास्पद है। उन्होंने कहा कि हमारे दल ने हमीदिया अस्पताल में पीड़ित युवक से भेंट की है। उसे एक नॉन आईसीयू कमरे में रखा गया है। उसके मामले में डॉक्टरों का कहना है कि युवक 60 प्रतिशत से अधिक जल गया है। ऐसी स्थित में उसे तुरंत एयरलिफ्ट करके सफदरजंग अस्पताल की बर्न यूनिट में भर्ती कराना चाहिए, लेकिन कांग्रेस की इस दलित विरोधी सरकार ने उसे आईसीयू तक में भर्ती कराने की जरूरत नहीं समझी।

 

चुप क्यों हैं दलितों के स्वयंभू मसीहा?

 

                श्री आर्य ने कहा कि इस दुखद और अमानवीय घटना पर दलितों के स्वयंभू मसीहा होने का दावा करने वाले राजनीतिक दल और नेताओं की चुप्पी आश्चर्यजनक है। एक समुदाय के 30-35 लोग एक दलित युवक को जिंदा जलाते हैं, वह बचने के लिये कमरे से बाहर ना निकल पाये इसलिये बाहर से दरवाजे की कुंडी लगा देते हैं, बचाव की कोशिश करने वालों को धमकाते हैं, इसके बावजूद कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, वामपंथी दलों के किसी नेता ने कुछ नहीं कहा। ये वही दल हैं जो पूरे देश में खुद को दलितों का मसीहा बताने के लिये ढिंढोरा पीटते रहते हैं।

 

पीड़ित युवक को न्याय मिलने तक चुप नहीं बैठेंगे

 

                श्री आर्य ने कहा कि पीड़ित युवक के प्रति न्याय किए जाने की मांग को लेकर भारतीय  जनता पार्टी ने सोमवार को भी सागर में धरना दिया था और जब तक उसे न्याय नहीं मिल जाता, हम चुप नहीं बैठेंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी कमलनाथ सरकार से यह मांग करती है कि घटना में शामिल सभी लोगों के खिलाफ एफआईआर की जाए, आग में झुलसे युवक को तुरंत सफदरजंग अस्पताल भेजा जाए, उसके परिजनों को तत्काल कम से कम 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए और घटना के संबंध में लापरवाही बरतने वाले पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।

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