ये कैसी तल्खी

ये कैसी तल्खी ?

खबर नेशन / Khabar Nation  

वे मध्यप्रदेश में भेजे गए हैं सत्ता और संगठन पर नकेल डालने। कड़े नियंत्रक के तौर पर जाने जाने वाले इस राजनेता से मिलने मध्यप्रदेश के नेता अपने व्यस्त कार्यक्रमों को छोड़ देते हैं पर एक भावी मुख्यमंत्री की कतार में शामिल राजनेता ने अचानक ऐसा कदम उठाया कि संगठन के हालात की कलई खुल गई। कड़े नियंत्रक विदिशा में संघ और भाजपा की एक बड़ी शख्सियत के यहां विवाह समारोह में शामिल होने विमान से भोपाल आए। प्रदेश कार्यालय से उन्हें लेने वाहन भी एयरपोर्ट भेजा गया था। वाहन भेजे जाने से लेकर कठोर नियंत्रक के प्रदेश कार्यालय आगमन के दस मिनिट पूर्व तक मध्यप्रदेश भाजपा के शक्तिशाली नेता कार्यालय में मौजूद रहे। अचानक वे उठे और विदिशा के लिए रवाना हो गए। कठोर नियंत्रक और शक्तिशाली नेता दोनों को विदिशा जाना था पर इस दौरान यह व्यवहार तल्खी बयान कर गया।

जर जोरू और जमीन

"पैसा खुदा भी नहीं पर खुदा से बढ़कर भी नहीं".... एक समय भाजपा का सबसे चर्चित बयान रहा। अब मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार है और ऐसे में इस बयान को लेकर आय ए एस अफसरों की तनातनी सामने आ जाए तो "जर जोरू और जमीन....." वाली कहावत सटीक बैठती है। मुख्यमंत्री निवास से नजदीकी रखने वाले एक ठेकेदार के भुगतान में अड़ंगे से मुख्य सचिव जबरदस्त कुपित हो गये। विभाग के अफसर की जमकर टेलीफोन पर लू उतारी गई। लू बेअसर रही तो उनकी रवानगी तय कर दी गई। 

हरिराम की व्यथा

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सबसे करीबी हरिराम इन दिनों परेशान चल रहे हैं। हरिराम इधर की उधर करने में माहिर हैं और मीडिया जगत में जाने पहचाने हैं। बताया जा रहा है कि पांव पांव वाले भैय्या के साथ साथ ऑडियो क्लिपिंग सुनाकर भाभी का भरोसा भी हासिल किए हुए थे। इस भरोसे की आड़ में अपने कई राजनीतिक दोस्तों का बड़ा नुक़सान करा चुके हरिराम को किसी बड़े वाले हरिराम ने पटकनी दे दी। ख़बर है कि इस बार इनकी ऑडियो क्लिप सुना दी गई। पहले से बीमार चल रहे हरिराम की मुश्किलें बढ़ीं हुई हैं।

टाइगर को टाइगर का डर

मध्यप्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह -कमलनाथ की अघोषित जुगलबंदी देखने लायक महसूस की जा रही है। विधानसभा चुनाव 2018 के दौरान टाइगर टाइगर बयान पर खूब खेला गया। सबसे पहले मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने आप को टाइगर घोषित कर गए। तब के कांग्रेसी और आज के भगवाधारी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी अपने आप को टाइगर घोषित करने में देरी नहीं की थी। अब दोनों टाइगर एक ही बाड़े में हैं लेकिन एक दूसरे से डरे डरे हुए भी हैं। सिंधिया के डर में शिवराज -दिग्गी-कमलनाथ एक हो गए हैं।

एफ आई आर की तैयारी

मध्यप्रदेश के एक ईमानदार प्रमुख सचिव इन दिनों खासे परेशान हैं। उच्च न्यायालय ने उन्हें एक मामले की फाईल सहित उपस्थित होने का नोटिस जारी किया है। बताया जा रहा है कि मंत्रालय के बाबूओं ने किसी रसूखदार के इशारे पर फाइल गायब कर दी है। विभाग में तलाश जारी है लेकिन फाइल मिल नहीं रही है। हाइकोर्ट में उपस्थित होने की तारीख के पहले अब फाइल गायब होने की पुलिस रिपोर्ट करने की तैयारी की जा रही है।

कर भला तो हो भला

तीसरे दल में प्रमुख भूमिका निभाते रहे एक ताकतवर नेताजी पिछले दिनों भारी परेशानियों में घिर गए। मथुरा वृंदावन की यात्रा पर गए परिजनों से उनका संपर्क टूट गया। लंबे समय तक संपर्क ना होने पर उन्होंने अपने मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के संपर्कों को फोन घनघना दिया। कांग्रेस भाजपा के राजनेताओं और अफसरों के बुरे वक्त के मददगार इस राजनेता को सभी ने मिलकर इस समस्या से बाहर निकालने में मदद की।

पुलिसिया मांग पर देरी क्यों

मध्यप्रदेश का मंत्रालय खासकर वित्त विभाग अपनी अनोखी शैली के कारण पहचाना जाता है। एक जैसे निर्देशों को एक साथ लागू करने की बजाय अलग-अलग तराजू के पलड़े रखती है। अब ताजा मामला पुलिस विभाग के अधिकारियों का है। वित्त विभाग कई विभागों में फाइव टियर वेतनमान लागू कर चुका है। राज्य पुलिस सेवा के लिए सिक्स टियर वेतनमान का प्रपोजल आया था। वित्त विभाग तैयार नहीं हुआ। वित्त विभाग सिक्स टियर की बजाय फाइव टियर वेतनमान देने पर तैयार था। अब जब फाइव टियर वेतनमान का प्रस्ताव आया तो उसमें भी अड़ंगे लगाने की तैयारी की जा रही है।

पेंशनरों को राहत

मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सरकार तो अपने बुजुर्गों को वास्तविक सम्मान नहीं दे पा रही है पर भारत के रिजर्व बैंक ने पेंशन बांटने वाले बैंकों को कड़े निर्देश जारी कर दिए हैं। कई बैंक पेंशनरों को समय पर पेंशन डिसवर्स नहीं करते हैं। पेंशनर्स आस लगाकर अपने खाते पर हर माह नज़र रखते हैं। रिजर्व बैंक ने निर्देश जारी कर दिया है कि देरी होने पर बैंक अब बिना कहे ब्याज भुगतान करेगी।


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