सीएम डॉ मोहन यादव की छवि बिगाड़ने की आशंका

कटनी में करोड़ों के कोयले की अफरातफरी करने की तैयारी 

 

पूर्व में भी हो चुका है 33 करोड़ का घोटाला, जांच दफ़न 

गौरव चतुर्वेदी/ खबर नेशन 

मध्यप्रदेश के कटनी में करोड़ों रुपए के कोयला घोटाले की तैयारी शुरू कर दी गई है। एक बार पहले भी इसी तरह से तैंतीस करोड़ के कोयले की अफरातफरी की गई थी। जिसकी जांच ठंडे बस्ते में डाल दी गई है। गौरतलब है कि खनिज विभाग मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के पास है और ऐसे कारनामों से सी एम की छवि बिगड़ने का डर है।
गौरतलब है कि कटनी चूना पत्थर और रिफ्रेक्टरिज के सहारे उधोग जगत में अलग मुकाम रखता है। चूना भट्टे को संचालित करने बड़ी मात्रा में कोयले की जरूरत रहती है। जिसे सरकार रियायती दर पर उपलब्ध कराती है। रियायती दर पर कोयला उपलब्ध कराने के लिए उधोग और खनिज विभाग संयुक्त तौर पर कलेक्टर के निर्देशन में उद्योगपतियों को कोल आवंटित करते हैं। खनिज विभाग के नये नियमों के मुताबिक कोल आवंटन के पूर्व उधोगपति को खनिज विभाग से भंडारण की अनुमति लेना जरूरी है। 2021 से कटनी में किसी को भी भंडारण की अनुमति नहीं दी गई है। 
2021 में बंद उधोगों को कोयला आवंटन कर दिया गया। जो लगभग तैंतीस करोड़ रुपए के आसपास था। इस कोयले को खुले बाजार में महंगे दामों पर बेच दिया गया।
जब इस बारे में जिला खनिज अधिकारी कटनी से संपर्क करने की कोशिश की तो पता चला कि वहां पर लंबे समय से खनिज विभाग का कोई भी अधिकारी पदस्थ नहीं है। खनिज शाखा का प्रभार एस डी एम कटनी संस्कृति को दे रखा है। उन्होंने कहा कि भंडारण का विषय बैठक में आया था।  बैठक में अभी कोई भी फैसला नहीं हुआ है। कोयले का आवंटन उधोग विभाग करता है।
जिला उधोग केंद्र के प्रभारी दिनेश मर्सकोले से बात की तो उन्होने बताया कि अधिकांश लोगों ने 2021 से भंडारण की अनुमति के लिए आवेदन कर रखे हैं लेकिन किसी को भी भंडारण की अनुमति नहीं दी है।

अगर अन्य खनिजों के मामले में जांच कराई जाए तो बड़ी गड़बड़ी सामने आ सकती है। गौरतलब है कि खनिज विभाग मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के पास है और ऐसी स्थिति में होने वाली गड़बड़ियों से मुख्यमंत्री की छवि बिगड़ने का डर है।

Share:


Related Articles


Leave a Comment