जैसे शिक्षक होंगे...वैसे छात्र!
जैसे शिक्षक होंगे...वैसे छात्र !
इंदौर, नगर प्रतिनिधि। शिक्षक, छात्रों के आदर्श होते हैं। वो उनसे सीखते हैं। शिक्षकों को सरल, मेहनती और अनुशासन वाला होना चाहिए। अपनापन होना चाहिए। यह बात देवी अहल्या विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर राकेश सिंघई ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय परिसर में कहीं। कार्यक्रम में बत्तीस विभागों के दो सौ शिक्षक थे।
बोले, यह बड़ी और प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी है। स्टाफ भी अच्छा है। पढ़ाना एक नौकरी नहीं, सेवा है। छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखकर काम करना चाहिए।
मैं सभी के लिए हमेशा उपलब्ध रहूंगा। बिना संकोच कभी भी आकर मिल सकते हैं, अपनी बात रख सकते हैं, हम मिलकर समाधान तलाशेंगे।
हमारे साथ समस्या यह है कि हम खुद को अच्छे से प्रेजेंट नहीं कर पाते हैं। इसलिए न हमारे रिसर्च पेपर अच्छे होते हैं न कभी किसी इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित होते हैं। सोशल मीडिया का सहारा ले, क्योंकि नई पीढ़ी आपको वहीं मिलेगी।
कोशिश है ज्यादा मेहनत करूं ताकि स्टाफ, प्रोफेसरों और छात्रों मुश्किलें न हो।
आशावादी व्यक्ति हूं, आशावादी तरीके से काम करना पसंद करता हूं। नई शिक्षा नीति को अमलीजामा पहनाने के लिए काम करना होगा। हमें अपनी संस्था और अपने कामों पर गर्व करना सीखना होगा।
कार्यक्रम के अंत में कुलगुरु ने शिक्षकों के साथ प्रश्न-उत्तर सेशन भी किया। शिक्षकों ने कामों से जुड़े मुद्दे उठाएं। सबको समाधान का आश्वासन मिला।
जैसे शिक्षक होंगे...वैसे छात्र!