शाह का अंदाज ए बयां

गौरव चतुर्वेदी खबर नेशन/ Khabar Nation

मुरली की तान

मध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी को बतौर प्रदेश प्रभारी मजबूती प्रदान करने आए मुरलीधर राव की तान पर सरकार ने ता ता थैया करना शुरू कर दिया है। आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर डैमेज कंट्रोल की कवायद में जुटी सरकार ने मुरली के निर्देशों का पालन करना शुरू कर दिया है। फर्क इतना है कि कहीं मुरली की तान पर सरकार अपने पांव इधर के उधर तो नहीं रख रही हैं।

शाह का अंदाज ए बयां

मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को अपने पक्ष में करने देश के गृहमंत्री अमित शाह ने कमान अपने हाथ में ले ली है। सत्ता और संगठन की कमजोर हालात को देखकर नाराज, उपेक्षित नेताओं कार्यकर्ताओं को मनाने की कवायद शुरू कर दी है। अब इंदौर दौरे पर उन्होंने जहां सार्वजनिक तौर पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा को मित्र कहकर प्रफुल्लित कर दिया तो बंद कमरे में किसी भी तरह की परेशानी आने पर देश के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से संपर्क करने का फरमान सुना डाला। गौरतलब है कि तोमर को मध्यप्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव के प्रबंधन की जबाबदारी सौंपी गई है।राजनीतिक हलकों में शाह के इस अंदाज ए बयां को चटकारे ले लेकर बयां किया जा रहा है।

अफसरों के बीच या राजनीतिक झगड़े में फंसी लिस्ट

मध्यप्रदेश पुलिस की डी एस पी स्तर की लिस्ट जारी नहीं हो पा रही है। झगड़ा अपने अपनों को शामिल कराने का है। अफसरों की सूची पर गृहमंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा को आपत्ति है तो वहीं गृहमंत्री के नामों पर अफसर राजी नहीं हो रहे हैं। मामला दिल्ली दरबार तक पहुंच गया है।

मंत्री के इशारे पर थानेदार की धमकी बेअसर

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के नरेला विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ महेंद्र सिंह चौहान ने यात्रा निकाली। यात्रा के थीम सांग "दगाबाज रे......"पर क्षेत्र के थानेदार ने आपत्ति उठाकर प्रकरण दर्ज करने की धमकी दे डाली। धमकी से भन्नाए डॉ चौहान ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग के नर्सिंग घोटाले सहित अन्य मामलों का खुलेआम जिक्र कर अपने तीखे तेवरों का ऐलान कर दिया। गौरतलब है कि इस विधानसभा क्षेत्र से डॉ  चौहान अपनी किस्मत आजमा चुके हैं और आगामी चुनाव के लिए भी तैयारी कर रहे हैं।

यजमान क्या होता है ?

वर्तमान दौर में राजनीति अब संतों की कथा के बिना संभव नहीं रह गई है। हाल ही में अपने राजनीतिक चरित्र को बदलने वाली पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के सवाल पर कथा वाचक की व्यवस्था करने वाले एक मैनेजर बगले झांकने पर मजबूर हो गए। हुआ यूं कि उक्त वरिष्ठ नेता अपने विधानसभा क्षेत्र में पहली बार कथा करवा रहे हैं। मैनेजर ने कहा कि यजमान कौन रहेगा? तो नेताजी पूछ बैठे कि ये यजमान क्या होता है? जब उन्हें यह बताया गया कि यजमान को कथा में पूरे समय उपस्थित रहना पड़ेगा तो उन्होंने कह दिया कि किसी को भी यजमान बना देंगे।

कलेक्टर को जन्मदिन पर मिला ताना

मालवा के एक जिले के प्रशासनिक राजा मतलब कलेक्टर साहब के जन्मदिन पर राजधानी भोपाल के एक पत्रकार ने फेसबुक पर बधाई संदेश दे डाला। शहर के अवैध निर्माण को लेकर अदालती और प्रशासनिक, राजनीतिक लड़ाई लड़ रहे एक राजनेता ने कलेक्टर के आचरण को लेकर तीखी टिप्पणी कर डाली। कलेक्टर ने आव देखा न ताव राजनेता को धमकाने की गरज से फोन लगा डाला। कलेक्टर ने सायबर क्राइम की धारा गिना डाली। राजनेता भी कम नहीं निकले बिना डरे कह बैठे कि करा देना प्रकरण दर्ज। बात आई गई हो गई।

कांग्रेस मीडिया सेल में जासूसी के आरोप

मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के दफ्तर में इसे वास्तुदोष कहें या आनुवांशिक गुण चुनाव आते-आते मीडिया सेल में झगड़े बढ़ जाते हैं। ताजा झगड़ा भाजपा के लिए जासूसी करने का आरोप है। प्रदेश कांग्रेस प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी इस झगड़े से अजीज आकर सबको अपने अपने सौंपें गये काम करने का फरमान सुना बैठे। वास्तुदोष कमरे में भी है जो वहां बैठता है शिकार हो ही जाता है।

बड़े नेता बच्चों से परेशान

मामला आगामी विधानसभा चुनाव में राजनेताओं के बच्चों के चुनाव लड़ने का नहीं है। इस बार मामला नेताओं की बिगड़ैल संतानों का है। भाजपा में प्रमुख भूमिका निभा रहे कई बड़े नेताओं की संतानें नशाखोरी, फ्लर्टिंग और मारपीट ,वसूली जैसे मामलों में उलझे हुए हैं। चुनाव नजदीक देखकर सत्ता संगठन के माथे पर पसीना छलक रहा है।

पूर्व एसीएस को गरिया दिया गया

मास्टर ब्लास्टर के तौर पर ख्यात एक लिखने पढ़ने वाले आइ ए एस अफसर को सोशल मीडिया पर संभलकर लिखने की सलाह दे डाली गई। साल भर पूर्व बड़ी ही बेरहमी के साथ मध्यप्रदेश शासन ने इस आइ ए एस अफसर को अपर मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त कर डाला था। हांलांकि शिवराज सरकार की कई सफल योजनाएं इसी अफसर की देन हैं। इसके बावजूद पुनर्वास की कोशिश सफल नहीं हो पाई। हाल ही में मणिपुर मामले पर बन रहे नरेटिव को लेकर जब इन्होंने सोशल मीडिया पर यह उद्घोषणा की कि वे जल्दी ही कुछ लिखेंगे तो उन्हें यह सलाह दे दी गई कि नरेटिव क्या होता है। जो लिखना है लिख दो।

मंत्री उलझेंगे कानून के फेर में 

विधानसभा क्षेत्र बदलकर राजनीति में अपनी प्रासंगिकता बनाए हुए शिवराज मंत्रिमंडल के एक सदस्य कानूनी पचड़े में उलझ सकते हैं। मामला एक भाजपा नेत्री के दैहिक शोषण का है। मंत्री की गलती इतनी है कि आरोपियों को बचाने के फेर में पीड़िता का नाम जाहिर कर गए। शीघ्र ही इस मामले को लेकर पीड़िता कानूनी मदद के साथ साथ भाजपा की महिला सम्मान की असलियत जनता के बीच उजागर करने की तैयारी कर रही है।

कोयले की दलाली

मध्यप्रदेश का एक प्रमुख समाचार पत्र समूह कोयले के धंधे में हाथ आजमाने की तैयारी कर रहा है। सुना है इस व्यवसाय को विदेशी स्तर पर स्थापित किया जाएगा।

तीर्थाटन

भारतीय जनता पार्टी के एक पूर्व सांसद इन दिनों आए दिन तीर्थयात्रा पर जा रहे हैं। कभी उत्तर तो कभी दक्षिण , कोशिश चहुं दिशा के देवी देवता को शीश नवाने की है। संभावना है कि विधानसभा चुनाव में चेहरे बदलने के चक्कर में पूर्व सांसद की लाटरी खुल सकती है।

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गौरव चतुर्वेदी

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