समाजवादी समागम द्वारा आयोजित 'भारत जोड़ो - संविधान बचाओ, समाजवादी विचार यात्रा' अनुमति रद्द

 

खबर नेशन / Khabar Nation

समाजवादी समागम द्वारा आयोजित 'भारत जोड़ो - संविधान बचाओ, समाजवादी विचार यात्रा' आज 30  जनवरी को सुबह 10 बजे गांधी स्मृति से रवाना होने वाली थी। इसके लिए पुलिस की अनुमति भी ली गई थी लेकिन अचानक पुलिस ने यह अनुमति रद्द करके शांति पूर्वक एकत्र हुए यात्रियों को जबरदस्ती बसों में भरकर मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन ले जाना शुरू कर दिया। यात्रा का शुभारंभ सीताराम येचुरी, डी. राजा, शरद पवार एवं शरद यादव करने वाले थे किंतु इससे पहले ही पुलिस कर्मचारियों ने कई यात्रियों के साथ दुर्व्यवहार करते हुए यात्रा के संयोजक अरुण श्रीवास्तव के साथ धक्का-मुक्की की। यात्रियों के फोन को छीन कर गैरकानूनी तरीके से फ़ोनों से वीडियो को डिलीट किया गया। काफी घंटो की बहस के बाद दोपहर 2:00 बजे पुलिस ने यात्रियों को छोड़ा।

स्वराज इंडिया के अध्यक्ष श्री योगेंद्र यादव भी पुलिस स्टेशन पहुंचे, उन्होंने इसे गांधी जी के मूल्यों की हत्या कहा। इस यात्रा में समाजवादी समागम अध्यक्ष मंडल के हिन्द मजदूर सभा के महामंत्री श्री हरभजन सिंह सिद्धू, आई.टी.एम. विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति श्री रमाशंकर, श्री विजय प्रताप, सोशलिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया की महामंत्री श्रीमती मंजू मोहन,  कर्नाटक विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष श्री बी.आर. पाटिल आदि मौजूद थे।

यात्रा की अगुवाई यात्रा संयोजक श्री अरुण कुमार श्रीवास्तव तथा सह-संयोजक डॉ. सुनीलम कर रहे हैं। सुबह 10 बजे से शुरू हुए इस संघर्ष के बाद ठीक दोपहर 2 बजे यात्रा का आगाज सभी यात्रियों द्वारा बड़े ही उल्लास के साथ राष्ट्रीय ध्वज दिखाकर किया गया |

यात्रा का पहला चरण 30 जनवरी, दिल्ली से शुरू होकर 23 मार्च को हैदराबाद में पूरा होगा। इस चरण में यात्रा 16 राज्यों से गुजरेगी। दूसरा चरण 11 अप्रैल को चंपारण से शुरू होकर 17 मई को पटना में पूरा होगा, इस दौरान 10 राज्यों की यात्रा की जायेगी। तीसरा चरण 11 अक्टूबर को सिताबदियारा (बलिया) से शुरू होकर 31 अक्टूबर को नरेंद्र निकेतन, दिल्ली में समाप्त होगा। समाजवादी विचार यात्रा हेतु देशभर में 500 से अधिक कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।

समाजवादी समागम एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका उद्देश्य स्वतंत्रता आन्दोलन एवं समाजवादी आन्दोलन के मूल्यों की पुर्नस्थापना के साथ-साथ देशभर के समाजवादी, गांधीवादी, सर्वोदयी, वामपंथी, अंबेडकरवादी विचारधारों से जुड़े जन आंदोलनकारियों, मानव अधिकारवादियों, पर्यावरणवादियों एवं सभी लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता में विश्वास रखने वाले संगठनों और व्यक्तियों को स्थानीय स्तर पर आयोजित कार्यक्रमों के माध्यम से एकजुट करना है।

 

यात्रा का मुख्य उद्देश्य निम्न मुद्दों पर देश में जनमत पैदा करना, संगठित करना तथा राष्ट्रव्यापी जन आन्दोलन करना है ताकि सरकारों तथा समाज का ध्यान आकृष्ट किया जा सके तथा देश में समतावादी, न्यायपूर्ण व्यवस्था कायम हो सके ।

 

मुख्य उद्देश्य

1.         सी.ए.ए.-एन.आर.सी.-एन.पी.आर. रद्द करो।

2.         सार्वजनिक प्रतिष्ठानों एवं शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं के निजीकरण पर रोक लगाओ।

3.         55 करोड़ श्रमिकों के लिये बनाये गये श्रम कानूनों को खत्म कर चार कोड बनाया जाना नामंजूर, सभी   श्रम क़ानून             बहाल करो।

4.         बेरोजगारी पर रोक लगाओ, रोजगार के अधिकार को मौलिक अधिकारों में शामिल करो। बेरोजगारों   को प्रतिमाह       दस हजार रुपये बेरोजगारी भत्ता दो।

5.         किसानों की संपूर्ण कर्जा मुक्ति एवं सभी कृषि उत्पादों के डेढ़ गुना लाभकारी मूल्य की गारंटी देने हेतु      कानून    पारित करो।

6.         दस करोड़ दुग्ध उत्पादक किसानों एवं सभी किसानों के खिलाफ आर.सी.ई.पी. का समझौता नहीं करो।

7.         कृषि योग्य भूमि के अधिग्रहण पर रोक लगाओ।

8.         सभी नष्ट हुई फसलों की बीमा राशि तथा मुआवजा राशि का तुरंत भुगतान करो।

9.         हर किसान-मजदूर परिवार को प्रतिमाह दस हजार रुपये सामाजिक सुरक्षा पेंशन दो।

10.       हर किसान-मजदूर परिवार की न्यूनतम मासिक आय 25 हजार रुपये प्रतिमाह सुनिश्चित करो (प्रतिमाह न्यूनतम  मजदूरी)।

11.       आदिवासियों को उजाड़ना बंद करो, वन अधिकार कानून लागू करो।

12.       महिलाओं, दलितों, अल्पसंख्यकों पर हिंसा बंद करो एवं व्यक्तिगत सुरक्षा सुनिश्चित करो। मॉब लिंचिंग बंद करो।

13.       कारपोरेट को छूट, किसानों-मजदूरों की लूट बंद करो।

14.       संवैधानिक संस्थाओं पर हमले बंद करो।

15.       चुनाव सुधार लागू करो।

16.       खर्चे की सीमा तय करो, 1:10 से ज्यादा गैरबराबरी नामंजूर।

17.       कश्मीर में लोकतंत्र बहाल करो, सभी संचार सेवायें शुरू करो, जम्मू-कश्मीर राज्य का विभाजन  नामंजूर।

18.       विविधता का सम्मान करो।

19.       किसानों, मजदूरों एवं आंदोलनकारियों पर लादे गये फर्जी मुकदमे वापस लो।

20.       अहिंसात्मक आंदोलनों पर होने वाले पुलिस गोली चालन पर कानूनी प्रतिबन्ध लगाओ। 

21.       सभी सरकारी, शैक्षणिक एवं अदालती कार्यों में लोक भाषाओं का प्रयोग करो।

 

समाजवादी समागम द्वारा समाजवादी साहित्य की पुस्तिकायें प्रकाशित की गई हैं, जिनकी बिक्री  भी यात्रा के दौरान की जायेगी।

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