बेहद शर्मनाक, एक ही योजना का दोबारा शुभारंभ किया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी ने?


ऐसा कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने पंडित दीनदयाल
उपाध्याय जी का भी किया अपमान: नरेंद्र सलूजा
खबर नेशन/Khabar Nation

भोपाल, 26 सितंबर 2020


मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने बताया कि जिस किसान कल्याण योजना का प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह कल 25 सितंबर को एक कार्यक्रम में शुभारंभ कर चुके हैं, उसी योजना का आज फिर 26 सितंबर को उन्होंने दोबारा एक कार्यक्रम कर शुभारंभ किया, इससे शर्मनाक कुछ और हो नहीं सकता ?
सलूजा ने कहा कि ऐसा कर कर मुख्यमंत्री ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का भी अपमान किया है ,उनकी जयंती का भी मजाक उड़ाया है क्योंकि कल मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के शुभारंभ के अवसर पर मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा था कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का आज जन्मदिन है और इस योजना के शुभारंभ के लिए इससे शुभ अवसर कुछ और हो नहीं सकता तो फिर क्या कारण है कि उस दिन शुभारंभ की गई योजना का दोबारा अगले दिन उन्होंने फिर शुभारंभ किया? क्या वह पंडित दीनदयाल जी की जयंती के दिन को शुभ नहीं मानते?
वैसे तो शिवराज जी इस योजना का शुभारंभ 26 सितंबर को एक बड़ा समारोह आयोजित कर करना चाहते थे लेकिन एक दिन पूर्व चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपचुनाव की संभावित घोषणा व अचार संहिता को देखते हुए उन्होंने ताबड़तोड़ इस योजना का एक दिन पूर्व ही एक समारोह में शुभारंभ कर दिया लेकिन कल जब इस योजना का शुभारंभ हो चुका था तो फिर आज लाखों खर्च कर बड़ा समारोह आयोजित करने की आवश्यकता क्यों पड़ी?
शिवराज जी अपनी झूठी घोषणाओं ,झूठे उद्घाटन, भूमि पूजन ,शिलान्यास के लिये जाने जाते है और अब जिस तरह से एक योजना का वे दो-दो बार शुभारंभ कर रहे हैं, उसके लिए प्रदेश के खजाने से लाखों खर्च कर रहे हैं, जनता की गाढ़ी कमाई के पैसे को कार्यक्रमों के नाम पर लुटा रहे हैं ,उसी से समझा जा सकता है कि किस प्रकार सरकारी धन का अपव्यय उनकी सरकार में हो रहा है?
मुख्यमंत्री शिवराज जी किसी भी घोषणा के लिए एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित करते हैं, बड़ी संख्या में सरकारी खजाने से पैसे खर्च कर भीड़ जुटाई जाती है ,बसे अधिग्रहित की जाती है और फिर मुख्यमंत्री एक घोषणा करते हैं। जबकि इसके विपरीत कमलनाथ जी ने मुख्यमंत्री रहते प्रदेश हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए, कई घोषणाएं की, कई काम किए लेकिन कभी भी उन्होंने इस तरह की संस्कृति को बढ़ावा नहीं दिया।उन्होंने बगैर समारोह आयोजित कर ,बगैर सरकारी धन का दुरुपयोग कर बड़े-बड़े निर्णय लिए, कार्य किये। यह कमलनाथ जी और शिवराज जी की कार्यशैली में अंतर है।
सलूजा ने कहा कि वैसे तो मुख्यमंत्री कल्याण योजना का वास्तविक नाम “किसान असम्मान योजना ‘‘होना चाहिए क्योंकि मात्र 10 रूपये प्रतिदिन देकर शिवराज सरकार किसानों का असम्मान कर रही है, उनका मजाक उड़ा रही है। यदि शिवराज सरकार किसानों का वास्तव में सम्मान करना चाहती है तो उन्हें तत्काल कांग्रेस सरकार की किसान कर्ज माफी योजना को दोबारा चालू करना चाहिए ,जिससे किसान कर्ज मुक्त होकर सम्मान का जीवन जी सके।

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