वरिष्ठ आई ए एस अफसरों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले मातहत वरिष्ठ जिला पंजीयक दीपक शर्मा को हाईकोर्ट से लगा तगड़ा झटका
दीपक शर्मा ने तीन ईमानदार आईएएस अफसरों पर लगाए थे आरोप, बाद में मुकरे मातहत दीपक शर्मा
वरिष्ठ ज़िला पंजीयक इंदौर के प्रभार को लेकर थी लड़ाई, मातहत दीपक शर्मा ने शासन की संविधान प्रदत्त शक्तियों को ही दे डाली थी चुनौती
हाईकोर्ट का फैसला बना नजीर,किया दूध का दूध, पानी का पानी, सात दिन में महानिरीक्षक पंजीयन को फ़ैसले पर अमल करने के लिए किया निर्देशित
गौरव चतुर्वेदी / खबर नेशन
मध्यप्रदेश के तीन वरिष्ठ आई ए एस अफसरों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले मातहत दीपक शर्मा को हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लग गया है। आरोपों के घेरे में रहे तीनों अफ़सर,अफ़सरों के गलियारे में बेहद ईमानदार माने जाते हैं। अतः ऐसे ईमानदार आईएएस अफ़सरों पर भ्रष्टाचार के आरोपों पर वल्लभ भवन में तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की जा रही थी। हालांकि आरोप लगाने वाले मातहत दीपक शर्मा बाद में यह कहते हुए मुकर गए कि आरोप व्यक्तिगत नहीं थे। हाईकोर्ट में मामला
वरिष्ठ जिला पंजीयक इंदौर के प्रभार की लड़ाई को लेकर था लड़ाई जिसके चलते इंदौर में पदस्थ जिला पंजीयक दीपक शर्मा ने शासन को चुनौती दे डाली।हाईकोर्ट ने दीपक शर्मा के विरुद्ध फैसला देते हुए नजीर पेश की है और वरिष्ठ जिला पंजीयक इंदौर के प्रभार के संबंध में स्थिति स्पष्ट करते हुए मध्यप्रदेश सरकार को निर्देश दिए हैं कि सात दिन में माननीय न्यायालय के आदेश के पालन में आदेश जारी करें।
यह है मामला
मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश के चार महानगरों में एक से अधिक वरिष्ठ जिला पंजीयक/जिला पंजीयक के पद सृजित किए हुए हैं। वरिष्ठ ज़िला पंजीयक/जिला पंजीयक में से वरिष्ठतम वरिष्ठ जिला पंजीयक को वरिष्ठ जिला पंजीयक बनाने का प्रावधान है। इंदौर जिले में चार वरिष्ठ जिला पंजीयक/जिला पंजीयक के पद स्वीकृत हैं। पूर्व में वरिष्ठ जिला पंजीयक के पद पर दीपक शर्मा पदस्थ थे। गत वर्ष जिला पंजीयकों के स्थानांतरण के बाद डॉ अमरेश नायडू का धार से इंदौर तबादला किया गया था। नायडू पूर्व से पदस्थ वरिष्ठ जिला पंजीयक दीपक शर्मा से ग्रेडेशन लिस्ट में सीनियर हैं। जिसको लेकर मध्यप्रदेश के वाणिज्य कर विभाग ने नायडू को वरिष्ठ जिला पंजीयक का प्रभार दिलवाए जाने का आदेश कर दिया। तत्कालीन इंदौर कलेक्टर टी इलैया राजा ने शासनादेश का पालन करते हुए नायडू को वरिष्ठ जिला पंजीयक का प्रभार दे दिया। इस आदेश से क्षुब्ध होकर दीपक शर्मा हाईकोर्ट चले गए। शर्मा ने हाईकोर्ट में प्रभार प्रक्रिया को गलत बताते हुए तत्कालीन प्रमुख सचिव वाणिज्य कर दीपाली रस्तोगी, पंजीयन एवं मुद्रांक महानिरीक्षक एम सेल्वेंद्रम और तत्कालीन इंदौर कलेक्टर टी इलैया राजा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा डाले। खबर नेशन ने जब इस मामले से संबंधित समाचार को प्रकाशित किया तो वरिष्ठ अधिकारियों की त्यौरियां चढ़ गई। वरिष्ठ अधिकारियों ने गलत आरोप लगाए जाने पर दीपक शर्मा को फटकार लगाई। जिसके बाद दीपक शर्मा ने खबर नेशन से संपर्क स्थापित कर बताया कि उनके आरोप व्यक्तिगत नहीं थे। उन्होंने अपना पक्ष प्रकाशित करने का आग्रह भी किया। जिसके बाद खबर नेशन ने उक्त पक्ष को प्रकाशित करते हुए समस्त वस्तुस्थिति पाठको के समक्ष रखी। उक्त समाचार खंडन स्वरूप प्रकाशित नहीं किया गया था।
हाल ही में जिला पंजीयक दीपक शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने फैसला दिया है कि शासन की प्रक्रिया यथोचित थी। हाईकोर्ट ने शासन को यह निर्देश भी दिए हैं कि सात दिन के भीतर माननीय न्यायालय के आदेश के पालनार्थ उचित आदेश जारी करें। कोर्ट ने याचिका कर्ता द्वारा प्रस्तुत नेमप्लेट संबधी साक्ष्यों को सार्वजनिक डोमेन में डालने को हास्यास्पद और बेतुकी कार्रवाई बताया है। हाईकोर्ट के माननीय न्यायाधीश सुबोध अभ्यंकर ने यह भी कहा है कि दो वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के बीच इस तरह के झगड़े को सार्वजनिक डोमेन में डाले जाने को टाला जाना चाहिए।