IAS अफसर सेलवेंद्रम को दिया तगड़ा झटका
दो दिन में ही रिट अपील में हाईकोर्ट की बेंच ने बदल डाला फैसला
गौरव चतुर्वेदी/खबर नेशन/Khahbar Nation
मध्यप्रदेश के वरिष्ठ आय ए एस अफसर एम सेल्वेंद्रम को इंदौर हाइकोर्ट ने एक जबरदस्त झटका दे डाला है। हाइकोर्ट के माननीय जस्टिस सुश्रुत धर्माधिकारी एवं माननीय जस्टिस गजेंद्र सिंह की युगलपीठ में रिट अपील मात्र एक ही दिन में सुनवाई के लिए लिस्ट हो गई और अगले ही दिन फैसला भी मिल गया। युगलपीठ ने दो दिन पुराने फैसले को पलट दिया है। सेल्वेंद्रम ने इंदौर हाइकोर्ट के दो दिन ही पुराने फैसले के आधार पर हाईकोर्ट के आदेश के पालन में 24 घंटे के भीतर आदेश जारी कर दिया था।
उल्लेखनीय है कि इंदौर जिला पंजीयक कार्यालय में पदस्थ वरिष्ठ जिला पंजीयक डॉ अमरेश नायडू को ग्रेडेशन लिस्ट में दीपक शर्मा से सीनियर वरिष्ठ जिला पंजीयक मानते हुए पंजीयन एवं मुद्रांक महानिरीक्षक एम सेल्वेंद्रम के आदेश पर वरिष्ठ जिला पंजीयक,इंदौर बनाया गया था। उक्त आदेश के विरूद्ध हाईकोर्ट में दीपक शर्मा ने रिट पिटीशन दाखिल की थी।हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के माननीय न्यायाधीश ने सभी पक्षों को सुनवाई करते हुए प्रमुख सचिव वाणिज्य कर विभाग, पंजीयन एवं मुद्रांक महानिरीक्षक मध्यप्रदेश, और इंदौर कलेक्टर की कार्रवाई को उचित ठहराया था। मामला इंदौर जिले में पदस्थ चार जिला पंजीयकों में वरिष्ठ जिला पंजीयक के पद पर प्रभार को लेकर था। पूर्व में दीपक शर्मा वरिष्ठ जिला पंजीयक थे। कुछ समय पूर्व ही डॉ अमरेश नायडू रतलाम से इंदौर स्थानांतरित होकर आ गये। डॉ नायडू इंदौर में पदस्थ चार जिला पंजीयकों में वरिष्ठतम थे तो शासनादेश पर इंदौर कलेक्टर ने डॉ अमरेश नायडू को वरिष्ठ जिला पंजीयक का प्रभार सौंप दिया। जिसको लेकर हाइकोर्ट में मामला चल रहा था। हाईकोर्ट के माननीय न्यायाधीश सुबोध अभ्यंकर ने डॉ अमरेश नायडू को ग्रेडेशन लिस्ट में सीनियर होने के कारण,उन्हें वरिष्ठ जिला पंजीयक,इंदौर का प्रभार देने के लिए, सभी वरिष्ठ जिला पंजीयक/जिला पंजीयकों की वरिष्ठता का निर्धारण कर शासन को सात दिन के भीतर डॉ अमरेश नायडू को वरिष्ठ जिला पंजीयक,इंदौर बनाए जाने संबंधी आदेश पृथक से जारी करने हेतु निर्देशित किया था ।महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक सेल्वेंद्रम ने हाईकोर्ट के उक्त आदेश का पालन करते हुए डॉ अमरेश नायडू को वरिष्ठ जिला पंजीयक,इंदौर बनाने का आदेश जारी कर दिया। उक्त फैसले से व्यथित होकर दीपक शर्मा ने अगले ही दिन युगलपीठ के समक्ष रिट अपील कर डाली। एक ओर जहॉं हाईकोर्ट के समक्ष कितने ही प्रकरण सुनवाई हेतु लंबित है,वहीं एक दिन पूर्व ही लगाई गई इस रिट अपील में अगले ही दिन युगलपीठ ने सुनवाई करते हुए मोशन हियरिंग में ही अंतिम सुनवाई कर, माननीय न्यायाधीश सुबोध अभ्यंकर के फैसले को पलट डाला और निर्देशित किया है कि जो आदेश आईजीआर ने जारी किया है,उसे नियमानुसार प्रमुख सचिव,वाणिज्यिक कर जारी करें।
वल्लभ भवन और पंजीयन विभाग में युगलपीठ में एक दिन पूर्व ही की गई अपील पर अगले ही दिन आए फैसले को लेकर जबरदस्त चर्चा है। युगलपीठ में दीपक शर्मा की अपील पर शासन अपना उचित पक्ष नहीं रख सका। सत्रह पेज के फैसले में पंजीयन एवं मुद्रांक महानिरीक्षक को फैसला लेने के लिए सक्षम अधिकारी नहीं मानते हुए प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर को इस हेतु सक्षम अधिकारी माना है। वल्लभ भवन और पंजीयन विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों में दबी जबान से चर्चा हो रही है कि अनगनित प्रमुख मामलों में कई अपीलें लंबे समय से लंबित हैं,वहीं दीपक शर्मा की अपील की सुनवाई दो दिन में पूरी होकर शासन के विरुद्ध फैसला आना आश्चर्यजनक है। जो दीपक शर्मा के किस्मत के धनी होने की और इशारा कर रही है।