हुड़को वासियों को समस्याओं के नर्क में धकेलता नपा अमला

 

एक कानून का ज्ञाता कर रहा शासन-प्रशासन को गुमराह, नपा ने टेके घुटने, कलेक्टर ले संज्ञान में...
खबर नेशन / Khabar Nation
नीमच। नगरपालिका नीमच की कार्यप्रणाली हमेशा सवालों के घेरे में खड़ी नजर आती है जो कोई नई बात नहीं है। क्योंकि कर्मचारी हो या अधिकारी उन्हें जनता की पीड़ा से कोई लेना-देना नहीं होता बल्कि वे सदैव भ्रष्टाचारी नाव में सवार होकर स्वहिताय के जुगाड़ में लगे रहते हैं, ऐसे में शहर की जनता को वे भगवान भरोसे छोड़ अपने दायित्व को खूंटी पर टांगने को ही अपना फर्ज समझते हैं।
अक्सर यह देखा गया है कि जब जनता अपनी समस्या लेकर इनके पास जाती है या मामला मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में कई गई शिकायतों का हो, तो ये उसके समाधान के परे केवल कागजी खानापूर्ति कर इतिश्री कर लेते है। एक ऐसा ही मामला वार्ड क्रमांक 28 हुड़को काॅलोनी, बगीचा नम्बर  02 का है, जहां रहवासी निर्माणाधीन अधूरी सड़क, सढ़ांध मारते नाले, नाली की वजह से बदबूदार पेयजल की समस्या से रोजाना दो-दो हाथ करते नजर आ रहे हैं, जिसकी वार्ड वासियों ने मुख्य नगरपालिका अधिकारी को लेखी में शिकायत भी ज्ञापन सौंपकर दर्ज करवाई है। मगर ढाक के तीन पात वाली कहावत को चरितार्थ कर उन्होंने समस्या के समाधान में एक योग्य विधि सलाहकार की बाधा बताकर पल्ला झाड़ लिया है। जबकि दर्ज करवाई गई शिकायत के अनुसार कानून के ज्ञाता उक्त शख्स ने घर के सामने रोड़ पर एक सीताफल का पेड़ लगा उस पर एक बजरंग बली की तस्वीर लगाकर रोड़ निर्माण में बाधा उत्पन्न कर रखी है, जिसकी वजह से नाला सफाई और नालियों की गंदगी हटाने से भी नगरपालिका ने परहेज कर रखा है जो रहवासियों का जीना दूभर करता नजर आ रहा है। वैसे सड़क निर्माण के दौरान शहर के बाहर हजारों वृक्षों की बली जन हितार्थ देने में कोई परहेज नहीं किया जाता है, तब सैकड़ों रहवासियों के लिये समस्या खड़ी कर रहे इस छोटे से सीताफल के पेड़ को हटाने की बजाय महज एक व्यक्ति के कारण नगरपालिका क्यों लाचार होकर रहवासियों की पीड़ा को दरकिनार कर रही है, यह समझ से परे है। यही नहीं सड़क निर्माण में काॅलोनी के मकान नम्बर 497 से 504 तक नालियोें के निर्माण का अधूरा कार्य भी बाधा बन रहा है। जबकि शिकायतकर्ताओं की शिकायत के मुताबिक नालियों का यह कार्य अधूरा है। इसी तरह इस क्षेत्र में इसी निर्माणाधीन सीसी रोड पर जीर्ण-शिर्ण पुलिया भी रहवासियों के आवागमन में परेशानी बनी हुई है। 
रहवासियों ने मुख्य नरगपालिका अधिकारी व जिला कलेक्टर से आग्रह किया है कि वे तत्काल मामले को संज्ञान में लेकर जनहित से हो रहे खिलवाड़ को ध्यान में रख तत्काल रहवासियों को समस्याओं से मुक्ति दिलवाएं तथा रोड़ निर्माण एवं नाली निर्माण के अधूरे कार्य को पूर्ण करवाएं।

35 वर्षां से बन्द पड़ी नाली को खोले जाने का कितना औचित्य?

लगभग 35 वर्षां से बन्द पड़ी बगीचे के बाहर की एक नाली खुलवाने की मांग कर अपनी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाते हुए एक योग्य विधि विशेषज्ञ द्वारा अपनी वकालात का दम भरते हुए रहवासियों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने पर आमादा हो रहा है, वहीं रहवासियों का कहना है कि उपरोक्त वर्णित मकानों के सामने बगीचे से लगी हुई वर्षां से बन्द पड़ी नाली को इस एक ज्यादा अक्लमन्द कानून के विद्वान के कारण पुनः खुदवाया जाना औचित्यहीन है। जिसका न तो कोई उपयोग व औचित्य है जबकि जो नाली वर्तमान में चालू है उनकी भी नियमित साफ-सफाई नहीं होती है। उसकी बदबू व सड़ांध से पहले हम कॉलोनी के रहवासी नारकीय ढंग से जीवन यापन कर रहे है। नगर पालिका की सफाई कर्मियों द्वारा सिर्फ बातें करते हुए ताल मटोल कर टाइम पास किया जाता है ना की किसी प्रकार की साफ सफाई में ध्यान दिया जाता है।  वहीं बिना किसी उपयोग की एक और नाली के खुलने से जहाँ बच्चों को पार्क में जाने पर गिरने का डर रहेगा वही दूसरी ओर बगीचे के प्रति बेपरवाह रही नगरपालिका पर सफाई का बोझ भी बढेगा जो उससे पहले ही ढोया नहीं जा रहा। दूसरी ओर सिर्फ एक शख्स द्वारा नाली को खुलवाना अपनी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया गया है, जिसके आगे इसे वार्डवासियों का हित भी दिखाई नहीं दे रहा है। यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी इसके विरूद्ध वार्डवासियों द्वारा शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने के आवेदन मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पालिका परिषद नीमच को दिये जा चुके है, फिर भी यह अपनी कारगुजारियों से बाज नहीं आ रहा है।  वही नगर पालिका व नपा के अधिकारियों की कार्य प्रणाली को देखते हुए ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे नगरपालिका व नपा अधिकारियों ने इस शख्स के सामने अपने घुटने टेक दिए हैं।
अब देखना है कि बिना किसी उपयोग की नाली को लेकर जो हठधर्मिता इसके द्वारा दिखाई जा रही है उसका क्या परिणति होती है।

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