आदिवासियों के हक छीने तो हम सरकार को छोड़ेंगे नहीं: शिवराज

राजनीति Jun 18, 2019

घेराव से घबराई सरकार ने मांगे मानी, निकला विजय जुलूस

खबर नेशन/Khabar Nation   

भोपाल। गरीब आदिवासियों का जल, जंगल और जमीन पर बराबर का हक है, लेकिन कमलनाथ सरकार आदिवासियों से इनका हक छीन रही है। वर्षों से जिस जमीन पर गरीब आदिवासी रह रहा है और खेती कर रहा है। उस जमीन से प्रदेश सरकार उसे दखल कर रही है। अगर आदिवासी का हक किसी भी सरकार ने छीनने की कोशिश की, तो सरकार को हम छोड़ेंगे नहीं। आदिवासी गरीब की जमीन को हांथ भी लगाया तो इसके अंजाम बुरे होंगे। यह बात भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने टी.टी. नगर में चल रहे आदिवासियों के धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कही। धरने के पश्चात शिवराजसिंह चौहान के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आदिवासियों की सभी मांगे स्वीकार कर ली गई। आदिवासियों ने अपनी मांग पूरी होने पर शिवराजसिंह चौहान को कंधे पर बैठाकर न्यू मार्केट में जुलूस निकाला। 

मंगलवार को सीहोर जिले के बारेला समाज के आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार के विरोध में विभिन्न मांगों को लेकर टी.टी. नगर में आदिवासियों ने धरना प्रदर्शन किया। धरने में पूर्व मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान शामिल हुए। उन्होंने कहा कि आदिवासियों की लड़ाई में भोपाल की जनता भारतीय जनता पार्टी और हम सब सड़कों पर लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है। अगर आदिवासियों की जायज मांगे नहीं मांगी गई तो यह आंदोलन और मुखर होगा।

दम है तो गरीब आदिवासियों के बजाए बड़े माफियाओं को पकड़े

शिवराजसिंह चौहान ने आदिवासियों पर की गयी भेदभावपूर्ण कार्रवाही का विरोध करते हुए कहा कि कमलनाथ सरकार में शासन और प्रशासन दमनकारी नीतियों पर काम कर रहा है। आबकारी विभाग वाले महुआ के नाम पर भोले भाले आदिवासियों पर झूठे मुकदमें दर्ज कर रहे है। मेहनत मजदूरी करने वाले गरीब आदिवासियों के ट्रेक्टर ट्राली राजसात कर उन्हें जेल भेज दिया जाता है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार में दम है तो गरीब आदिवासियों पर कार्रवाही करने के बजाए बड़े बड़े माफियाओं को पकड़कर बताएं। उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार उन माफियाओं और दलालों को जो वल्लभ भवन के गलियारों में लूट रहे है, जो नोट के बोरे भर रहे है उन्हें जेल नहीं भेजेगी। उन पर कार्रवाही नहीं करेगी। यह सरकार तो सिर्फ गरीब आदिवासियों को प्रताड़ित करेगी। चौहान ने कहा कि सुनो कमलनाथ तुमको और सरकार को गरीब आदिवासियों की हाय तबाह और बर्बाद कर देगी।

सरकार के समक्ष रखी यह मांगे

चौहान ने कहा कि हमने सरकार में रहते गरीब आदिवासियों को उनका हक देने का काम किया है। लेकिन सरकार के बदलते ही आदिवासियों को मिलने वाली सुविधाएं बंद हो चुकी है। आदिवासी दर-दर भटक रहा है और इसी का परिणाम है कि मजबूर होकर उसे धरना प्रदर्शन कर अपना हक मांगने के लिए विवश होना पड़ रहा है। उन्होंने आदिवासियों की मांग दोहराते हुए कहा कि आदिवासियों पर वन विभाग एवं आबकारी विभाग द्वारा दर्ज फर्जी एवं झूठे मुकदमें वापस लिए जाए। वनअधिकारी पट्टे पर इस वर्ष अब तक गेहूं और चने की तुलाई नहीं की गयी है, सरकार गेहूं चने की तत्काल खरीदी प्रारंभ करे। वन अधिकार पट्टे पर मक्के का बोनस अब तक नहीं दिया है। सरकार जल्द बोनस देने का काम शुरू करे। कपिल धारा योजना के अंतर्गत कुंआ खोदने की अनुमति दे। आदिवासी समाज के स्थाई जाति प्रमाण पत्र हेतु पूरे परिवार का 60 साल का रिकार्ड मांगा जा रहा है, जिससे बेटे बेटियां परेशान हो रहे है। उन्हें स्थाई प्रमाण पत्र देने की कार्रवाही जल्दी की जाए। आदिवासी समाज की पंचायतों का पुनः सीमांकन किया जाए। तेन्दुपत्ता की बोनस राशि दी जाए। वनग्रामों को राजस्व ग्राम करने की प्रक्रिया चल रही है, जिसे शीघ्र पूरा किया जाए। आदिवासी हितग्राहियों के कब्जे वाले पट्टों पर वनविभाग के अधिकारियों द्वारा आदिवासियों को प्रताडित किया जा रहा है। सरकार प्रताड़ित करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाही करे। कृषि कार्य करने वाले ट्रेक्टरों को जप्त कर आदिवासियों को प्रताड़ित किया जा रहा है। प्रताड़ित करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाही करें। आबकारी विभाग द्वारा महुए की तुड़ाई में फर्जी केस बनाकर प्रताडित किया जा रहा है। ऐसे केस वापस लिए जाए। वन विभाग के पट्टाधारी आदिवासियों को जिला सहकारी बैंक खाद, बीज और नकद ऋण प्रदान करने की व्यवस्था की जाए। आदिवासी बस्तियों में पर्याप्त बिजली और पेयजल की व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि इन सभी मांगों को लेकर आदिवासी धरने पर बैठे है। अगर सरकार समय रहते इन समस्याओं का समाधान नहीं करती है तो यह आंदोलन और मुखर होगा।

भदभदा से धरना स्थल पर ट्रेक्टर से पहुंचे शिवराज

आदिवासियों द्वारा धरना प्रदर्शन के लिए टीटी नगर में स्वीकृति ली गयी थी लेकिन आंदोलन से घबराए प्रशासन ने धरना स्थल से 8 कि.मी. दूर भदभदा के पास ही धरने में शामिल होने आए आदिवासियों के ट्रेक्टरों को रोक लिया गया। जिस पर श्री शिवराजसिंह चौहान भड़क गए और प्रशासन की कार्रवाही पर नाराजगी व्यक्त करते हुए वे तत्काल भदभदा पहुंचे और आदिवासियों के साथ ट्रेक्टर में बैठकर धरना स्थल पर पहुंचे।

घबराई सरकार ने मांगे मानी, आदिवासियों ने निकाला जुलूस

धरना प्रदर्शन के पश्चात पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के नेतृत्व में क्षेत्रीय सांसद रमाकांत भार्गव, पूर्व विधायक करणसिंह वर्मा के साथ 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। जिस पर मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा सभी मांगे तत्काल मान ली गयी। मुख्यमंत्री से मिलने के पश्चात शिवराजसिंह चौहान आदिवासियों के साथ धरना स्थल पर पहुंचे और उन्हें सरकार द्वारा मानी गयी सभी मांगों से अवगत कराया। आदिवासियों ने अपनी मांगे पूरी होने पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान का आभार मानते हुए उन्हें कंधे पर बैठाकर न्यू मार्केट में विजय जुलूस निकालकर प्रसन्नता व्यक्त की।

ये थे मौजूद

धरना प्रदर्शन में प्रदेश उपाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा, प्रदेश मंत्री रघुनाथ सिंह भाटी, महापौर आलोक शर्मा, प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेन्द्र पाराशर, जिलाध्यक्ष विकास विरानी, रामपाल सिंह, गुरूप्रसाद शर्मा, लक्ष्मण सिंह बारेला, कनक सिंह पटेल, कैलाश बारेला, निर्मला बारेला, भूरा सिंह बारेला, डीपी सिंह धुर्वे एवं पर्वत सिंह सहित बडी संख्या में बारेला आदिवासी समाज के लोग मौजूद थे। 

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