अब मोदी शिवराज सरकार के भ्रष्टाचार के नोट गिनने मध्यप्रदेश कब आ रहे हैं ?: नरेन्द्र सलूजा
ईओडब्ल्यू द्वारा ई-टेंडरिंग घोटाले में दर्ज एफआईआर भ्रष्टाचार के विरूद्व कार्यवाही की शुरूआत
कांग्रेस के वचनपत्र में घोटालों की जांच के वायदे को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने निभाया
भाजपा को तो कार्यवाही का स्वागत करना चाहिये न कि बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाना चाहिए
अज्ञात राजनेता पर ही भाजपा इतनी बैचेन क्यों ?
खबरनेशन/Khabarnation
भोपाल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने कहा है कि ई-टेंडरिंग पोर्टल में की गयी छेड़छाड़ पर आज ईओडब्ल्यू ने एफआईआर पंजीबद्ध की है। कांग्रेस ने अपने वचनपत्र में वादा किया था कि शिवराज सरकार में जो भी भ्रष्टाचार और आर्थिक अनियमितताएं हुई हैं उसकी जांच करायी जायेगी और एक जन आयोग भी बनाया जायेगा। इसी कड़ी में आज ईओडब्ल्यू द्वारा ई-टेंडरिंग घोटाले की एफआईआर दर्ज की गयी है। ई-टेंडरिंग घोटाले की पोल तब खुली थी जब मोदी जी राजगढ़ जिले में एक सिंचाई परियोजना का उद्घाटन करने आने वाले थे। बाद में हजारों करोड़ रूपये का ई-टेंडरिंग घोटाला प्रकाश में आया। कांगे्रस सरकार ने ई-टेंडर घोटाले पर एफआईआर की है। अब मोदी जी बतायें कि वे ई-टेंडर घोटाले में हुए भ्रष्टाचार के नोट गिनने मध्यप्रदेश कब आ रहे हैं?
सलूजा ने कहा कि कमलनाथ वचन पत्र में किये गये कांग्रेस के वायदे के अनुरूप शिवराज सरकार में एक-एक प्रकरण में घोटालों में लिप्त लोगों के विरूद्व कड़ी कार्यवाही के लिये पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि ई-टेंडरिंग घोटाले में शिवराजसिंह चैहान ने मुख्यमंत्री रहते हुए एफआईआर के निर्देश दिये थे जो ठंडे बस्ते में पड़े थे। कांग्रेस सरकार ने तो पूर्व में निर्देशों को ही एक्ज़ीक्यूट किया है।
नरेन्द्र सलूजा ने कहा कि कांग्रेस ने वचन पत्र में वादा किया था कि ई-टेंडर, व्यापमं, सिंहस्थ, नर्मदा यात्रा आदि घोटालों की जांच की जायेगी। कांग्रेस शासन ने अपने वायदे के अनुरूप ही कार्यवाही की है। अपने वचन को निभाया है। भाजपा को तो भ्रष्टाचार के विरूद्व उठाये गये इस कदम का स्वागत करना चाहिये था। बड़े आश्चर्य की बात है कि भाजपा स्वागत करने की बजाय सवाल उठा रही है। एफआईआर से उनके पेट में दर्द होने लगा। वह कह रही है कि बदले की भावना से काम किया जा रहा है। बदले की भावना से तो भाजपा काम करती है, कांग्रेस नहीं। यह तो हमारे वचन पत्र का वादा था।
सलूजा ने कहा कि करोड़ों रूपये के ई-टेंडरिंग घोटाले में जिस तरह से भाजपा सवाल उठा रही है, बैचेन हो रही है। उससे तो यही आभास होता है कि तत्कालीन भाजपा शासन के समय तमाम मंत्री इसमें लिप्त थे। तभी तो भाजपा आलोचना में लगी है। जबकि आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने तो अज्ञात राजनेताओं, अधिकारियों, कर्मचारियों के विरूद्व अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया है। अभी तो किसी का नाम सामने नहीं आया है तो भाजपा किस कारण से अभी से बैचेन हो रही है।