विधान परिषद के गठन की घोषणा जनता का ध्यान भटकाने की कवायदः राकेश सिंह

राजनीति Oct 29, 2019

 

 खबर नेशन / Khabar Nation

                भोपाल। कमलनाथ सरकार हर दिन कोई न कोई ऐसा शिगूफा छोड़ती रहती है, जिससे सरकार अपनी नाकामी, अधूरे वादों, घोषणाओं से जनता का ध्यान भटका सके। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में ऐसे कई वादे प्रदेश की जनता से किए हैं, जिन्हें पूरा किया जाना विधान परिषद के गठन से ज्यादा जरूरी है। लेकिन ये सरकार जानबूझकर विधान परिषद के गठन को तूल दे रही है, ताकि इस पर वाद-विवाद और बहस शुरू हो जाए, जिससे सरकार पर अपने वादों की पूर्ति के लिए पड़ रहा दबाव कम हो जाए। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री राकेश सिंह ने विधान परिषद के गठन की घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही।

                श्री राकेश सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में किसानों की कर्जमाफी का वादा किया था, लेकिन पूरा नहीं किया। ऐसे समय में जब कि प्रदेश के किसान प्रकृति की मार से कराह रहे हैं, उन्हें राहत पहुंचाना, कर्जमाफी किया जाना विधान परिषद के गठन से कहीं ज्यादा जरूरी हैं। कांग्रेस ने युवाओं से बेरोजगारी भत्ते का वादा किया था, उसे पूरा किया जाना ज्यादा जरूरी है। महिला समूहों से कर्जमाफी, बिजली का बिल आधा किए जाने का वादा किया था,  जनता से सीधे तौर पर जुड़े इन वादों को पूरा किया जाना विधान परिषद से कहीं ज्यादा जरूरी। श्री सिंह ने कहा कि जो सरकार अपने वादों, घोषणाओं की पूर्ति और जनहित की योजनाओं के लिए पैसे की कमी और बजट न होने की बात कहती है, उसे यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह विधान परिषद के गठन पर होने वाले 100 करोड़ से अधिक के खर्च की पूर्ति कैसे करेगी?

                श्री सिंह ने कहा कि असल बात यह है कि कांग्रेस की इस सरकार में जबर्दस्त खींचतान मची है। कांग्रेस के अलावा सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय भी सत्ता में भागीदारी के लिए अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। सरकार इस असंतोष को दबाने के लिए और अपने लोगों का मुंह बंद करने के लिए उन्हें मंत्री बनाकर उपकृत करने का तरीका तलाश रही थी। उन्होंने कहा कि विधान परिषद के गठन की घोषणा ऐसा ही तरीका है, जिससे सरकार ज्यादा से ज्यादा लोगों को मंत्री बनाकर अपने खिलाफ उठ रही आवाजों को दबा सकती है और तात्कालिक रूप से सही, अपनी नाकामी पर पर्दा डाल सकती है। उन्होंने कहा कि ऐसे में कमलनाथ सरकार की विधान परिषद के गठन की घोषणा भी शिगूफेबाजी से अधिक कुछ नहीं है।  

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