सोयाबीन फसल में राइजोक्टोनिया रुट राट का शुरुआती प्रकोप : स्वप्निल दुबे


कृषि अधिकारियों ने किया सोयाबीन की फसल का निरीक्षण
अमित सोनी/ खबर नेशन / Khabar Nation
रायसेन,
 इन दिनों सोयाबीन की फसल को काफी नुस्कान हो रहा है। क्योंकि सोयाबीन की फसल में तरह-तरह की बीमारियां उत्पन्न हो रही है। इसीलिए फसलों का निरीक्षण करने के लिए उपसंचालक कृषि एनपी सुमन, कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक व प्रमुख डॉ स्वप्निल दुबे, वैज्ञानिक पौध संरक्षण प्रदीप कुमार द्विवेदी, अनुविभागीय कृषि अधिकारी जीएस रैकवार, सहायक संचालक कृषि दुष्यंत धाकड़,बी.टी.एम. आत्मा सुरेश परमार द्वारा सांची विकासखंड के ग्राम कोटारा के कृषक अमित बघेल एवं शैलेंद्र बघेल के सोयाबीन के खेत का निरीक्षण किया गया। कृषि वैज्ञानिक स्वप्निल दुबे द्वारा निरीक्षण के दौरान पाया गया कि सोयाबीन की फसल में     राइजोक्टोनिया रूट राट व  राइजोक्टोनिया एरियल ब्लाईट फंगस से प्रभावित है। इनमें सोयाबीन के तने पर लाल भूरे धब्बे दिखाई देते हैं, और जड़ सूख जाती है,एवं तना नीचे से ऊपर की तरफ सूखता है। यह एक मिट्टी व बीज जनित योग है प्रभावित फसल में चकत्ते बनाकर दिखता है। इस रोग के नियंत्रण के लिए हैैक्साकोनाजोल 5 ई.सी. 800 मिली/है.या पाइरोक्लीस्टोबिन 20 डब्लू.जी.500ग्राम/है. या टेब्यूकोनाजोल 625मिली/हैै. किसी एक दवा का 500- 600 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।  राइजोक्टोरिया रूट राट के प्रकोप का कारण लगातार दो-तीन हफ्तों तक बारिश ना होना और फिर उसके बाद अत्यधिक बारिश का होना है। नमी की कमी के कारण यह रोग दिखाई दे रहा है। उप संचालक कृषि एमपी सुमन द्वारा सभी विकास खंडों के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि फसलों में कीट व रोगों की निरीक्षण कर उपयुक्त दवाओं की सलाह कृषकों को व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से लोगों को भी अधिक से अधिक जानकारी दें। इसके पूर्व कृषि विज्ञान केंद्र रायसेन के वैज्ञानिक व आत्मा अधिकारियों द्वारा ग्रामीण की आदि ग्रामों सोयाबीन की फसलों का निरीक्षण कर कृषकों को तकनीकी सलाह दी गई, साथ ही साथ में उपस्थित सभी अधिकारियों को फसलों में कीट नियंत्रण संबंधी जानकारी दी गई है।

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