मोदी -शिवराज की समरसता को अपर संचालक लगा रहा पलीता

 
 
मध्यप्रदेश का संजय उर्फ सचिन वाजे हैण्डल करता है मंत्री, प्रमुख सचिव और आयुक्त को
 
भ्रष्ट आचरण की शिकायत पर साल भर में कार्यवाही नहीं
 
खबर नेशन/Khabar Nation
 
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित भारतीय जनता पार्टी के समरसता प्रेम को अनुसूचित जाति विभाग के प्रभारी अपर संचालक ने पलीता लगा दिया है। गौरतलब है कि समाज के सबसे दलित समुदाय के सामाजिक उन्नयन के लिए केन्द्र और राज्य की सरकार सहित भारतीय जनता पार्टी , राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जी तोड मेहनत कर समरसता बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। इसके बावजूद मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार होने के बाद भी साल भर पहले की एक गंभीर शिकायत में अपर संचालक संजय बार्ष्णेय को विभागीय अधिकारियों द्वारा बचाने का प्रयास किया जा रहा है। 
 
संजय बार्ष्णेय को विभाग में संजय वाजे के तौर पर भी जाना जाता है। यहां बता दें संजय वाजे पर मुंबई पुलिस में एक्सटार्शन वसूली के आरोप लगे थे। ठीक उसी तर्ज पर संजय बार्ष्णेय विभाग में वसूली का काम करते हैं ।  
संजय बार्ष्णेय पर अपने पद की हैसियत से बड़े निर्णय लेने का आरोप है। जो शासन स्तर से लिया जाना चाहिए। अनुसूचित जाति विभाग ने मध्यप्रदेश में 50 सीटर 43 भवनों के निर्माण के लिए निर्माण एजेंसी पी आई यू का निर्धारण किया था। पी आई यू से निजी हित न सधने के कारण स्वयं ही पी आई यू के आदेश को निरस्त कर दिया। खबर नेशन के पास उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार बार्ष्णेय ने पी आई यू का आदेश 28 दिसंबर 2020 को जारी कर दिया जबकि विभागीय आयुक्त ने संजय बार्ष्णेय द्वारा आदेश जारी करने के तीन माह पश्चात विभागीय प्रमुख सचिव को पी आई यू एजेंसी को हटाए जाने के लिए प्रस्तावित नोटशीट लिखी। जिसके चलते शिकायत किए जाने तक पन्द्रह भवनों का निर्माण नहीं हो पाया।
शिकायतकर्ता अवधेश प्रताप सिंह जादौन जो ग्वालियर में एडवोकेट हैं ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस , अध्यक्ष अनुसूचित जनजाति आयोग, एवं प्रमुख सचिव अनुसूचित जाति एवं जनजाति को शिकायत की थी। शिकायत में उल्लेख किया गया है कि संजय बार्ष्णेय प्राचार्य परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्र ग्वालियर में पदस्थ हैं। यह पदस्थापना एक अन्य शिकायत में निलंबन किए जाने के पश्चात् बहाली होने पर की गई थी। गौरतलब है कि बार्ष्णेय दो बार निलंबित हो चुके हैं। लेकिन बार्ष्णेय  अपनी उच्च पहुंच के चलते अपर संचालक अनुसूचित जाति विकास मध्यप्रदेश का भी पद बतौर प्रभारी हथिया लिया। उच्च पहुंच का मतलब विभागीय मंत्री, प्रमुख सचिव और आयुक्त को हैण्डल करने की कला है। मध्यप्रदेश की ईमानदार आय ए एस अफसर के तौर पर जानी जाने वाली तत्कालीन प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी ने संजय बार्ष्णेय को विभाग में रखने से ही मना कर दिया था और बार्ष्णेय की पोस्टिंग PETC ग्वालियर में प्राचार्य के पद पर की थी।
क्या कहते हैं संजय बार्ष्णेय
जब इस मामले को लेकर प्रभारी अपर संचालक संजय बार्ष्णेय से चर्चा की तो उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन एजेंसी अभी भी कई कार्यों में देरी कर रही है। जिसको लेकर मैं पत्र लिखता रहता हूं। जो भी आवश्यक कदम उठाना चाहिए। मैं उठाता हूं।
 

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