समाजवादी विचार यात्रा 27वें दिन सेलम - ईरोड पहुंची

एक जगह Feb 26, 2020

 

 

एन सी आर विरोधी आन्दोलन का किया समर्थन

देश मे शांति बनाए रखने की अपील

आंदोलनकारियों ने एन पी आर की प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेने का लिया संकल्प

खबर नेशन / Khabar Nation

30 जनवरी को गांधी स्मृति, दिल्ली से निकली भारत जोड़ो - संविधान बचाओ समाजवादी विचार यात्रा के 27वें दिन तमिलनाडु में सेलम पहुंची जहां जनता दल के पूर्व अध्य्क्ष प्रख्यात अधिवक्ता राजशेखरन और साथियों ने यात्रियों का स्वागत किया। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि एक समय में 12 विधायक सोशलिस्ट पार्टी के हुआ करते थे, डी एम के ने तब सरकार भी बनाई थी। आजकल दुराई बाबू के बेटे पृथ्वीराज सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि पेरियार ने सामाजिक न्याय की राजनीति को तमिलनाडु में स्थापित किया है।

यात्रियों ने सेलम में पेरियार जी, गाँधीजी और बाबा साहेब की मूर्ति पर माल्यार्पण किया।

सेलम और ईरोड में चल रहे शाहीन बाग में यात्रियों ने जाकर आन्दोलनकारियों का समर्थन किया।

सभा के दौरान सेलम में अधिवक्ता यासर, कजमाद्दीन, इब्राहिम, सईद मूसा, शाहीन बानो, फैज़ुनिसा बी ने यात्रियों  का स्वागत किया ।

इरोड में पहुंचने पर रिजवान, पी रत्नसामी, शफी ने यात्रियों का स्वागत किया।

सभा को सम्बोधित करते हुए डॉ. सुनीलम ने दिल्ली के हालात पर चिंता व्यक्त करते हुए शांति की अपील करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को खुलकर दंगाइयों के खिलाफ न केवल बोलने और कार्यवाही सुनिश्चित करने बल्कि सी ए ए - एन  आर सी - एन आर पी के खिलाफ चल रहे आंदोलन का सक्रिय समर्थन करने की मांग की|

जस्टिस चंद्रचूड़ के बाद जस्टिस गुप्ता ने बहुतमतवाद को लोकतंत्र के खिलाफ बतलाते हुए कहा कि प्रतिरोध को राष्ट्रद्रोह बतलाना गलत है क्योंकि विरोध लोकतंत्र की आत्मा है।

उन्होंने आंदोलनकारियों से पूछा कि एन पी आर की प्रक्रिया शुरू होने पर नाम दर्ज कराएंगे कि नहीं? उपस्थित समुदाय ने हाथ खड़ा कर सहमति दी।

सभा को यात्रा के बारे में बताते हुए यात्रा के संयोजक अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि 150वीं जयंती और समाजवादी आंदोलन के 85 वर्ष पूरा होने के अवसर पर स्वतंत्रता आन्दोलन, समाजवादी आन्दोलन के मूल्यों की पुनर्स्थापना तथा संवैधानिक मूल्यों की स्थापना हेतु यह यात्रा निकली है। अब तक यात्रा में 101 कार्यक्रम हो चुके हैं जिसमें एक लाख 60 हज़ार रुपये का आर्थिक सहयोग लोगों द्वारा दिया गया है। उन्होंने कहा कि पहले चरण की यात्रा 16 राज्यों में होकर 23 मार्च को हैदराबाद में पूरी होगी। जहां डॉ. लोहिया के जन्मदिवस और शहीद भगत सिंह जी के शहादत दिवस के अवसर पर समाजवादी समागम आयोजित किया जाएगा। अधिवक्ता आराधना भार्गव ने कहा कि प्रधानमंत्री दिन रात भारत माता के नारे लगाते है लेकिन जो जीवित माताएं 60 दिन से शाहीन बागों में धरना दे रही हैं, उनसे बात करना तो दूर उनकी बात सुनने को भी तैयार नहीं हैं।

इनके अलावा यात्रीगण लोकेश भिवानी (हरियाणा), पी जे जोसी (केरल), रोहन गुप्ता (झारखण्ड), बाले भाई (मध्य प्रदेश)अंजना (उत्तराखण्ड)और सुशीला ताई मोराले ने भी अपने विचार रखे। यात्री पेरियार जी के जन्मस्थान, ईरोड भी गये, जहां उन्होंने अपना जीवन बिताया। तमिलनाडु सरकार ने इस मकान को खरीद कर 1975 में पेरियार - अन्ना मेमोरियल स्थापित किया। पेरियार का नाम ई वी रामासामी था उनका जन्म 17 सितंबर 1879 में हुआ था, उनका देहांत 24 दिसम्बर 1973 में हुआ। 1914 में वे ईरोड की मुन्सिपल कौंसिल के चेयरमैन चुने गए।

गाँधीजी के असहयोग आंदोलन में बढ़चढ़ कर हिस्सेदारी की। 1922 में वे तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के अध्य्क्ष बने। 1924 में उन्होंने वाईकॉम महादेवार मंदिर के समक्ष छुआछूत के खिलाफ सत्याग्रह किया। 1925 से उन्होंने कुड़ी अरासु नाम का साप्ताहिक अखबार निकाला। 1928 में रिवोल्ट नाम से अंग्रेजी पत्रिका शुरू की ।1929 में पहली सेल्फ रेस्पेक्ट मूवमेंट शुरू किया। 1932 में उन्होंने 10 देशों का दौरा किया, 1934 में पागुथारिवु नामक मासिक पत्रिका शुरू की। 1935 में उन्होंने जस्टिस पार्टी का समर्थन किया। 13 नवंबर 1938 में महिला सम्मेलन के सभापति डॉ. धर्माम्बल द्वारा उन्हें पहली बार पेरियार (पिता) कहा गया, बाद में वे इसी नाम से जाने जाने लगे। 8 जनवरी 1940 को उनकी बाबा साहेब से मुम्बई में मुलाकात हुई। 1944 में जस्टिस पार्टी का नाम बदल कर द्रविड़ कज़हम कर दिया गया।

1951 में पेरियार के नेतृत्व में चले आंदोलन के चलते पहली बार सविधान में संशोधन  किया गया। धारा 15 में पिछड़ा वर्ग को बराबरी के अवसर सुनिश्चचित करने के लिए उपधारा 4 जोड़ी गई। 1954 में पेरियार के आशिर्वाद से पीरूनथालाइवार अन्ना मुख्यमंत्री बने। 24 दिसम्बर 1973 को 95 वर्ष की आयु में उनका देहांत हुआ। राष्ट्रीय स्तर पर गांधी जी की तरह समाज सुधारक पेरियार तमिलनाडु के सर्वमान्य नेता हैं। यात्रा के दौरान हम पेरियार की तस्वीर लेकर चल रहे हैं हर कार्यक्रम में उनके बारे में जानकारी दी जाती है।

समाजवादी समागम 5 वर्षों से चलाई जा रही एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका उद्देश्य स्वतंत्रता आन्दोलन, समाजवादी आन्दोलन एवं संवैधानिक मूल्यों की पुर्नस्थापना के साथ-साथ देशभर के समाजवादी, गांधीवादी, सर्वोदयी, वामपंथी, अंबेडकरवादी विचारधारा से जुड़े जन आंदोलनकारियों, मानव अधिकारवादियों, पर्यावरणवादियों एवं सभी लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता में विश्वास रखने वाले संगठनों और व्यक्तियों को स्थानीय स्तर पर आयोजित कार्यक्रमों के माध्यम से एकजुट करना है।

 

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