नो नो नो......क्या है यह

 

- शहर के चौराहों पर नजर आ रहे नो लिखे बोर्ड.       

 नागरिकों से छात्रों से पूछा आपको नो का मतलब क्या लगता है,

    खबर नेशन / Khabar Nation

भोपाल। नो नो नो..... राजधानी के हर चौराहे पर एक जैसे नो लिखे बोर्ड नजर आ रहे हैं। ट्रैफिक सिग्नल हो या चौराहा, वाहन चालकों के मन में यही जिज्ञासा है कि आखिर इस बोर्ड के माध्यम से क्या संदेश दिया जा रहा है। लेकिन किसी को कुछ भी समझ नहीं आ रहा है। तो आईए जानते हैं इस नो की हकीकत।

नगर पालिक निगम भोपाल ने यह नो लिखे बोर्ड लगवाए हैं। इसे एक अभियान के रूप में देखा जा रहा है। इस अभिनव प्रयास नो का मतलब जानने के लिए विभिन्न चौराहों पर छात्रों ने आम जनता, वाहन चालकों और दुकानदारों से इसका मतलब पूछा गया तो कुछ ने  कहा कि हमें नहीं पता, कुछ ने अलग अलग रोचक जवाब दिए। फिर

छात्रों ने नागरिकों को बताया नो का मतलब कचरा यहां वहां नहीं डालना है, यातायात नियम नहीं तोड़ना है और पॉलिथीन का उपयोग नहीं करना है।

 जैसे अनेको जवाब वाहन चालकों द्वारा किए गए। 

नागरिकों ने कहा हम रखेंगे शहर को स्वच्छ

रविवार को पीएनटी चौराहा, भदभदा चौराहा, डिपो चौराहा सहित शहर के चौराहों पर समूह बनाकर लोगों से छात्रों से नो लिखे बोर्ड के बारे में पूछा कि इसे देखकर क्या सोचते हैं? सभी ने अपनी अपनी राय दी, फिर उन्हें बताया गया कि हमें अपने शहर को स्वच्छ रखना है। इस नो का मतलब आपको गंदगी नहीं करना है, पॉलीथिन का उपयोग नहीं करना है, कचरा यहां वहां नहीं फेंकना है और यातायात नियमों का पालन करना है। यह सुनते ही नागरिकों ने प्रण लेते हुए कहा कि हम शहर को स्वच्छ रखेंगे।

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