अंधेरे में रहने को मजबूर बमोरी की शेखपुर पंचायत के दलित बस्ती के रहवासी

भोपाल, शुक्रवार 14 जुलाई 2023

खबर नेशन/ Khabar Nation

जल संसाधन विभाग, मण्डला के ईई श्री धनंजय कुमार कुशराम को शो-काॅज नोटिस एवं पांच हजार रूपये का जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी

श्री कुशराम को 28 जुलाई को आयोग में व्यक्तिशः आकर स्पष्टीकरण देने के आदेश

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा वर्ष 2022 के एक मामले में अबतक जवाब न देने के कारण जल संसाधन विभाग, मण्डला संभाग के कार्यपालन यंत्री श्री धनंजय कुशराम को 28 जुलाई 2023 को अनिवार्यतः आयोग में व्यक्तिशः आकर अपना स्पष्टीकरण व प्रतिवेदन देने के आदेश दिये गये हैं। आयोग द्वारा श्री कुशराम को कारण बताओ नोटिस एवं पांच हजार रूपये का नामजद जमानती गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया है। नोटिस एवं  वारंट की तामीली पुलिस अधीक्षक, मण्डला के जरिये कराई जायेगी।
आयोग के प्र.क्र. 0952/जबलपुर/2022 में कई पदीय एवं नामजद स्मरण पत्र देने के बावजूद भी प्रतिवेदन न देने के कारण श्री कुशराम को 28 जुलाई 2023 को आयोग में स्वयं उपस्थित होने के लिए कहा गया है। आयोग के उपरोक्त प्रकरण के अनुसार जबलपुर निवासी जल संसाधन विभाग के सेवानिवृत्त उपयंत्री (आवेदक) श्री रामबाबू विश्वकर्मा ने उनकी 30 जुलाई 2021 को सेवानिवृत्ति उपरांत सामान्य भविष्य निधि की देय राशि के त्रुटिपूर्ण भुगतान की त्रुटि सुधार कर संशोधित राशि उन्हें भुगतान किये जाने के लिये ईई, जल संसाधन, मंडला संभाग को उनके द्वारा दिये गये आवेदन पर ईई की ओर से कोई कार्यवाही नहीं होने की शिकायत कर उन्हें उनका शेष भुगतान दिलाने की गुजारिश आयोग से की थी। शिकायत मिलते ही आयोग ने श्री धनंजय कुशराम, कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन विभाग, मण्डला संभाग से जवाब मांगा था। कार्यपालन यंत्री को कई पत्र एवं एक स्मरण पत्र भी भेजे गये थे, फिर भी उनकी ओर से कोई भी जवाब नहीं मिला। इस पर आयोग ने उन्हें आठ जून 2023 को व्यक्तिशः आकर जवाब देने को कहा, तब भी श्री कुशराम आयोग के समक्ष पेश नहीं हुये।  
अंततः मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा अब व्यवहार प्रक्रिया संहिता की धारा 32ग के अन्तर्गत श्री धनंजय कुशराम, कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन विभाग, मण्डला संभाग को आठ जून 2023 को आयोग में उपस्थित न होने के कारण श्री कुशराम को शो-काॅज नोटिस एवं 28 जुलाई 2023 को श्री कुशराम की आयोग में व्यक्तिशः उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए उनके विरूद्ध पांच हजार रूपये का नामजद जमानती गिरफ्तारी वारण्ट भी आयोग द्वारा जारी किया गया है। वारंट की तामीली पुलिस अधीक्षक, मण्डला के जरिये कराई जाएगी।  

‘‘दस मामलों में संज्ञान’’

मप्र मानव अधिकार आयोग के मान. अध्यक्ष श्री मनोहर ममतानी ने ‘दस मामलों में संज्ञानलेकर संबंधितों से जवाब मांगा है।

छात्र ने हाॅस्टल मं फांसी लगाकर दी जान

भोपाल शहर में बीते गुरूवार को मूलतः होशंगाबाद निवासी बीई थर्ड ईयर के छात्र हरेकृष्णा ने आरजीपीवी के हाॅस्टल में फांसी लगाकर जान दे दी। फिलहाल सुसाइड नोट नहंी मिला है। पुलिस हत्या के कारणों की जांच कर रही है। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया है। पुलिस ने मृतक का मोबाईल जप्त कर लिया है। मोबाईल की काॅल डिटेल व परिजनों के बयान के बाद ही आत्महत्या के कारणों का खुलासा हो सकेगा। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने पुलिस कमिश्नर, भोपाल से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

खेत पर काम करते समय पिता-पुत्र की मौत

मुरैना जिले के सबलगढ़ अनुभाग के ग्राम खेरला निवासी दीनदयाल और अपने दो पुत्र हरिमोहन व पवन गौर के साथ खेत पर काम करने के लिये गया था। उसी वक्त अचानक खेत में करंट फैल गया, जिससे दीनदयाल एवं हरिमोहन की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि पवन अपने पिता और भाई को बचाने के प्रयास में करंट लगने से बुरी तरह झुलसकर घायल हो गया। घायल पवन को उपचार के लिये सबलगढ़ के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने अधीक्षण यंत्री, मध्यक्षेत्र विविकंलि, मुरैना से प्रकरण की जांच कराकर मृतकों के वैध वारिसों एवं घायल पवन को शासन/कंपनी के नियमानुसार देय मुआवजा राशि देने के संबंध में एक माह में जवाब मांगा है।

खाना खाने के बाद 90 बच्चों की तबीयत बिगड़ी

जबलपुर शहर के ग्वारीघाट स्थित सत्यप्रकाश पब्लिक स्कूल के हाॅस्टल में रहकर अध्ययन कर रहे करीब 90 से अधिक बच्चे बीते बुधवार को भोजन करने बाद अचानक बीमार पड़े। पहले तो स्कूल प्रबंधन ने इसे बेहद हल्के स्तर पर लिया, लेकिन देर रात जब बच्चों को तकलीफ बढ़ने लगी, तो स्कूल प्रबंधन ने तत्काल उन्हें अस्पताल पहंुचाया। एक साथ करीब 90 बच्चों की एक अस्पताल में उपचार की व्यवस्था नहीं होने से उन्हें शहर के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। कुछ बच्चों की एमआरआई भी कराई गई। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, जबलपुर से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

सरपंच-सचिव की दबंगई के चलते खुले में पढ़ने को मजबूर बच्चे

मुरैना जिले के कैलारस जनपद की ग्राम पंचायत गस्तौली के सरपंच पुत्र एवं सचिव पति की दबंगई के कारण शासकीय स्कूल के बच्चे खुले में पढ़ रहे हैं। ग्राम गस्तौली का शासकीय प्राथमिक विद्यालय हरिजन बस्ती का निजी भवन न होने कारण शासकीय सामुदायिक भवन में संचालित हो रहा है, लोकिन भवन की स्थिति जर्जर है, जिससे कभी भी हादसा हो सकता है। इसके अलावा बच्चों को स्कूल आने-जाने का सुगम रास्ता न होने की समस्या को देखते हुये ग्रामीणों की मांग पर जिला मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं जिला शिक्षा अधिकारी, मुरैना ने विद्यालय का संचालन अस्थायी रूप से (विद्याालय का नवीन भवन न बन जाने तक) नवीन राजीव गांधी सेवा केन्द्र में संचालन करने के आदेश के बाद विद्यालय के प्राधानाध्यापक ने सरपंच व सचिव को पत्र लिखकर भवन की चाबी मांगी, तो सरपंच सचिव ने दबंगई के चलते न तो शाला भवन खोला और न ही भवन की चाबी दी। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारी, मुरैना से प्रकरण की जांच कराकर शासकीय स्कूल के बच्चों की शिक्षा की उचित व्यवस्था कराकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

छात्रावास में नाबालिग छात्राओं का वीडियो वायरल

दमोह जिले के पथरिया में संचालित शिक्षा विभाग के एक छात्रावास में बीते बुधवार को नाबालिग छात्राओं का अर्धनग्न वीडियों वायरल होने के मामला सामने आया है। अविभावकों ने इसकी शिकायत एसपी से की है और कहा है कि छात्रावास की वार्डन और वीडियो बनाने वाली रसोईयों पर कार्यवाही की जाये। छात्रावास की रसोईया वर्षा पटेल ने नाबालिग छात्राओं के नहाते समय उनके बेहद अतरंग वीडियो बना लिये थे। छात्रावास में बाथरूम होने के बावजूद नाबालिग छात्रायें खुले में नहाने को मजबूर हैं। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं एसपी, दमोह से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

थाने की सीमाक्षेत्र न होने का हवाला देकर डाक्टर्स से नहीं किया पीएम

खंडवा जिले के धनगांव थानाक्षेत्र के ग्राम परेठी निवासी एक किसान की कीटनाशक छिड़कने के दौरान अचानक तबीयत बिगड़ गई। इलाज के दौरान सनावद के शासकीय अस्पताल में किसान की मौत हो गई। इसके लिये परिजनों को पीएम के लिये दिक्कतों का सामना इसलिये करना करना पड़ा, क्योंकि थाने की सीमाक्षेत्र का मामला न होने का हवाला देकर डाक्टर्स ने पीएम करने से ही मना कर दिया। इसके बाद परिजन शव को लेकर भटकते रहे। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने सीएमएचओ, खंडवा से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

हैंडपंप का पानी पीने से 18 मजदूर बीमार, रात में पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम

सागर जिले की बीना तहसील के बिल्धई गांव में बाहर से आये हुये मजदूर हैंडपंप का दूषित पानी पीने से बीते बुधवार को रात 18 लोग उल्टी-दस्त से पीडित हो गये। इसकी जानकारी मिलते ही ग्रामीणों और स्वास्थ्य विभाग में हडकम्प मच गया। रात में ही स्वास्थ्य विभाग की टीम को गांव भेजा गया और उनका गांव में ही इलाज शुरू किया। इन मजदूरों में से दो मजदूरों की हालत ज्यादा खराब होने से उन्हें देर रात बीना के सिविल अस्पताल के लिये रवाना कर दिया गया। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं कार्यपालन यंत्री, पीएचई, सागर से प्रकरण की जांच कराकर प्रश्नगत हैंडपंप से पानी के उपयोग को नियंत्रित हुये उचित कार्यवाही कर स्वच्छ पेयजल व्यवस्था के संबंध में की गई कार्यवाही के बारे में 15 दिन में जवाब मांगा है।

अंधेरे में रहने को मजबूर बमोरी की शेखपुर पंचायत के दलित बस्ती के रहवासी

गुना जिले की बमोरी तहसील अंतर्गत ग्राम शेखपुर स्थित दलित बस्ती के रहवासी बिजली की आपूर्ति नहीं होने के कारण अंधेरे में रहने को मजबूर हैं। बीते गुरूवार को बस्ती के रहवासीयो ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर बस्ती में डीपी रखवाने की मांग की। बिजली नहीं होने के कारण बच्चे अपनी पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। बस्ती में अंधेरा होने के कारण कई रहवासी जहरीले जीव-जंतुओं का शिकार हो जाते हैं। बस्ती में पेयजल की भी व्यवस्था नहीं है। रहवासी दूर से पीने का पानी लाते हैं। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने अधीक्षण यंत्री, मध्यक्षेत्र विविकंलि, गुना से तीन सप्ताह मंे जवाब मांगा है।

दबंगों ने रोका दलित बस्ती का आम रास्ता

गुना जिले के ग्राम टोरिया में आदिवासी-दलित बस्ती के लोगों का आम रास्ता गांव के ही कुछ दबंगों ने रोक दिया है। जिसके बाद पूरी बस्ती के लोगों के सामने आने-जाने का संकट खड़ा हो गया है। बस्ती के निवासियों की शिकायत पर मौके पर पहुंचे प्रशासन के अधिकारियों ने आम रास्ते को खुलवा दिया है। बस्ती की हालत बहुत खराब है। यहां आम रास्ते को लेकर हमेशा विवाद होता रहता है।  मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं एसपी, गुना से 15 दिन मंे जवाब मांगा है।

बिजली के तारों की चपेट में आने से मासूम की मौत

गुना शहर के विकास नगर में एक बच्चा छत के ऊपर से निकली 33 हजार केवी की हाईटेंशन लाईन की चपेट में आने से बुरी तरह जलकर जख्मी हो गया। मासूम शाम के समय छत पर भगवान के नाम दीपक जलाने पहुंचा। इसी दौरान यह घटना हो गई। पीडित परिवार इसकी कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने अधीक्षण यंत्री, मध्यक्षेत्र विविकंलि, गुना से प्रकरण की जांच कराकर एक माह में जवाब मांगा है। साथ ही यह भी पूछा है कि - 01. 33 केवी हाईटेंशन लाईन के नीचे मकान किसकी अनुमति अथवा अपेक्षित पर्यवेक्षण के अभाव/उपेक्षा से बने हैं ? 02. मृत बच्चे के वैध वारिसों को शासन/कंपनी के नियमानुसार देय मुआवजा राशि देने के संबंध में क्या कार्यवाही की गई है ?

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गौरव चतुर्वेदी

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