विपक्ष को कमजोर करने का प्रयास या शिवराज को अपदस्थ करने की साज़िश ?

निशाने पर कौन? कमलनाथ शिवराज सिंधिया

मामला CBDT की रिपोर्ट पर चुनाव आयोग के निर्देशों का

 

खबर नेशन Khabar Nation

सी बी डी टी की रिपोर्ट को लेकर केन्द्रीय चुनाव आयोग के निर्देश पर मध्य प्रदेश सरकार कमलनाथ और कांग्रेस पर तीखे तेवर अपनाए हुए हैं। मामला लोकसभा चुनाव 2019 के पूर्व तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के निकट सहयोगियों के संस्थानों पर पड़े आयकर विभाग की छापामारी में जब्त हुए दस्तावेजों का है। आखिर निशाने पर कौन है? मध्यप्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ या वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान या फिर कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया । 
चुनाव आयोग ने 2019 के चुनावों के दौरान कमलनाथ के क़रीबियों के यहां पड़े आयकर के छापों के आधार पर तैयार की गई केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की रिपोर्ट के आधार पर संदिग्ध लोंगों के ख़िलाफ़ मामले दर्ज करने को कहा है ।इस रिपार्ट को आयोग ने मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी और सरकार को भी भेजा है। इस रिपोर्ट में तीन आईपीएस अधिकारी और एक राज्य सेवा के पुलिस अधिकारी के नाम है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) से मिली रिपोर्ट के बाद आयोग ने यह आदेश जारी किया है। मध्य प्रदेश में आम चुनाव 2019 के दौरान बेहिसाब नकदी के बड़े स्तर पर इस्तेमाल की जानकारी आयोग को मिली है, जो कि आयकर अधिनियम 1961 की धारा 132 के तहत आयकर नियमों के खिलाफ है। आयोग के सूत्रों के मुताबिक, कमलनाथ के जिन खास तीन अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश है उनमें सुषोभन बनर्जी, संजय माने और वी मधु कुमार का नाम शामिल है। इसी के साथ ही इस रिपोर्ट में मध्यप्रदेश के कई वर्तमान मंत्री और विधायकों के नाम भी सामने आए हैं । 
इनके हैं नाम
सीबीडीटी की रिपोर्ट में तत्कालीन कांग्रेस नेता बिसाहूलाल सिंह, प्रद्युमन सिंह तोमर, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, ऐंदल सिंह कंषाना, गिर्राज दंडोतिया, रणवीर जाटव, कमलेश जाटव, रक्षा संतराम सिरौनिया, प्रद्मुन लोधी, राहुल गांधी नारायण सिंह पटेल, सुमित्रा देवी कास्डेकर, मनोज चौधरी, रामबाई, संजीव सिंह समेत कई दिग्गजों के नाम हैं। इनमें कई अब शिवराज सरकार में मंत्री और विधायक हैं।
शुरुआती दौर में शिवराज सरकार चुनाव आयोग के इस निर्देश पर उत्साह के साथ आक्रामक अंदाज में आ गई । जैसे ही भाजपा के मंत्रियों और विधायकों के नाम आए वैसे ही शिवराज के हाथ पांव फूलना शुरू हो गये । भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनाव आयोग की यह कार्रवाई अमोध अस्त्र के जैसी लग रही है लेकिन गहराई में जाने पर शिवराज सरकार को हिलाने वाली नज़र आ रही है । सूत्रों के अनुसार इसका असल निशाना भी कमलनाथ नहीं है बल्कि निशाने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं । राजनैतिक हलकों में इसे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की लड़ाई से जोड़कर देखा रहा है । कांग्रेस इसे सीधे-सीधे गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के मुख्यमंत्री बनने की चाहत को जोड़कर देख रही है । है ।मध्यप्रदेश में हालिया मार्च 2020 में हुए सत्ता परिवर्तन के दौरान मुख्यमंत्री की चाहत रखने वाले दो नेताओं की आपसी गलबहियां इस पूरे मामले के पीछे नज़र आ रही है । जो आने वाले दिनों में शिवराज की मुश्किलें बढ़ा सकती है । इसी के साथ ही सिंधिया समर्थकों के जो नाम सामने आए हैं वो सिंधिया को दबाए रखने में काफी मददगार साबित होंगे ।
यह कार्रवाई पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की मुश्किलें बढ़ाने वाली भी साबित हो सकती है । वर्तमान दौर में राजनैतिक हलकों में यह माना जा रहा है कि शिवराज और कमलनाथ के बीच बेहतर सामंजस्य स्थापित है । जिसे भाजपा के शिवराज विरोधी नेता आगामी कार्रवाई को देखकर सही साबित करने का प्रयास करेंगे ।

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