नशा/दुष्कर्म/ मिलावट के जाल मध्यप्रदेश बेहाल
वरिष्ठ पत्रकार भानू चौबे की कलम सुबह सवेरे अखबार भोपाल से साभार
खबर नेशन / Khabar Nation
इस वक्त मध्यप्रदेश में नशा ,दुष्कर्म और मिलावट के मामले धड़ाधड़ पकड़े जा रहे है । एक व्यापक अभियान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश और इरादे के कारण प्रशासन ने चलाया है । इन मामलों की अधिक संख्या और गहरी जड़ें यह मान लेने का आधार भी है कि बीते दिनों में प्रदेश में नशे के सौदागरों / हवस के दरिंदों और / मिलावट के लालचियों पर ईमानदारी से नजर नहीं रखी गई है । उज्जैन में जहरीली शराब से अनेक लोगों के मारे जाने को अभी ज्यादा समय नहीं बीता था कि चंबल क्षेत्र के मुरैना जिले में अवैध शराब ने 24 लोगों की जान ले ली । अवैध, जहरीली शराब पीने वालों की आंखों की रोशनी भी खतरे में पड़ गई है । कुछ समय से अपराधियों को सबक सिखाने के लिए उनके निर्माण कार्यों में नियम विरुद्ध किए गए निर्माण को ध्वस्त करने की नीति पर अमल शुरू किया गया है ।यदि इंदौर और फिर उज्जैन में इस नीति के तहत के जा रही कार्रवाई का कोई असर हुआ होता तो मुरैना जिले में अवैध शराब के सौदागर भयभीत हो गए होते। लेकिन ऐसा नहीं हुआ । नशाखोरी, जिस्मखोरी और मिलावटखोरी के अपराधियों को सजा तक पहुंचाने में अब तक मिली सफलता नाकाफी और बेअसर है । इसके लिए अपराध की जांच , अपराधियों के खिलाफ सबूत साक्ष का सही ढंग से प्रस्तुतीकरण और ठोस प्रकरण तैयार कर अदालत के सामने पेश करने की पेशेवर कार्रवाई प्रदेश पुलिस को करनी होगी । उज्जैन और मुरैना कांड के बाद राजनीतिज्ञों के सामने आए बयान वर्षों से वही हैं। लेकिन ना कोई असर हुआ है ना समस्याएं जड़ से मिटी हैं। मुरैना कांड के बाद प्रदेश में अवैध शराब पर अंकुश लगाने के लिए सभी जिलों में गुप्तचर नेटवर्क तैयार करने का निर्देश दिया गया है।क्या यह मानें कि अवैध शराब की पूरी जानकारी जिला प्रशासन को नहीं मिलती है ? प्रदेश में खुफिया नेटवर्क ध्वस्त हो चुका है ? इसे प्रदेश के प्रशासन के मैदानी अमले की नाकामी का सबूत कहा जाएगा। इंदौर में रासायनिक नशीली दवाओं का बड़ा कारोबार पकड़ा गया है । बड़ी मात्रा में नशीली दवाएं जब्त हो रही हैं उन्हें सप्लाई करने वाले पकड़े जा रहे हैं। यह केवल इंदौर तक ही सीमित नहीं है । इसके जाल में बुरहानपुर जैसे छोटे नगर भी फंस गए हैं । शनिवार को पुलिस ने ब्राउन शुगर जैसी एमडी ड्रग का एक बड़ा जखीरा बुरहानपुर में पकड़ा है। चार सप्लायरों से 2 किलो से अधिक एमडी ड्रग्स बरामद की गई है । अवैध शराब का फलता फूलता धंधा प्रदेश के आबकारी विभाग की सांठगांठ के बिना कैसे संभव है ? उमरिया जैसे छोटे नगरों में दिल्ली के निर्भया कांड जैसी दरिंदगी लड़कियों के साथ होना स्थानीय पुलिस की नाकामी के बिना संभव नहीं है इंदौर जैसे महानगर में 30 क्विंटल रंगा धनिया पकड़ा जाना खाद्य विभाग के गैर पेशेवर रुख के बिना कैसे संभव हो सकता है ? चंबल क्षेत्र के भिंड जिले में माल्ट पाउडर ,यूरिया और अन्य अपशिष्ट मिलाकर नकली दूध बनाने के एक बडे कारोबार का पकड़ा जाना जिला प्रशासन की कमजोरी को उजागर करता है । प्रदेश में सरकारी तंत्र की नाकामी , भ्रष्टाचार और सांठगांठ की मदद से गहरे पैठे नशा ,दुष्कर्म और मिलावट को जड़ से उखाड़ना किसी एक अभियान या कुछ चुनिंदा कार्रवाइयों से संभव नहीं है। जिला प्रशासनों को इन तीनों बुराइयों के खिलाफ कमर कस कर मैदान में उतरना होगा ।नियमित नजर रखनी होगी । सरकारी एजेंसियों के निकम्मेपन के कारण प्रदेश के चेहरे पर लगे बदनुमा दागों को केवल कॉस्मेटिक कारवाइयों से साफ नहीं किया जा सकता है । कुछ ठोस और नियमित कार्रवाई करनी होगी ताकि नए दाग लग भी ना सकें ।