कलेक्टरनी साहिबा को दुधारू, सुंदर और सीधी गाय की तलाश

 
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कलेक्टरनी साहिबा को दुधारू, सुंदर और सीधी गाय की तलाश
 
मध्यप्रदेश के बड़े जिले के कलेक्टर साहब की पत्नी को दुधारू, सुंदर और सीधी गाय की तलाश है। कुछ तो सेहत के लिए, कुछ धार्मिक आस्था और कुछ वर्तमान राजनीतिक आकाओं को खुश करने की मजबूरी। सीधी गाय इसलिए की बच्चे पास जाएं तो नुकसान ना करें। कलेक्टर साहब की पत्नी दो तीन गौशालाओं के चक्कर काट आईं। आखिर गौ पूजा करें भी क्यों नहीं? पुराने कलेक्टर के गौ प्रेम से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा के आला नेता अभिभूत रहते थे। कलेक्टर साहब भी आगुंतक को बताने से नहीं चूकते थे कि हमारे घर पर गाय के दुग्ध प्रोडक्ट इस्तेमाल किए जाते हैं। कलेक्टर साहब जाते जाते अपनी गाय बंगले से ले गए।
मंत्राणी को जीजाजी रास नहीं आए
 
सीधी सरल मंत्राणी को कामकाज के मामले में अपने जीजाजी रास नहीं आए। मंत्राणी ने एक बार विवादों में रहे अपने पुराने निज सचिव को फिर से बागडोर सौंप दी है। बताया जा रहा है जीजाजी से मंत्राणी संकोचवश हिसाब किताब नहीं कर पा रही थी। जीजाजी एक दो हिसाब में बड़ी गड़बड़ी कर गए।  घरेलू रिश्तों में व्यावसायिक शक से बचने मंत्राणी ने यह कदम उठा लिया।
 
रंडी का दंड़ फकीर को
 
भाजपा में पोकरण विस्फोट और स्वर्गीय नंदू भैय्या की रवानगी से एक ब्राह्मण नेता जबरदस्त आहत रहे। अपने बेबाक लहजे के लिए पहचाने जाने वाले इस नेता को नंदू भैय्या की रवानगी के बाद कई नेता और उनके खास समर्थक बड़ी मुश्किल से सार्वजनिक तौर पर चुप रखवा पाए थे। वजह थी उक्त ब्राह्मण नेता रवानगी किसी और की चाहते थे और रवाना नंदू भैय्या को कर दिया गया था। बड़ी तीखी टिप्पणी थी " रंण्डी का दण्ड फकीर को " ।
 
अफसरों की रेव पार्टी
 
मध्यप्रदेश के एक बड़े शहर के अफसरों की रेव पार्टी की प्रशासनिक हलकों में जबरदस्त चर्चा है। शहर से दूर जंगलों के बीच एक फार्म हाउस में जमकर जाम छलकाए गये। मुम्बई की डांसरों ने महफ़िल में चार चांद लगा दिए। सुना है भोपाल के एक दो अफसरों ने भी इस पार्टी में आनंद उठाया। 
 
जिला पंचायत की कुर्की तहसीलदार असमंजस में
 
बुंदेलखंड के एक जिले में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालिक अधिकारी के खिलाफ कोर्ट ने कुर्की के आदेश निकाल दिया है। कलेक्टर ने आदेश का पालन पल्ला झाड़ने वाले अंदाज में करते हुए तहसीलदार को कुर्की आदेश थमा दिया। अब तहसीलदार असमंजस में हैं कि बड़े साहब के खिलाफ कार्रवाई कैसे करें।
 
सज्जन के बंगले का दर्द
 
मध्यप्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठतम नेताओं में गिने जाने वाले सज्जन सिंह वर्मा को सरकार उनकी वरिष्ठता के बाद भी राजधानी में सरकारी बंगला आवंटित नहीं कर रही है। विधानसभा अध्यक्ष भी इस मामले में मुख्यमंत्री से आग्रह कर चुके हैं। विधानसभा में मुख्यमंत्री निवास पर निर्माणाधीन एनेक्सी पर वर्मा ने सवाल ठोक दिया तो सरकार दाएं बाएं झांकने पर मजबूर हो गए। सत्ता पक्ष इसे वर्मा का बंगले का दर्द बता रही है।
 
 
मंत्री के निज सचिव का निजी कार्यालय एम्पोरियम में
 
मध्यप्रदेश के एक मंत्री के निज सचिव राजधानी में डेरा डालने के दौरान एक एम्पोरियम में अपना निजी दफ्तर खोल लेते हैं। लेनदेन के सारे मामले यहीं निपटाए जाते हैं। वजह बड़ी मजेदार है इस एम्पोरियम की जिम्मेदारी मंत्री जी के विभाग के एक उप संचालक की धर्मपत्नी संभालती हैं। निज सहायक की घंटों होने वाली गुफ्तगू को लेकर विभाग में चटखारेदार चर्चाएं चलती रहती हैं।
 
 

 
 

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