मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस का डर या.....?

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मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस का डर या.....?

मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को किस बात का डर है । इकबाल अपने समकक्ष अधिकारियों को चुन चुनकर निपटाने के अभियान पर लगे हुए हैं । हाल ही में जुलानिया के बाद मनोज श्रीवास्तव को निशाने पर ले लिया। हांलांकि मनोज श्रीवास्तव सेवानिवृत्त हो चुके हैं लेकिन सेवानिवृत्ति के आखिरी महीने में उनकी पद स्थापना बदल दी गई । सूत्रों के अनुसार कहा जा रहा था कि पुनर्वास बतौर मनोज श्रीवास्तव को रेरा या सुशासन अकादमी में पदस्थ किया जाएगा । पहले रेरा में ए पी श्रीवास्तव की नियुक्ति की गई और अब सुशासन अकादमी में महानिदेशक का पद ही समाप्त कर दिया गया । यहां मनोज श्रीवास्तव की राह रोकने की वजह मुख्यमंत्री की इच्छा बताई जा रही है पर मनोज श्रीवास्तव मुख्यमंत्री के पसंदीदा अफसरों में शुमार रहे हैं । मुख्यमंत्री की कई लोकलुभावन योजनाओं को तैयार करने में मनोज श्रीवास्तव ने अहम भूमिका निभाई है। 

सारी खुदाई एक तरफ,जोरु का भाई एक तरफ

कंट्रोवर्सी क्वीन ऑफ एम पी की आंखों के तारे बने एक आय ए एस अधिकारी ने सारी खुदाई एक तरफ,जोरु का भाई एक तरफ कहावत को पूरी तरह से पलट डाला है। कहां तो साले के लिए बहनोई अपना सब कुछ न्यौछावर कर देता है और कहां इन्होंने अपने साले को घर से बाहर निकाल दिया है । एक ताकतवर सेवानिवृत्त आई पी एस के इस आय ए एस दामाद ने उनके विशाल बंगले पर कब्जा कर लिया है । साले साहब किराये के मकान में रह रहे हैं ।

फिर मंत्री किस बात के

मध्यप्रदेश के एक मंत्री जिन्हें भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वी डी शर्मा का वरदहस्त प्राप्त है अपनी छिनी हुई ताकत को लेकर हैरान परेशान हैं । विभाग के  प्रमुख सचिव , मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री सचिवालय सीधे सीधे तबादला आदेश जारी कर देता है । विभागीय मंत्री का ना तो अनुमोदन लिया जा रहा है और ना ही उन्हें बाद में सूचना दी जा रही है । बताया जाता है विभाग के डायरेक्टर ही अपने विभाग के प्रमुख सचिव, मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री सचिवालय को साधने के साथ साथ सीधे सीधे मुख्यमंत्री निवास में दखल रखने रखे हैं । लिहाजा मंत्री सिर्फ नाम के ही रह गये हैं । 

अंदाज बदलने तैयार नहीं शिव के गण

संपूर्ण विश्व के साथ साथ मध्यप्रदेश को अपने शिकंजे में कसी कोरोना आपदा को लेकर भी शिवराज मंत्रिमंडल के सदस्य अपने काम करने के तौर तरीकों में बदलाव लाने तैयार नहीं हो रहे हैं। किसी को देर से जागने की आदत है तो कोई अपनी दोपहर की नींद त्यागना नहीं चाहता , कोई अपनी रात की महफ़िल में खलल नहीं चाहता है तो एक मंत्री अपनी अधूरी पूजा सार्वजनिक स्थान पर ही बैठकर पूरी कर लेते हैं । कुल जमा चाहें भी तो शिवगण कुछ करने की स्थिति में नहीं है । वजह सारे अधिकार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने पास ले रखें हैं । औपचारिकता के नाम पर मंत्रियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शामिल भर कर लिया जाता है ।

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