मुहब्बत के शहर में दहशत का शो रुम

गौरव चतुर्वेदी/  खबर नेशन/ Khabar Nation

डाक्टर साहब यह कैसा इलाज 

भारतीय जनता पार्टी में एक डाक्टर है हितेश  बाजपेई जिन्होंने बाकायदा चिकित्सा की शिक्षा पायी है। इन दिनों डाक्टर बाजपेई काफी लंबे समय से भाजपा की मुख्य धारा में काम कर रहे है, डाक्टर है सो इन्होने एक दवाखाना भी खोल दिया जिसमे राजनीतिक मुददो का इलाज किया जाता है, हालिया ऐसे ही एक मुददे पर डाक्टर साहब का इलाज समझ नहीं आया। कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ की सम्मान घोषणा को लेकर आरोप लगाया है कि देखे कैसे झूठ बोलते है? हर महिला को 1500₹ सम्मान निधि देने का डाक्टर साहब ने सारे हिसाब किताब लगाकर सरकार पर पढ़ने वाले बोझ की गणना 3600₹ करोड़ सालाना आंकी है। जनता समझा रहे कि आपके टेक्स  का पैसा काटकर बांटा जाएगा लेकिन बिजली सड़क पानी कहां से आएगी। वे इसे कांग्रेस की धोखेबाजी और छलावा बताते हुए यह भूल गए कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी अपनी लाड़ली बहनों के खाते में एक हजार रुपए डालना शुरू कर गए हैं।

ये कैसा विधान ?

विधान बनाने वाली संस्था में प्रशिक्षण देने के लिए पंडित कुंजीलाल दुबे संसदीय विद्यापीठ का गठन किया गया है। हाल ही में रिसर्च ऑफिसर के पद पर नियम विरुद्ध तरीके से एक नियुक्ति की गई है। इस पद के लिए ना तो साक्षात्कार हुआ और ना ही कोई लिखित परीक्षा। साधारण आवेदन पर योग्यता का पैमाना नापने मेरिट लिस्ट में तीसरे पायदान पर रहे चहेते उम्मीदवार को फायदा पहुंचा दिया गया। अब मंत्रालय के गलियारों में कैबिनेट के सहारे नियमित करने की सफल कोशिश की जा रही है।

डिजिटल बाबा का संकल्प

मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के पहले चहूंऔर धर्म की गंगा बह रही है। इस गंगा का आर्थिक लाभ देश के जाने-माने संत उठा रहे हैं। संतो और राजनेताओं के ऐसे कृत्यों को लेकर नर्मदा परिक्रमा पर निकले एक संत डिजिटल बाबा रामशंकर ने अनोखा संकल्प ले लिया है। वे जहां चाहे वहां बिना दान दक्षिणा के कथा करने तैयार है। डिजिटल बाबा पहले भी संकट में घिर चुके हैं। नर्मदा के अवैध रेत उत्खनन को लेकर जब लाइव रिकार्डिंग उन्होंने सोश्यल मीडिया पर प्रसारित की तो मध्यप्रदेश के एक सबसे बड़े रेत माफिया के इशारे पर पुलिस प्रशासन ने बाबा को यह सब करने से रोक दिया। देखना है संत बिरादरी में क्या हंगामा खड़ा होता है।

 

महापौर का प्रोटोकाल

सबके मित्र हैं पुष्यमित्र पर राजनीति है और राजनीति  में अपनी सुविधानुसार मित्र दुश्मन बनाए जाते हैं। सो कई दिग्गज इन्हें मित्र बनाने में संकोच करते रहते हैं। वजह है। मध्यप्रदेश के सबसे बड़े शहर इंदौर के महापौर है पुष्य मित्र भार्गव। बदलाव की राजनीति के तहत इन्हें आगे बढ़ाया गया। जिसके चलते कई सीनियरों के सीने पर सांप लोट गया । इन नेताओं के दिलों में आग की लपटें भी जबरदस्त तरीके से सुलग रही है। महापौर ने इन लपटों में झुलसने से बचने के लिए मेयर के प्रोटोकॉल को एक कोने पर रख दिया है। पार्टी मीटिंग हो या सरकारी समारोह संगठन के बड़े नेताओं को साधने में लगे रहते हैं पुष्यमित्र भार्गव।

ये कैसी रणनीति

मध्यप्रदेश के सबसे मालदार पूर्व मंत्री आगामी चुनाव की तैयारी में जुटे हुए हैं। कांग्रेस के रास्ते भारतीय जनता पार्टी मे अपनी मजबूत जड़े जमा चुके पूर्व मंत्री कटनी के संजय पाठक हैं। मजबूत जड़ का कारण भाजपा के छोटे बड़े नेताओं को हवाई यात्राएं कराना रहा है। इस गुण के सहारे वे कांग्रेस में भी मजबूत बने रहे। जनता के बीच सामाजिक और धार्मिक संगठनों के माध्यम से स्थापित पूर्व मंत्री अपनी विधानसभा में इन दिनों बड़ा धार्मिक आयोजन करवा रहे हैं। कार्यक्रम भव्य बनाने पैसा पानी की तरह बहाया है । प्रदेश की राजनीति में भागीदारी करने वाले उनके प्रचार अभियान को समझने की कोशिश में जुटे हुए हैं। क्षेत्र ठीक था, आसपास के इलाके भी ठीक थे, राजधानी भी ठीक थी, लेकिन प्रदेश के दूरस्थ इलाकों में प्रचार के होर्डिंग्स आखिर माजरा क्या है ?

मुहब्बत के शहर में दहशत का शो रुम

हाल ही में एक आय ए एस अफसर को सरकार की छवि बनाने की जबाबदारी सौंपी गई है। जहां की जबाबदारी सौंपी है वहां बड़े से लेकर अदना कर्मचारी भी मुहब्बत का तड़का लगाए बिना नहीं रह सकता। सिंहस्थ उज्जैन और इंदौर के स्वच्छता अभियान को लेकर खूब वाहवाही बटोर चुके हैं। इन दिनों मेट्रो को लेकर भी काम ठीक कर रहे हैं। बस इन्हें मुहब्बत की दुकान की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी है। नये अधिकारी अपने अच्छे काम के बावजूद अक्खड़पन के लिए  अफसरशाही की बिरादरी में जाने जाते हैं। अब हाल यह है कि विभाग को समझने के चक्कर में हर छोटे बड़े अधिकारी कर्मचारी को हड़काए जा रहे हैं। कर्मचारी अधिकारी चुप हैं कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के पसंदीदा अफसरों में गिने जाने वाले अफसर से पंगा कौन ले। वैसे एक बात बता दें कि इस मुहब्बत की दुकान में पहले भी एक दो अफसर अपनी गर्मी दिखाकर फलों का कड़वा स्वाद चख चुके हैं।

 

ज्योतिष शास्त्र की परीक्षा

मध्यप्रदेश के एक पूर्व वरिष्ठ आई पी एस अधिकारी सेवानिवृत्ति के बाद इन दिनों जबरदस्त तरीके से पढ़ाई कर रहे हैं।पढ़ाई सितारों से भविष्य बताने की है। हांलांकि उक्त सेवानिवृत्त आई पी एस  शौकिया तौर पर अध्ययनरत हैं। हाल ही में ज्योतिष शास्त्र की परीक्षा देकर वो फ्री हुए हैं।

 

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गौरव चतुर्वेदी

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