मुख्य सचिव के लिए अमित शाह की नजर का फेर

खबर नेशन / Khabar Nation

देवदुर्लभ और प्रोफेशनल टीम

मेनेजमेंट में माहिर मंत्री के बंगले पर एक चुनावी प्रोफेशनल टीम ने डेरा डाल दिया है। अपने अपने क्षेत्रों के सात आठ दिग्गज मिलकर मंत्री जी के लिए आगामी रणनीति बना रहे हैं और अंजाम दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि टीम आगामी चुनाव की रणनीति तैयार कर रही है। वैसे मंत्री जी को इसकी जरूरत नहीं है क्योंकि मंत्री जी की एक टीम बंगले पर आने वाले अपने क्षेत्र की जनता के स्वास्थ्य का और हर छोटी मोटी जरुरत का पूरा ख्याल रखते हैं। मंत्री जी विरोधी दल के लोगों को भी अपना मित्र बनाने में माहिर हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि देवदुर्लभ कार्यकर्ताओं के दल में कहीं कोई नई खिचड़ी तो नहीं पक रही।

 

जनकपुरी से परेशान गडकरी

केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी मध्यप्रदेश के एक लोकसभा क्षेत्र के सदस्य की मांग से परेशान हो उठे। उक्त सांसद दूसरे क्षेत्र की सड़क स्वीकृति के लिए दिलों जान से लगे हुए थे। गडकरी पूछ बैठे तो सांसद ने जबाब दिया कि जनकपुरी है साहब। जनकपुरी का मतलब जब गडकरी ने पूछा तो सांसद महोदय ने कहा ससुराल है मेरी। गडकरी ने मंजूरी दे दी पर सांसद को काम भी थमा दिया। सांसद राह में आने वाली बाधाओं को दूर करने के काम में जुटे रहे हुए हैं। सांसद मालवा क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं।

दवाखाना में गलत डोज

सोशल मीडिया पर कांग्रेस को उकसा उकसाकर हमला करने में माहिर भाजपा के डॉक्टर साहब पोलिटिकली गलत डोज का शिकार हो गए। कांग्रेस विधायकों पर ट्रैन में महिला के साथ अभद्रता के मामले में तेजी से महिला का पुलिसिया कथन सार्वजनिक कर बैठे। तेजी के चक्कर में पीड़ित महिला की पहचान उजागर हो गई। गति का नमूना देखिए किसी ग्रुप मेम्बर ने पूछा कि क्या ऐसा मामला हुआ है। डॉ साहब तैयार बैठे थे मिनिट भर का भी समय नहीं लगा और पुलिस का कथन सामने रख दिया। विचारणीय है कि डॉ साहब के पास यह कथन आया कहां से? पुलिस ने दिया या पीड़ित महिला ने या फिर पीड़ित महिला के किसी सहयोगी ने....... तारीफ़ तेजी की है

वजूद जताने में जुटे सांसद

मध्यप्रदेश की व्यावसायिक राजधानी इंदौर के सांसद शंकर लालवानी अपने वजूद का अहसास कराने में जुटे हुए हैं। ताई सुमित्रा महाजन और भाई कैलाश विजयवर्गीय के इर्द गिर्द घूमने वाली भाजपा की राजनीति करवट बदल रही है। अब शंकर ठहरे शंकर मौका देखकर चौका जड़ने की कोशिश में रहते हैं। सफाई में इंदौर का छक्का लगने पर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से पुरुस्कार लेने महापौर निगमायुक्त के साथ पहुंच गए। दूसरी बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दागी थानेदार पर जब अपनी नाराजगी जताकर कठोर तेवर दिखाए तो शंकर इसका भी श्रेय ले गए। शंकर मीडिया को बता गए कि यह कार्रवाई उनकी शिकायत पर ही हुई है।

खर्चा शिवराज मामा का जलवा सिंधिया महाराज का

 

भाजपा के सुपर स्टार गृहमंत्री अमित शाह मध्यप्रदेश के दौरे पर ग्वालियर आ रहे हैं। सुपर स्टार इसलिए की शाह की रणनीति पर सवार होकर भाजपा इस मुकाम पर पहुंची है। पूरी भाजपा और शिवराज सरकार शाह के दौरे को सफल बनाने में जुटी हुई है। शिवराज ने सरकारी खजाना खोलने में किसी भी प्रकार की कंजूसी नहीं बरती है। अब ग्वालियर में जलवा तो सिंधिया खानदान का ही जमता आया है कांग्रेस जनसंघ के जमाने से। देखना है नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के रहमो करम पर बनी शिवराज सरकार अपने खाते में कैसे उपलब्धि जोड़ेगी।

विदेश में दीवाली भाजपा कार्यालय में अंधेरा

भगवान महाकाल की नगरी में महाकाल लोक के लोकार्पण कार्यक्रम को मध्यप्रदेश सरकार और भाजपा संगठन ने इवेंट के तौर पर भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। प्रदेश के प्रमुख मंदिरों को दीपावली सा जगमग करने का मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रशासन को झौंक दिया। वीडी की टीम पीछे कैसे रहती शिवराज को पटकनी देने वैश्विक स्तर पर एन आर आई परिवारों से संपर्क साधा गया। विदेशी सहयोगीयों ने तो भरपूर मदद की पर घर में अंधेरा रहा। प्रदेश भाजपा कार्यालय सूनसान पड़ा रहा और एक दिया तक नहीं लग पाया।

IAS आई जी को थाने का प्रभार

मध्यप्रदेश के मुख्यसचिव इकबाल सिंह बैंस जो ठान लें वो करके रहते हैं। मध्यप्रदेश मंडी बोर्ड के एम डी का प्रभार अपर मुख्य सचिव अजीत केसरी को सौंप दिया। प्रशासनिक हलकों में इसे किसी आई जी को थानेदार बनाएं जाने जैसे देखा जा रहा है। मंडी बोर्ड में आयुक्त या सचिव स्तर के अधिकारी की ही तैनाती की जाती रही है।

मुख्य सचिव के लिए अमित शाह की नजर का फेर

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ए टीम मतलब सीनियर आईएएस अफसर के गुट के एक सदस्य देश के गृह मंत्री अमित शाह की नज़रों की कृपा चाहते हैं। इसके लिए जमकर प्रयास किए जा रहे हैं। अंदरखाने की खबर है कि मुख्य सचिव की रेस में शामिल एक एसीएस मुलाकात में सफल भी हो गये हैं। गुजरात कनेक्शन से शाह तक पहुंचे इस अफसर की सफलता असफलता महीने के आखिरी दिनों में ही नजर आ पाएगी।

 

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