परिसीमन को लेकर उच्च न्यायालय का फैसला सरकार की मनमानी पर तमाचा : राकेश सिंह
खबर नेशन / khabar Nation
भोपाल। नगरीय निकायों के परिसीमन में प्रदेश सरकार द्वारा की जा रही असंवैधानिक कार्यवाही पर न्यायालय की रोक से स्पष्ट हुआ है कि कांग्रेस सरकार का लोकतंत्र और संविधान पर कोई विश्वास नहीं है। वह मनमाने और अराजक तरीके से व्यवस्थाओं को चलाना चाहती है। इसलिए परिसीमन के आदेश के जो अधिकार राज्यपाल महोदय के होते है, उनका क्रियान्वयन सरकार द्वारा कलेक्टरों के माध्यम से कराया जा रहा था। न्यायालय का आदेश कांग्रेस सरकार के कारनामों पर करारा तमाचा है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री राकेश सिंह ने न्यायालयीन कार्यवाही पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले दिनों कांग्रेस की प्रदेश सरकार ने नगरीय निकाय के परिसीमन को लेकर जो कार्यवाही कलेक्टरों के माध्यम से प्रारंभ की थी वह मूलतः राज्यपाल के आदेश से ही प्रारंभ हो सकती है। सिद्ध होता है कि सरकार ने राजनैतिक लाभ लेने की दृष्टि से राज्यपाल के अधिकारों का हनन किया और कलेक्टरों को इस कार्यवाही के लिए अधिकृत कर दिया।
उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय की इंदौर खण्डपीठ ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार द्वारा परिसीमन को लेकर अपनाई गयी प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। न्यायालय के फैसले ने संवैधानिक अधिकारों का दुरूपयोग करने के सरकार के कृत्य पर तमाचा है। श्री सिंह ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि इसके बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार गवर्नर महोदय के अधिकारों में हस्तक्षेप नहीं करेगी और उसके साथ-साथ संवैधानिक दायरे के भीतर रहकर जनता के हितों की रक्षा करेगी।
श्री राकेश सिंह ने कहा कि सरकार ने परिसीमन को लेकर जो प्रक्रिया अपनाई थी, भारतीय जनता पार्टी ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि राज्यपाल महोदय के पास परिसीमन का अधिकार सुरक्षित है और इसलिए सरकार को चेताया गया था कि सरकार राज्यपाल महोदय के अधिकारों का अतिक्रमण न करे। लेकिन कांग्रेस सरकार ने मनमानी करते हुए हमारी बात नहीं मानते हुए परिसीमन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी। उन्होंने कहा कि सरकार के इस मनमाने निर्णय के खिलाफ हमारे पार्षद एवं कुछ अन्य लोग इंदौर उच्च न्यायालय की शरण में गए और उन्होंने इंदौर नगरनिगम का उदाहरण देते हुए यह बात स्पष्ट की कि किस तरह से सरकार द्वारा संविधान की धज्जियां उड़ाने की कोशिश कर रही है।
श्री राकेश सिंह ने कहा कि याचिका पर उच्च न्यायालय ने जो निर्णय दिया है वह न सिर्फ स्वागत योग्य बल्कि न्याय संगत निर्णय है। श्री सिंह ने कहा कि न्यायालय ने सरकार को सीधे तौर पर यह निर्देशित किया कि परिसीमन को लेकर जितनी भी कार्यवाही अभी तक की गई है वह भी रोकी जाती हैं। अतः यह पूरे प्रदेश पर लागू होगी