कमलनाथ सरकार निरंतर किसानों के हित में कार्य कर रही है,वही केंद्र की भाजपा सरकार का लगातार किसान विरोधी चेहरा

राजनीति Nov 29, 2019

 

खबर नेशन / Khabar Nation 

यूरिया की आपूर्ति में कमी कर एक बार फिर केंद्र सरकार का प्रदेश सरकार से सौतेला व्यवहार व किसान विरोधी चेहरा सामने आया है: नरेंद्र सलूजा

भोपाल, / मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने बताया कि मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार निरंतर किसानों के हित में कार्य कर रही है, उनके हित में निरंतर निर्णय ले रही है। चाहे किसानों की कर्ज माफी की बात हो या संकट के समय किसानों को राहत पहुंचाने की बात हो, लगातार मुख्यमंत्री कमलनाथ जी के नेतृत्व में पूरी सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है। वही केंद्र की भाजपा की मोदी सरकार का निरंतर किसान विरोधी रवैया सामने आ रहा है।

सलूजा ने बताया कि चाहे पूर्व में भावंतर योजना की 1073 करोड़ की राशि रोकने की बात हो या प्रदेश में अतिवृष्टि से आयी प्राकृतिक आपदा जिसमें करीब 55 लाख किसान प्रभावित हुए हैं, करीब 60 लाख हेक्टेयर फसलें बर्बाद हुई है, प्रदेश में करीब 16 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है, उसमें राष्ट्रीय आपदा कोष से बार-बार आग्रह कर 6621 करोड रुपए मांगने के बावजूद अभी तक मात्र 1 हजार करोड़ की राशि केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश सरकार के लिए स्वीकृत करने की बात हो या फसल बीमा योजना के प्रदेश सरकार द्वारा इस वर्ष के अपने हिस्से की प्रीमियम राशि 505 करोड रुपए जमा कराने के बावजूद केंद्र सरकार का फसल बीमा का लाभ देने से इंकार करना और शिवराज सरकार के कार्यकाल के दौरान पिछले 3 वर्ष के बाकी 2300 करोड़ चुकाने की शर्त रखने का मामला हो, जिसके कारण प्रदेश के लाखों किसान भाइयों का फसल बीमा योजना का लाभ मिलने से अभी तक वंचित होने हो का मामला हो या अब प्रदेश में रबी के सीजन में यूरिया की आपूर्ति का कोटा कम करने का मामला हो।

केन्द्र की मोदी सरकार का किसान विरोधी रवैया व प्रदेश के साथ सौतेला व्यवहार निरंतर सामने दिख रहा है। वही इस मामले में प्रदेश के भाजपा नेताओ व सांसदो का मौन भी प्रदेश के लाखों किसान भाई देख उनका किसान विरोधी आचरण खुद देख रहे है।

सलूजा ने कहा कि अतिवृष्टि और बाढ़ से किसानों की खरीफ फसलें चैपट होने के बाद किसान रबी फसलों से उम्मीद लगाए बैठे हैं। किसानों की इसी जरूरत का आँकलन कर मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने पूर्व में ही किसानों को पर्याप्त यूरिया की आपूर्ति को लेकर चिंता जताते हुए इसको लेकर पूर्व में ही प्रयास शुरू कर दिये थे। प्रदेश में 30 से 40 प्रतिशत ज्यादा बारिश की वजह से किसानो की रबी की फसल में ज्यादा बोवनी को देखते हुए प्रदेश सरकार ने कृषि विभाग से इस रबी सीजन के लिए 18 लाख मिट्रीक टन यूरिया देने की मांग रखी थी लेकिन उसके बावजूद भी इस मांग को घटाकर इस पूरे सीजन के लिए कोटा 15 लाख 40 मिट्रीक टन तय कर दिया।वहीं अक्टूबर से नवंबर तक 8.75 लाख मिट्रीक टन की मांग के बावजूद 6.70 मिट्रीक टन की आपूर्ति ही सुनिश्चित की गयी।

मुख्यमंत्री कमलनाथ जी के नेतृत्व में कृषि विभाग पिछले 3 माह से यूरिया की आपूर्ति को लेकर प्रयासरत था। इसके कारण प्रदेश के पास पिछले साल के मुकाबले अभी भी 76 हजार मिट्रीक टन अधिक यूरिया उपलब्ध है। वही पिछले साल के मुकाबले 68 हजार मिट्रीक टन अधिक की बिक्री हो चुकी है।

प्रदेश सरकार यूरिया की आपूर्ति को लेकर निरंतर प्रयासशील है। प्रदेश में यूरिया का किसी भी प्रकार का कोई संकट नहीं है। भविष्य में भी किसानों को यूरिया की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी।

मुख्यमंत्री कमलनाथ जी स्वयं इसको लेकर निरंतर प्रयास शील हैं और लगातार केंद्र सरकार से यूरिया की आपूर्ति का कोटा बढ़ाने का आग्रह कर रहे हैं। पूरे प्रदेश में प्रशासन को किसानों को पर्याप्त यूरिया की आपूर्ति को लेकर निर्देश पूर्व में ही जारी किए जा चुके हैं। लेकिन केन्द्र सरकार ने यूरिया का कोटा कम कर अपना किसान विरोधी रवैया एक बार फिर दिखा दिया है।

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