पुलिस सड़कों पर लगाती रही गश्त, झरने पर लग गया मेला


अमित सोनी खबर नेशन Khabar Nation
रायसेन/सांची,
जिले के सांची नगर से लगभग डेढ़ किमी की दूरी पर स्थित गुलगांव रोड पर बहने वाले झरने पर क्षेत्र सहित बाहर से आने वाले लोगों का लुत्फ उठाने मेला लग गया । मामला रविवार को जब सारा प्रदेश लॉकडाउन पर था तथा नगर की पुलिस भी सड़कों पर गश्त लगाने तक सीमित थी तब झरने पर मेला चल रहा था। 
वैसे तो रविवार को शासन के निर्देशानुसार सारा प्रदेश लॉकडाउन लगने के कारण पूरी तरह बंद था और बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ था। तब इस ऐतिहासिक नगरी से मात्र डेढ़ किमी की दूरी पर स्थित गुलगांव मार्ग पर स्थित झरना जो लगातार दो दिन की भारी बारिश से चल पड़ा । इस झरने पर क्षेत्र सहित विदिशा भोपाल तक के लोग आनंद उठाने आते हैं। जब यह झरना चलता है तब इस झरने की कल कल ध्वनि बड़ी मधुर सुनाई पड़ती है तथा इसमें से बहने वाला पानी एक दम तपा हुआ लगता है। दूध जैसा बहने वाले जल का जहां लोग नजारा देखने आते हैं तो बहुत से शौकीन इस झरने से नहाने का भी आनंद उठाते दिखाई दे जाते हैं। इस प्रसिद्ध झरने पर मेला जैसा माहोल बना जाता है हालांकि लॉकडाउन के चलते तथा कोरोना जैसी महामारी को हराने शासन प्रशासन लोगों को घरों में रहने के लिए लॉकडाउन लगाकर प्रयासरत हैं। इस नगर की पुलिस भी लॉकडाउन का पालन कराने मात्र नगर की सड़कों पर पुलिस सायरन की आवाज तथा लोग घरों से बाहर न निकले यहीं तक सीमित होकर रह जाती है। नगर में अनावश्यक निकलने तथा बिना मास्क वालों पर चाहे दुकानदार हो चाहे बाहरी व्यक्ति हो नियंत्रण लगाने के लिए जुर्माना ठोकते दिखाई दे जाती है। इतना ही नहीं पुलिस उनको भी नहीं छोड़ती जो होटलों में चाय की चुस्की लेते दिखाई देते हैं ऐसे अनेक मामले भी सामने आ चुके हैं जब लोगों के हाथ में चाय के प्याले होते हैं तब उन पर भी पुलिस कर्मी जुर्माना लगाते दिखाई दे जाते हैं। तब अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुलिस कितनी ऐसे मामलों में गंभीर बनी हुई है कि बिना मास्क के चाय पीने वाले भी पुलिस के शिकंजे में आ जाते हैं जिससे पुलिस की कार्यप्रणाली भी चर्चित हो चुकी है साथ ही पुलिस नगर की सड़कों तक ही सिमट कर रह जाती है। जबकि मात्र डेढ़ किमी की दूरी पर झरने पर मेला लगने लगता है जिसमें महिलाओं पुरुषों बच्चों की बड़ी संख्या होती है तब यहां न तो मास्क लगाएं लोग ही नजर आते हैं न ही डिस्टेंस का पालन ही हो पाता है। लोग एक दूसरे से गुत्थमगुत्था होकर फोटो खिंचवाने तथा हुड़दंग करते दिखाई दे जाते हैं। तब मप्र की तर्ज पर इस ऐतिहासिक नगरी में पुलिस कोरोना जैसी महामारी से लोगों को कैसे सुरक्षित रखने में सफल हो पायेगी तथा शासन प्रशासन के दिशा निर्देशों का कैसे पालन करवाने में सफल हो सकेगी। तब आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस झरने पर लगने वाला मेला कहीं कोराना का बम फोड़कर लोगों की मुसीबत न बन जाए।

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