मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जैन ने मानव अधिकार हनन से जुड़े दो मामलों में संज्ञान लेकर संबंधितों से जवाब मांगा

खबर नेशन / Khabar Nation
जिला अस्पताल अशोकनगर में घोर अव्यवस्थाओं से मरीज परेशान

कई दिनों से बंद पड़ी है लिफ्ट, मरीज आखिर कैसे जायें तीसरी मंजिल पर...?

कलेक्टर और सीएमएचओ बतायें - लिफ्ट कब लगी थीं..? एएमसी है या नहीं..?

अशोकनगर का जिला अस्पताल मरीजों की सुविधा और सुरक्षा की दृष्टि से उपयुक्त नहीं है। राज्य शासन द्वारा करोड़ों रूपये के बजट खर्च करने के बाद भी जिले के लोगों को वह सुविधाएं नहीं मिल पा रहीं हैं, जिनके संसाधन अस्पताल भवन में मौजूद हैं। भवन की तीसरी मंजिल पर मरीजों को आने-जाने की सुविधा लिफ्ट सिस्टम लगवाया था, जो पिछले कई वर्षों से बंद पड़ा है। डाॅक्टर, नर्सिंग स्टाॅफ, मरीज व उनके परिजन, प्रसूतायें एवं आॅपरेशन कराने वाले भर्ती मरीजों को लिफ्ट होने बाद भी सीढ़ियां चढ़कर अपने वार्डों तक जाना पड़ता है। जिससे अनेकों बार मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मरीजों को हो रही भारी कठिनाईयों को संज्ञान में लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, अशोकनगर से कड़े शब्दों में तीन सप्ताह में तथ्यात्मक जवाब मांगा है। आयोग ने कलेक्टर व सीएमएचओ से पूछा है कि जिला अस्पताल में लिफ्ट कब लगी थी..? उसकी फिलहाल क्या स्थिति है...? उसका वार्षिक रख-रखाव अनुबंध (AMC-ANNUAL MAINTENANCE CONTRACT) है या नहीं...? इस समय लिफ्ट कब से खराब है...? इसे ठीक कराने का प्रयास अबतक क्यों नहीं किया गया...?

पानी से भरी गिट्टी खदान में नहाने गए चार किशोर डूबे

कलेक्टर मंदसौर बतायें- मृत बच्चों के वारिसों को मुआवजा दिया या नहीं...?

मंदसौर जिले के संजीत रोड़ स्थित गांव मूंदड़ी में बीते बुधवार को गिट्टी खदान में भरे पानी से चार किशोर डूबे गए। एनडीआरएफ के गोताखोरों ने शाम तक चारों शव निकाल लिये। ये सभी अभिनंदन क्षेत्र की कालोनियों के रहने वाले थे। वायडी नगर थाना प्रभारी ने बताया कि दीपक सिंघला निवासी कल्पना नगर, कुणाल कछावा निवासी शंकर विहार, ध्रुव शर्मा, तरूण सोलंकी दोनों निवासी अभिनंदन नगर, मंदसौर शहर अपने दो अन्य साथियों के साथ शहर से करीब आठ किमी दूर गांव मूंदड़ी के आसपास गिट्टी की खदानों में भरे पानी में नहाने गये थे। दो किशोरों को तैरना नहीं आता था, तो वे पानी में नहीं उतरे। दीपक सिंघला, कुणाल कछावा, ध्रुव शर्मा, तरूण सिंह सोलंकी नहाने के लिये खदान में उतर गये। खदान गहरी होने से चारों ने बाहर निकलने की कोशिश तो की, लेकिन असफल रहे। पानी के बाहर खड़े किशोरों ने लोगों को घटना की जानकारी दी। थाना प्रभारी पुलिस बल सहित घटनास्थल पहुंचे और शाम तक चारों बच्चों के शव निकाल लिये गये। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर मंदसौर से पूछा है कि मृत बच्चों के वारिसों को मुआवजा राशि दी गयी है या नहीं...? कलेक्टर एक माह में तथ्यात्मक प्रतिवेदन दें।

 

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