शिवराज बड़वानी के 68 अंध पीड़ितों से माफी माँगे

 

 

नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने मुख्यमंत्री से पूछा है कि क्या बड़वानी में जन-आशीर्वाद यात्रा के दौरान उन्होंने उन 68 लोगों के साथ उनके परिवार से भी आशीर्वाद लिया जिनकी आंखों की रोशनी सरकारी अस्पताल में हुए आपरेशन के बाद छिन गई थी वे जीवन भर के लिए अंधे हो चुके हैं। श्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री को अपनी आशीर्वाद यात्रा में उन्हें अपने तंत्र के कारण जिन लोगों की आंखों की रोशनी चली गई उनसे और उनके परिवार से माफी मांगना चाहिए।

नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा कि इन लोगों का आशीर्वाद मुख्यमंत्री को जरूर लेना चाहिए था। श्री सिंह ने कहा कि 68 लोगों की जीवन भर के लिए रोशनी छीनने के बदले में 5000 रूपए की पेंशन तो शिवराज जी दे रहे हैं लेकिन जिन लोगों के कारण इन लोगों के आंखों की रोशनी गई उन पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। सरकार जिन लोगों की आंखों की रोशनी गई उनके प्रति कितनी संवेदनशील है इसका पता चलता है कि जिला चिकित्सालय बड़वानी के सिविल सर्जन डॉ़. अमर सिंह विशनार के खिलाफ तय समय सीमा में आरोप पत्र ही पेश नहीं किया जिसके कारण वे बहाल हो गए।

बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था में अव्वल रहने का दावा करने वाली शिवराज सरकार ने स्वयं स्वीकारा की एक व्यक्ति के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण आंखों जैसी अंग के आपरेशन में ऑपरेटिव प्रोटोकाल का पालन नहीं किया गया। ओटी मानक स्तर की नहीं थी, उपकरण संक्रमित थे और स्टाफ आंख के आपरेशन को लेकर प्रशिक्षित नहीं था। श्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जो जनता को भगवान कहते हैं उनके राज में आम लोगों के जीवन के साथ इस तरह खिलवाड़ होता हैं। उन्होंने कहा कि आज तक दोषियों पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। 68 लोगों के आंखों की रोशनी छीनने वाले आज भी अपना जीवन शानदार तरीके से जी रहे हैं और सरकार उन्हें वेतन दे रही है। जिस कंपनी की दवा का इस्तेमाल हुआ उसे पहले ब्लेक लिस्टेड किया अब फिर से उससे दवा सरकार खरीद रही है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जिन लोगों को सरकार पेंशन दे रही है उन्हें हर माह जीवितता प्रमाण-पत्र देने जाना पड़ता है जो पहले ब्‍लॉक मेडिकल आफिसर, फिर सीएमएचओ इसके बाद मुख्यालय सामाजिक न्याय विभाग प्रकरण जाता है, तब जाकर उन्हें पेशन मिलती है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश को पूरे देश में शर्मसार करने वाला आंख फोड़ कांड करने वाली सरकार बड़वानी में आशीर्वाद मांगने गई है। तीन साल होने आ रहे हैं एक बार भी इन परिवारों को नहीं बुलाया कभी नहीं पूछा किस हाल में हैं। शिवराज सरकार ने लोगों के दुःख को खरीदने का काम शुरू कर दिया है। जिसने अत्याचार की शिकायत की उसे चुप करा देती है। किसानों पर गोली चलाई फिर उन्हें खरीदने की कोशिश की। यहां तक कहा कि गोली मारना जरूरी था। इसलिए मैं कहता हूं कि मुख्यमंत्री की यह जन नहीं जबरन-आशीर्वाद यात्रा है।

 

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