विश्व व्यापार में मध्यप्रदेश बड़ी भूमिका निभाएगाः लुणावत

खबर नेशन / Khabar Nation

                भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष  विजेश लुणावत ने कहा कि मध्यप्रदेश के सात उत्पादों को विश्व व्यापार की पात्रता के लिए जीआई टेग हासिल है। विश्व व्यापार में भारत की सहभागिता मात्र 1.6 प्रतिशत है। इसे बढ़ाने के लिए मध्यप्रदेश में निर्यात संवर्धन बोर्ड का गठन किया गया है, साथ ही प्रदेश के अन्य उत्पादों को जीआई टेग की गणना में शामिल किए जाने के उपाय किए गए है। जिसका परिणाम जल्दी ही सामने आयेगा। उन्होंने कहा कि निर्यात संवर्धन प्रदेश को विदेशी मुद्रा अर्जन में सहायक होता है। मध्यप्रदेश के क्षेत्रीय अंचलों की पहचान कुछ विशिष्ठ उत्पादों से है। इन उत्पादों को जीआई टेग देकर यदि प्रोत्साहित किया जाता है तो मध्यप्रदेश विश्व व्यापार में बड़ा खिलाड़ी बन सकता है। क्षेत्रीय उत्पादों में चंदेरी साडी, बुरहानपुर की मावा मलेबी, इंदौर का पोहा, ग्वालियर का जाली कार्य विश्व स्तर पर सराहा जाता है लेकिन इन्हें जीआई टेग मिलना बाकी है।

                उन्होंने कहा कि निर्यात किए जाने वाले उत्पादों में मध्यप्रदेश की औषधियों का पहला नंबर है। मध्यप्रदेश के बासमती चांवल को जीआई टेग दिए जाने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे है। मध्यप्रदेश के बासमती और गैर बासमती चावल की देश विदेश में पहचान है, लेकिन जीआई टेग नहीं होने से इसके सीधे निर्यात का लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है, लेकिन जिस तरह बासमती चांवल की जीआई टेग के लिए गणना किए जाने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे है। उसका सुखद परिणाम सामने आयेगा। आशा है कि भारत की 2.4 मिलियन डाॅलर की निर्यात व्यापार की भागीदारी बढ़कर 2022 तक 10 मिलियन डाॅलर की हो जायेगी।

                श्री लुणावत ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए मध्यप्रदेश के जिन सात उत्पादों को जीआई टेग स्वीकृत है उनमें चंदेरी वस्त्र, इंदौर के चमड़े के खिलौने, बाघ प्रिंट, दतिया टीकमगढ़ के बर्तन, महेश्वर की साड़ी, रतलाम की सेव और झाबुआ का कड़कनाथ शामिल है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चैहान ने निर्यात संवर्धन बोर्ड के माध्यम से जो प्रयास किए है उससे जल्दी ही प्रदेश के बासमती और गैर बासमती चावल का निर्यात बढने की प्रबल संभावना है। जीआई टेग मिलते ही चावल का बडी मात्रा में निर्यात आरंभ हो जायेगा जिससे विश्व व्यापार में मध्यप्रदेश के हिस्सेदारी बढ जायेगी।

 

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