मानव अधिकार आयोग ने तीन मामलों में मांगा संज्ञान


तीन मामलों में संज्ञान

Khabar Nation 

भोपाल

मप्र मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष श्री मनोहर ममतानी ने विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित प्रथम दृष्टया मानव अधिकार उल्लंघन के ‘ तीन मामलों में संज्ञान’ लेकर संबंधितों से जवाब मांगा है।

चचेरे भाई ने नाबालिग से किया दुराचार

भोपाल जिले के छोला मंदिर थानाक्षेत्र में 
बीते शनिवार को एक 21 वर्षीय व्यक्ति ने अपनी 16 वषीर्य चचेरी बहन के साथ कथित तौर पर दुराचार करने का मामले सामने आया है। घटना सितंबर माह की बताई जा रही है। जब पीड़ित की मां बीमार पड़ गई और उसकी सर्जरी हुई, जब आरोपी चचेरा भाई अपनी मां के साथ पीड़िता की मां को देखने आए, तब आरोपी व्यक्ति ने नाबालिग के साथ दुराचार किया। हाल ही में जब नाबालिग बीमार हुई और उसे डाॅक्टर के पास ले जाया गया, तो पता चला कि नाबालिग गर्भवती है, तब उसने अपनी मां को घटना के बारे में बताया और पुलिस में मामला दर्ज कराया। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने पुलिस कमिश्नर, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर पीड़ित बालिका के परामर्श/देखभाल/स्वास्थ्य के संबंध में कार्यवाही के साथ उसके गर्भवती होने से ऐसे गर्भ को निरन्तर रखे जाने या गर्भपात के समाधान के संबंध में भी विधिक शीघ्र कार्यवाही कराकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।


खुले चेंबर में गिरने से बुजुर्ग की मौत

भोपाल जिले के बैरागढ़ थानाक्षेत्र में तीन साल पहले
 भारतीय स्टेट बैंक के पास मुख्य सड़क पर बने चेंबर में गिरने से एक बुजुर्ग व्यक्ति की मौत हो गई थी। तीन साल चली जांच के बाद पुलिस ने नगर निगम के खिलाफ लापरवाहीपूर्वक काम करने का प्रकरण दर्ज कर लिया है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने पुलिस कमिश्नर भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर मृतक के परिजन को शासन से मिलने वाली आर्थिक सहायता के संबंध में तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है।

शिक्षक ने छात्रा को मारा डंडा
भोपाल जिले के माध्यमिक शाला, नेपानिया सूखा मे
 एक शिक्षक द्वारा छठवीं की छात्रा को डंडा मारने का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार बीते शुक्रवार को छात्रा कक्षा में उधम कर रही थी, इसलिये स्कूल के शिक्षक ने छात्रा को डंडा मार दिया। डीईओ, भोपाल द्वारा मामले की जांच कराई जा रही है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने डीईओ, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर पीड़ित छात्रा के लिये आवश्यक परामर्श एवं सुरक्षा के संबंध में की गई कार्यवाही के बारे में तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है। 

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