समाज परिवर्तन का आंदोलन है संघ

राजनीति Sep 20, 2018

खबरनेशन/Khabarnation  
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का महाविद्यालयीन विद्यार्थी संघ शिक्षा वर्ग (प्रथम वर्ष) के प्रकट समारोह को प्रख्यात अभिनेता राजीव वर्मा और मध्य क्षेत्र प्रचारक दीपक विस्पुते ने किया संबोधित

भोपाल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समाज परिवर्तन का आंदोलन है। संघ के कार्यकर्ता समाज जागरण के कार्य में संलग्न हैं। संघ मानता है कि देश का आम जनमानस जब तक खड़ा नहीं होगा, तब तक देश का परिवर्तन संभव नहीं। बाकि सब बदलाव सहायक होते हैं, किंतु स्थायी परिवर्तन जनमानस के जागृत होने पर आता है। संघ शाखा के माध्यम से व्यक्ति निर्माण का कार्य करता है। इसके साथ ही देश की सभी सज्जनशक्तियों के माध्यम से अपने देश को शीर्ष पर ले जाने के लिए हम प्रयासरत हैं। यह विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मध्य क्षेत्र के क्षेत्र प्रचारक दीपक विस्पुते ने व्यक्त किए। महाविद्यालयीन विद्यार्थियों के संघ शिक्षा वर्ग (प्रथम वर्ष) के प्रकट समारोह में उनका मुख्य वक्तव्य हुआ। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में प्रख्यात अभिनेता एवं संस्कार भारती, मध्य प्रांत के अध्यक्ष राजीव वर्मा उपस्थित रहे।

            क्षेत्र प्रचारक दीपक विस्पुते ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि संघ को जो जिस रूप में देखता है, उस रूप में उसकी कल्पना करता है। कोई संघ को सेवा कार्य करने वाला संगठन मानता है, कोई मैदान पर खेल-कूद करने वाले बच्चों का संगठन तो कोई और कुछ मानता है। किंतु, संघ वास्तव में सामाजिक परिवर्तन का आंदोलन है। संघ ने अपने प्रारंभ से ही तय किया हुआ है कि वह अकेला नहीं चलेगा। वह समाज को साथ लेकर चलेगा। समाज जागरण का कार्य भी समाज की सज्जनशक्ति को साथ लेकर करेगा। उन्होंने बताया कि संघ किसी के विरोध में खड़ा नहीं हुआ है। संघ सबको साथ लेकर चलने के लिए खड़ा हुआ है। इसलिए संघ अनेक प्रकार के आरोप-प्रत्यारोप में नहीं पड़ता। हम मानते हैं कि समूचा समाज ही हमारा अपना है। आपातकाल की परिस्थितियों को बताते हुए उन्होंने कहा कि आपातकाल में संघ पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। समाचार-पत्र भी सरकार की अनुमति के बिना कुछ लिख नहीं सकते थे। ऐसी कठिन परिस्थितियों में संघ ने संवैधानिक मर्यादा में रहकर आपातकाल का पुरजोर विरोध किया। हजारों की संख्या में स्वयंसेवक जेल गए।

            विस्पुते ने कहा कि भारत के हिंदुत्व की सराहना दुनिया में हो रही है। सत्य की निरंतर खोज ही हिंदुत्व है। उन्होंने कहा कि हमें वैश्विक सोच रखनी चाहिए और उसे स्थानीय स्तर पर क्रियान्वित करना चाहिए। सक्रिय होकर भारत के प्रति कार्य करने की भावना हम सबको रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऋग्वेद में लगभग 33 बार आर्य शब्द का उल्लेख है। आर्य अर्थात् श्रेष्ठ। हम सब मिलकर दुनिया को श्रेष्ठ बनाने का कार्य करेंगे।

 

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