सर्वोच्च न्यायालय का यह देश हितैषि आदेश पूरे देश में लागू हो- रघुनन्दन शर्मा

राजनीति Jul 31, 2018


खबरनेशन/Khabarnation
       

 आज हमारे देश के लिए एक ऐतिहासिक दिन है जब असम की एन.आर.सी. का पहला पूर्ण ड्राफ्ट प्रकाशित किया गया है। हमारे देश में घुसपैठिए कितने हैं, इस बात को तो रहने ही दीजिए लेकिन हमारे देश की किसी भी एजेंसी के पास यह डाटा भी नहीं है कि हमारे देश में वास्तविक भारतीय नागरिकों की संख्या कितनी है। हमारे पास जनगणना के आंकड़े हैं जिनमें वैध नागरिकों एवं घुसपैठियों की पहचान के लिए असम में एन.आर.सी. (नेशनल रजिस्टर आॅफ सिटीजन) को अद्यतन करने का देशहित में स्वागत योग्य आदेश दिया।

         भारत रक्षा मंच माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशन व निगरानी में पूर्ण हुई एन.आर.सी. के ड्राफ्ट का स्वागत करता है साथ ही इस कठिन और उलझनों से भरे हुए काम को अंजाम तक पहुंचाने में अनथक परिश्रम करने वाले एन.आर.सी. टीम के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों के प्रति हृदय से धन्यवाद ज्ञापित करता है।

         देश की सीमाओं की सुरक्षा के प्रति सरकारों व प्रशासन के लापरवाही पूर्ण रवैए, वोटों की लालची राजनीतिक पार्टियों द्वारा घुसपैठियों को बसाने व देश के धार्मि, सामाजिक एवं राजनैतिक चरित्र को बदलने की फिराक में लगी ताकतों के कारण भारत बांग्लांदेशी घुसपैठियों के लिए चरागाह बन गया था। एक अनुमान के मुताबिक देश में लगभग 5 से 6 करोड़ बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं। इन घुसपैठियों की पहचान के लिए जिस प्रकार से असम की एन.आर.सी. का अपडेशन किया गया है, उसी प्रकार से पूरे देश में एन.आर.सी. के आधार पर घुसपैठियों की पहचान एवं उन्हें बाहर करने की माॅग भारत रक्षा मंच करता है क्योंकि बांग्लादेशी घुसपैठिए अब देश के कोने-कोने तक में बस गए है।

         आज जारी एन.आर.सी. ड्राफ्ट के मुताबिक तकरीबन 40,70,707 लोगों को संदिग्ध नागरिकों की सूची में डाला गया है। हालांकि उन्हें अपनी नागरिकता सिद्ध करने का पूरा अवसर मिलेगा। एन.आर.सी. ड्राफ्ट पर दावों और आपत्तियों के निराकरण के पश्चात् असम की पूर्ण व अंतिम एन.आर.सी. हम सबके सामने होगी। आप कल्पना करें कि अकेले असम में 40 लाख संदिग्ध लोग हैं तो पूरे देश में ऐसे संदिग्ध लोगों की कितनी संख्या होगी?

         भारत रक्षा मंच की माॅंग है कि अंतिम एन.आर.सी. के बाद चिन्हित घुसपैठियों के समस्त भारतीय पहचान-पत्र, मतदाता पहचान पत्र, लायसेंस, राशन कार्ड, पैन कार्ड आदि तत्काल प्रभाव से निरस्त किए जाने चाहिए।

         भारत रक्षा मंच इस तथ्य को जानकर अत्यंत व्यवस्थित व दुखी है कि हमारे देश में घुसपैठ विरोधी कोई कानून नहीं है, यह जानकारी स्वयं देश के गृह राज्यमंत्री  किरन रिजीजू जी ने राज्यसभा में एक प्रश्न के जवाब में कुछ दिनों पहले दी है। भारत रक्षा मंच की मांग है कि भारत सरकार जल्द से जल्द एक घुसपैठ विरोधी कठोर कानून देश को दे जिसमें घुसपैठ करने वाले, घुसपैठ कराने वाले, घुसपैठियों को पहचान-पत्र देने वाले, घुसपैठियों को रोजगार, आवास, संरक्षण या किसी भी प्रकार की मदद देने वालों के लिए कठोर दंड का प्रावधान हो। घुसपैठियों के भारत में ही रहने देने की बात करने वाले सिरफिरे नेताओं की देश विरोधी मानसिकता की भारत रक्षा मंच निंदा करता है। यह भारत को भविष्य में खंडित करने का षडयंत्र है तथा मांग करता है कि एन.आर.सी. बनाने का अतिशीघ्र संपूर्ण भारत के सभी राज्यों में करके इसे लागू किया जाए।

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