विधायकों से मिलने का दबाव बनाकर आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे दिग्विजय
पार्टी ने निर्वाचन आयोग से की दिग्विजय सिंह और मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राज्यसभा उम्मीदवार दिग्विजय सिंह ने प्रदेश सरकार के मंत्रियों के साथ बेंगलुरु जाकर जिस तरह से वहां रुके हुए विधायकों से जबरदस्ती मिलने का प्रयास किया, जिस तरह का हंगामा किया और वहां की शांति व्यवस्था के लिये जिस तरह की समस्याएं पैदा की, वो आदर्श आचार संहिता का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन है। भारतीय जनता पार्टी ने दिग्विजय सिंह और मंत्रियों के इस आचरण की शिकायत निर्वाचन आयोग से करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
भारतीय जनता पार्टी द्वारा देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त, प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी और राज्यसभा चुनाव के रिटर्निंग आॅफिसर को की गई शिकायत में कहा गया है कि राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार दिग्विजय सिंह प्रदेश सरकार के 9 मंत्रियों और अन्य लोगों के साथ बेंगलुरु गए हैं। उनका उद्देश्य बेंगलुरु में रह रहे राज्य विधानसभा के 16 सदस्यों पर इस बात के लिए दबाव डालना है, ताकि वे 26 मार्च को होने वाले राज्यसभा चुनाव में उन्हें ही वोट दें। शिकायत में कहा गया है कि दिग्विजय सिंह ने इन 16 विधायकों पर दबाव डालने की नीयत से उनसे जबरदस्ती मिलने का प्रयास किया, जबकि विधायकों ने दिग्विजय से मिलने से मना कर दिया था। अपनी इस कोशिश में सफल न होने पर दिग्विजय सिंह और उनके साथियों ने बेंगलुरु में धरना प्रदर्शन किया तथा कानून व्यवस्था के लिये समस्याएं पैदा कीं। शिकायत में कहा गया है कि दिग्विजय सिंह राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशी हैं, इसलिए उनके द्वारा विधायकों पर इस तरह दबाव डालना, उन्हें प्रभावित करने का प्रयास करना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। इसलिए दिग्विजय सिंह और प्रदेश सरकार के 9 मंत्रियों के खिलाफ समुचित कार्रवाई की जाए, ताकि राज्यसभा के चुनाव शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से संपन्न हो सकें। भारतीय जनता पार्टी द्वारा शिकायत के साथ दिग्विजय सिंह के साथ बेंगलुरु में मौजूद प्रदेश सरकार के मंत्रियों की सूची भी निर्वाचन आयोग को दी गई है।